
सिरोही(हरीश दवे)।

शहर के सबसे बड़े नवरात्रि गरबा महोत्सव के आयोजक जगदंबे नवयुवक मंडल सिरोही द्वारा आयोजित गरबा आयोजन में अष्टमी को विराट महा आरती का आयोजन हुआ जिसमें 1008 दीपक से श्रद्धालु भक्तों ने मां की स्तुति वंदना की वही रात्रि को गरबा नृत्य में भक्तों ने सुर , लय, ताल के साथ कदम से कम मिला आस्था व श्रद्धा देर रात तक हिलोरे लेती रही।
मंडल के मुख्य संरक्षक सुरेश सगरवंशी के अनुसार नवरात्र के अवसर पर पंडाल में विराजीत मां जगदम्बा की प्रतिमा का श्रृंगार और दसों भुजाओं में अस्त्र शस्त्र धारीत सिंह पर सवार महिषासुर राक्षस का वध का साक्षात दर्शन सभी को मोहित कर रहा है। आकर्षक आदमकद प्रतिमा जिसे बंगाली कलाकारों ने बनाया है। गरबा पांडाल में बड़ी साइज में लगाई गई एलईडी स्क्रीन पर लाइव प्रसारण किया जा रहा है।
रविवार को आठवे दिन मां के भक्तों ने झूमते हुए सुर,ताल व नृत्य के संगम में देर रात तक गोते लगाए। रामझरोखा परिसर में जहां आस्था हर मन पर हावी रही वहीं दर्शकों को सुरीले गुजराती गीतों के बीच उम्दा नृत्य करते भक्तों के सैलाब ने इस संगम को देर रात तक अविरल बहने को बाध्य किया। पंडाल में साउंड सिस्टम में गूंजते गुजराती गरबा गीतों व कर्णप्रिय संगीत पर जमकर कदम थिरके और नॉन स्टॉप गरबा रास में युवक युवतियां बिना थके कदम व ताल से ताल मिला नाचे रहे।

महाआरती में झिलमिल रोशनी के बीच उतारी आरती –
अष्टमी के अवसर पर विशेष आयोजन के तहत रामझरोखा मैदान में रविवार रात एक साथ 1008 दीपक प्रज्वलित करके श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की आरती उतारी,इस मौके पर पूरा माहौल भक्ति भावना में रम गया। धवल चांदनी रात में जब एक साथ 1008 दीप टिमटीमाये तो पूरा परिसर खुशनुमा बन गया और जगमग हो उठा। माहौल ऐसा बना कि आसमान से तारे धरा पर उतर आए हो। आरती के में भाग लेने उमड़े शहरवासी युवक युवतियों सहित बच्चे सभी श्रद्धालु शक्ति की भक्ति में लीन होकर अपने हाथों में दीपक उठाकर मां दुर्गा की आराधना में खो गए। इस मौके पर मंडल की ओर से रंगीन आकाशीय आतिशबाजी भी की गई। इसी तरह बड़ी ब्रम्हपुरी में यजमान डॉ बिंदु देवदत्त पुरोहित के यजमानत्व में धूम धाम से चल रहे नवरात्रि महोत्सव में आचार्य राजेश त्रिवेदी के आचार्यत्व में होमाष्टमी के दिन हवन हुआ जिसमें डॉ उषा पुरोहित, श्रीमती उमा शेखर (रोहिडा) व समाज बन्धुओ ने यज्ञ में समिधाओं की आहुतियां दी व पूर्णाहुति के अवसर पर महेंद्र दवे,ईश्वर दवे,सुरेश जी दवे,मधुसदन जी,हरीश दवे,डायालाल (नांदिया)जयेश त्रिवेदी कोजरा, श्रीमती पुष्पा त्रिवेदी, मधु दवे, कल्पना पृरोहित,जया तारा पुरोहित, पूजा त्रिवेदी, भारती दवे,मधु बेन समेत दर्जनों मातृ शक्ति ब स्थानीय जन मोजूद रहे।

संपादक भावेश आर्य