विश्वशिक्षा

राष्ट्रीय युवा महोत्सव में कार्तिकेय शर्मा ने वक्तव्य कला प्रतियोगिता में प्राप्त किया दूसरा स्थान

सिरोही(हरीश दवे) ।

जिले के युवा कवि, वक्ता एवं मंच संचालक कार्तिकेय शर्मा ने 12 से 16 जनवरी तक नासिक महाराष्ट्र में आयोजित 27 वें युवा महोत्सव में भाषण प्रतियोगिता में राजस्थान का चौथी बार प्रतिनिधित्व किया जिसमे 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश के 72 प्रतिभागियों में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। गौरतलब हैं कि 12 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर सहित उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस,अजीत पंवार, राज्यपाल रमेश बैस एवं मंत्रीगण की उपस्थित में 27 वे राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आगाज नासिक महाराष्ट्र में हुआ था। जिसका समापन 16 जनवरी को संजय बनसोडे मंत्री क्रीड़ा व युवक कल्याण महाराष्ट्र, दादाजी भूसे मंत्री सार्वजनिक उपक्रम सहित अनेक
मंत्रीगण एवं केंद्रीय व राज्य स्तरीय अधिकारियों को उपस्थिति में हुआ । शर्मा को इस उपलब्धि हेतु प्रमाण पत्र, स्मृति चिन्ह एवं एक लाख रुपए के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
युवा कवि, वक्ता एवं प्रसिद्ध मंच संचालक कार्तिकेय शर्मा प्रदेश के ऐसे इकलौते युवा हैं जिन्होंने चयन चौथी बार राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया। इससे पूर्व 2016 में रायपुर छत्तीसगढ़, 2020 में लखनऊ उत्तर प्रदेश एवं 2021 में नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय युवा महोत्सव में राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर सिरोही का मान बढ़ा चुके हैं। पूर्व में विद्यालय एवं महाविद्यालय में अध्ययन करते हुए लगातार 14 वर्ष तक राज्य स्तरीय वाद- विवाद प्रतियोगिता में विजेता का खिताब भी प्राप्त कर चुके हैं।
2021 में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर भारत युवा कला रत्न राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं। इस उपलब्धि हेतु कई प्रतियोगी परीक्षाओं सहित सामान्य ज्ञान की पुस्तकों में प्रश्न के रूप में भी सम्मिलित किया जा चुका हैं।
पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, अशोक गहलोत, रमन सिंह, आनंदीबेन पटेल सहित कई केंद्रीय मंत्रियों से भी सम्मानित हो चुके हैं।
शर्मा विभिन्न राष्ट्रीय कवि सम्मेलनों में काव्य पाठ, धार्मिक,सांस्कृतिक एवं प्रशासनिक कार्यक्रमों में मंच संचालन हेतु देश भर में जाने जाते हैं। वे अपनी कविताओं को स्पर्श नाम से प्रकाशित करते हैं।
आशुभाषण प्रतियोगिता में जिस विषय पर भाषण देना होता हैं वह विषय पहले से पता नही होता उसके बावजूद शर्मा को कोई भी विषय दिया जाए तो वे उस पर अपना वक्तव्य प्रदान करने में हुनर रखते हैं। वे मन ही मन सोच कर किसी भी विषय को ऐसा प्रस्तुत करते हैं कि दर्शक दीर्घा में बैठे लोग भी हतप्रभ रह जाते हैं। वक्ता को मंच पर जा कर विषय लिखे कागज को उठा कर बिना सोचे 5 मिनट में विषय का सारगर्भित प्रस्तुतिकरण करना होता हैं। इस में कुशल वक्ता के साथ साथ विषय ज्ञाता होना भी आवश्यक हैं। कार्तिकेय बचपन से ही एक कुशल वक्ता बनने का सपना ले चले थे जिसे उन्होंने कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त कर साकार भी किया हैं। कवि कुमार विश्वास, हरिओम पंवार, शैलेश लोढ़ा सहित कई साहित्यिक हस्तियां भी कार्तिकेय से प्रभावित हो उन्हें सम्मानित कर चुकी हैं।
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय पिता महेंद्र कुमार शर्मा वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी जिला चिकित्सालय सिरोही एवं माता सुमन शर्मा को दिया। शर्मा बताते है कि वे समय समय पर सिरोही के युवाओं को साहित्य से जोड़ने का प्रयास भी करते रहते हैं।

संपादक भावेश आर्य

Related Articles

Back to top button