राजनीति

भाजपा प्रत्याशी ओटाराम रचेंगे इतिहास या लोढा रखेंगे सल्तनत बरकरार, सिरोही जिले की तीनों सीटो पर हिंदुत्व राम लहर या विकास लहर

मतदाताओं का मिजाज,चन्द घण्टो में मतगणना के बाद पर्दाफाश, बदलेगा इतिहास या प्रदेश में मोदी मैजिक या गहलोत की चलेगी जादूगरी,

सिरोही(हरीश दवे)।

राजस्थान में नई सरकार किसकी बनेगी आज की रात चुनावी घमासान में उतरे प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों व निर्दलीय प्रत्याशियों व राजनीतिक दलों के नेताओ की नींद काफूर हो गई व आम जन व मतदाताओं को बेटल ऑफ स्टेट पूरे देश की नजर कल के सूर्योदय के बाद मतगणना के बाद आने वाले परिणामो पर टिक गई है। सूबे के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत अपनी गारंटी योजनाओं पर जनता का कितना विस्वास अर्जित करेगी पर प्रदेश कोंग्रेस कार्यालय के वार रूम में बेठे सीएम गहलोत एक्जिट पोल का सम्मान करते हुए एक ही बात मीडिया में कह रहे की इस बार प्रदेश में रिवाज बदलेगा व प्रदेश में कोंग्रेस की सरकार रिपीट होगी।सीएम गहलोत प्रदेश के गवर्नर से भी मिल चुके व प्रत्यशियो से मिलने व उन्हें दिशा निर्देश देने के साथ निर्दलीय जिताऊ उम्मीदवारों के संपर्क में है। उधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी सनातन,हिन्दू,राम लहर पीएम मोदी की लोकप्रियता के रथ पे सवार होकर में भाजपा की सरकार बनाने का दावा ठोक रहे है।जिसमे पूर्व सीएम वसुंधरा राजे गवर्नर से मिलने के बाद पूरी सक्रियता के साथ भाजपा की सरकार बनाने में अपनी पूरी ताकत झोंक चुकी है। 25 नवम्बर मतदान के बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एक्जिट पोल के अलग अलग सर्वे रिपोर्ट भाजपा व कोंग्रेस के बहुमत के आंकड़े पेश कर रहे है।उसमें सिरोही जिले की सामान्य विस सीट पूरे देश मे चर्चित हो चुकी है।जिसमे भाजपा प्रत्यशी ओटाराम देवासी व कोंग्रेस प्रत्याशी संयम लोढा के साथ संघ व भाजपा प्रत्यशी ओटाराम देवासी की प्रतिष्ठा भी दांव पे लगी हुई है।अब कल चुनाव परिणामो के एक्जिट पोल की विश्वसनीयता का भी परिणाम आएगा पर जिले की तीनों सीटो पर कौन बनेगा जन नायक यह तो तीन दिसंबर दोपहर को ही मतगणना के बाद ज्ञात होगा।पर भीतर घात से जूझ रहे भाजपा व कोंग्रेस संगठन भले जीत का दावा करे पर कल के परिणाम कही खुशी कही गम कौन बनेगा सिरोही, आबू पिंडवाड़ा,व रेवदर का विधायक इस की घोषणा के इंतजार में जिले की जनता की नींद भी काफूर हो चुकी है। भारतीय लोक तन्त्र के महापर्व में जिले 8लाख16 हजार 253 मतदाताओं में 5 लाख 58 हजार 319 मतदाताओं ने 25 नवम्बर को चुनावी प्रत्यशियो के भाग्य को ईवीएम मशीनों में कैद कर दिया है।जिसकी मतगणना 3 दिसंबर को जिला मुख्यालय के नवीन भवन विद्यालय में प्रातः 8 बजे के बाद सिरोही की 14 व पिंडवाड़ा रेवदर की 12-12 टेबल पर अलग अलग कक्षो में होगी।व मतगणना के बाद कौन भाग्य शाली तीनो विधानसभा के विधायक बनेंगे इसकी घोषणा जिला निर्वाचन अधिकारी करेंगे। सिरोही विधानसभा की सीट पर है देश की नजर,एक तरफ हिंदुत्व तो दूसरी तरफ विकास ही मुद्दा गत विधान सभा चुनाव में 1650 करोड़ का विकास करवा चुके भाजपा प्रत्यशी ओटाराम देवासी देवासी वोटो की बहुलता में जनरल नेताओ को धत्ता दिखा भाजपा से टिकट ले के आये जिन्हें जिताने का जिम्मा संघ ने लिया व पूरी ताजत झोंक संयम लोढा व कोंग्रेस को राम द्रोही व हिंदुत्व का दुश्मन बताया। पर भाजपा के बागी संघ निष्ठ भाजपा के बागी निर्दलीय उम्मीदवार हेमंत पुरोहित,व सुरेश सगरवंशी व एडवोकेट अशोक पुरोहित ने लोकल व जनरल का मुद्दा बना भाजपा के वोटरों में सेंधमारी कर भाजपा के खेमे में सेंध लगाई व मत ट्रांसफर किये। भाजपा के चुनाब प्रचार को संत महात्माओ ने हिन्दू लहर में प्रचार किया जिसका असर ओबीसी महिलाओं पर पड़ा व उनके मत भाजपा को मिलेंगे पर भाजपा के मूल जनरल 30 हजार वोटरों में भाजपा दस फीसदी ही मत हासिल कर पाई।व एससी एसटी का वोट भाजपा अपने पक्ष में नही कर सकी वही निर्दलीय विधायक सन्यम लोढा को कोंग्रेस ने प्रत्यशी बनाया जिसका फायदा लोढा को मिला व मुसलमान,मीणा,हरिजन,हिरागर, मेघवाल,आदिवासियों ने कोंग्रेस को मजबूत किया व ओबीसी की माली, कुम्हार,घांची, रेबारी जातियों में भी लोढा की कीमियागिरी को सीएम गहलोत की गारंटी योजनाओ को मजबूती दी।व भाजपा के बागियों के चलते जनरल वोट भी हतियाये। भाजपा का चुनावी तन्त्र ,बूथ मैनेजमेंट व मीडिया तंत्र चुनावो में पूर्णतया विफल रहा व भाजपा प्रत्यशी ओटाराम देवासी के साथ जबर्दस्त भाजपाइयों ने भीतर घात की। जबकी विधायक व कोंग्रेस प्रत्यशि सन्यम लोढा ने चुनाव सुनियोजित रणनीति में लड़ा पर भले भीतर घात के शिकार कोंग्रेस प्रत्यशि लोढा भी हुए। इसे हालात में अब हिंदुत्व व राम लहर पे सवार भाजपा उम्मीदवार ओटाराम देवासी व विकास का भोपा खुद को कहने वाले कोंग्रेस उम्मीदवार संयम लोढा ने सतत जनता से संवाद रख प्रवासी व युवा मतदाताओं को अपने प्रभाव में रखा।पर कौन बनेगा जिले की तीन विधानसभाओ का जन नायक?

संपादक भावेश आर्य

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