राजनीति

भाजपा ने जब संयम लोढा के बीच भगवान श्री रामचंद्र को ला दिया तो संयम लोढा को तो हारना ही था : लोढा

विधानसभा चुनावों के बाद पहली बार शिवगंज पहुंचे पूर्व विधायक संयम लोढा ने ब्लॉक कांग्रेस की बैठक में कार्यकर्ताओं को किया संबोधित ,हार से निराश कार्यकर्ताओं में किया जोश का संचार

शिवगंज(हरीश दवे)

विधानसभा चुनाव में सिरोही विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की हुई करारी हार के डेढ महिने बाद पूर्व विधायक संयम लोढा मंगलवार को शिवगंज पहुंचे। उन्होंने अरठवाडा गांव में आयोजित ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की बैठक में भारी संख्या में मौजूद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए चुनाव में हुई हार की निराशा से बाहर निकाल उनमें जोश का संचार किया। इस मौके पर पूर्व विधायक ने कहा कि पांच सालों में सिरोही के विकास में कोई कमी नहीं छोडी। जनता का भी खूब स्नेह मिला, मगर चुनाव के दौरान भाजपा ने संयम लोढा और मेरे प्रतिद्वंदी के बीच भगवान श्रीरामचंद को ला दिया तो फिर संयम लोढा को तो हारना ही था। उन्होंने कहा कि कोशिश यह करनी चाहिए कि कोई भी राजनीतिक पार्टी भगवान और धर्म को अपना हथियार नहीं बना सके।
ब्लॉक कांग्रेस की बैठक को संबोधित करते हुए लोढा ने कहा कि हालाकि कार्यकर्ताओं ने जीत के लिए भरसक प्रयास किए मगर प्रजातंत्र का नियम है कि एक हारता है तो दूसरा जीतता है, उसी के अनुरूप यह निर्णय आया है। समय का सफर तो चलता रहता है। पूर्व विधायक ने कहा कि हो सकता है कि मेरी कार्यप्रणाली या स्वभाव में कोई कमी रह गई हो, ओर भी कई कारण ऐसे हो सकते है कि मेरे कारण चुनाव में हार हुई हो। लेकिन अब वह समय खत्म हो गया। अब लोकसभा के चुनाव आ रहे है कार्यकर्ताओं को पूरे जोश व दमखम के साथ काम करना है। पूर्व विधायक ने कहा कि एक राजनीतिक कार्यकर्ता के लिए कभी काम खत्म नहीं होता, जब तक यह जीवन है काम चलता रहेगा।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लोढा ने कहा कि पिछले एक डेढ माह के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ अलग अलग घटनाएं हुई है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जो हमारे सहयोगी जो अलग अलग संस्थाओं में काम कर रहे थे उनको निकालने की कोशिश हुई, कार्यकर्ताओं को फंसाने की कार्रवाई हुई। उन्होंने शिवगंज नगर पालिका का जिक्र करते हुए कहा कि वहां एक साथ बिना किसी नोटिस के 18 संविदा कार्मिकों को हटा दिया। इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने अधिकारी से तत्काल बात की ओर कानून का हवाला देते हुए कहा कि तीन महिने के नोटिस से पूर्व इन्हें नहीं निकाला जा सकता। आखिरकार उन्हें वापस काम पर लेना पडा। पूर्व विधायक ने कहा कि इस प्रकार की प्रवृतियों का मुकाबला करने के लिए एकजूट होना पडेगा। उन्होंने कहा कि हम सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को यह सोचना होगा कि हम हमारा बूथ कैसे मजबूत करे। पूर्व विधायक ने कहा कि विपक्ष कभी खत्म नहीं होता लेकिन विपक्ष के वोट एकजूट होकर नहीं पडते इस वजह से बीजेपी सरकार बना रही है।
पूुर्व विधायक ने कहा कि आज देश के संसाधनों का निजीकरण हो रहा है। महंगाई निरंतर बढ रही है। हमें लोगों को जाकर यह बताना होगा।
आज भी बारह हजार लोग मकान से वंचित
इस मौके पर पूर्व विधायक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आम जनता से यह वादा किया था कि वर्ष 2022 तक देश के प्रत्येक परिवार का अपना मकान होगा। वर्ष 2024 आ गया आज भी शिवगंज तहसील में बारह हजार परिवार ऐसे है जिनको मकान नहीं मिल सकता है ओर पूरे प्रदेश में ऐसे 12 लाख परिवार है जो मकान से वंचित है। इसकी वजह यह है कि पिछले दो साल से मोदी सरकार ने एक भी मकान के लिए पैसा नहीं दिया है।
पांच सौ साल के बाद आया है खुशी का मौका
इस अवसर पर पूर्व विधायक ने भाजपा की ओर से राममंदिर का श्रेय लेने का प्रयास करने पर कहा कि 75 साल से संत महात्मा मंदिर के लिए मुकदमा लडा है। इससे पहले भी मुकदमें लडे गए। अब जो निर्णय आया है वह सुप्रीम कोर्ट की ओर से आया है। जिसका देश के हर धर्म के लोगों ने स्वागत किया है। अब मंदिर भी जनता के पैसों से बना है। पांच सौ साल तक लोग मंदिर के लिए लडे तब यह खुशी का मौका आया है। लेकिन इसका पूरा श्रेय भाजपा ले रही है वह गलत है। बैठक को लाल सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष रता राम देवासी,हरीश राठौड़, सरपंच संघ अध्यक्ष वेर सिंह देवडा , मंडल अध्यक्ष पन्नालाल , नारायण रावल, नरपत सिंह , तेजा राम , युवा कांग्रेस ज़िलाध्यक्ष प्रकाश मीणा , महिला कांग्रेस ज़िलाध्यक्ष हेमलता शर्मा , सिरोही ब्लॉक अध्यक्ष तेज़ाराम मेघवाल ,मोहन सिरवीं , एनएसयूआई राष्ट्रीय संयोजक दशरथ नरूका, पूर्व ज़िलाध्यक्ष सुरेशसिंह राव, मनोज राजपुरोहित , मोटा राम देवासी, चेतन शर्मा आदि ने संबोधित किया।
इस अवसर पर पूर्व प्रधान हंजा मेघवाल , नगर अध्यक्ष मदन माली, अचलाराम माली , नारायणलाल रावल आल्पा, राजु रावल, राजेंद्र सिंह जखोड़ा , कोमल परिहार ,रवींद्र रावल , प्रवीण, सरपंच रूपा राम मीना ,मुकेश राणा रावल , थाँवरा राम , छैल सिंह , वेला राम मेघवाल, मगा राम मीणा, पार्षद किस्तूर चंद घाँची , राजेन्द्र सिंह, अल्पेश माली सहित भारी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता उपिस्थत थे।

संपादक भावेश आर्य

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