भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण ने धरती पर अवतार लेकर मानव को मर्यादा और प्रेम का संदेश दिया

श्रीमदभागवत कथा के पांचवे दिन कृष्ण व राम जन्मोत्सव,समुद्र मंथन सहित कई प्रसंग के बारे मे बताया
सिरोही(हरीश दवे) ।

हाउसिंग बोर्ड में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस पंडित धीरज महाराज ने भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के जन्म एवं उनके जीवन चरित्र का वर्णन किया। उन्होने राम चरित मानस की चौपाई सकल पदारथ हैं जग माही.. का उल्लेख करते हुए कहा कि जीवन में कर्म की भूमिका प्रमुख है इसके बिना जीवन का कोई अर्थ नही रह जाता कर्म ही वह साधन है, जिसे करके मनुष्य जीवन पथ पर आगे बढ़ता है और चाहा गया लक्ष्य हासिल कर लेता है। कर्म हमारी सोच या सपने को मूर्त रूप देते हैं।
उन्होने कहा कि यदि भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण का जन्म धरती पर न होता तो मानव को मर्यादा और प्रेम का संदेश कौन देता। हजारों वर्ष पूर्व हुए ये अवतार आज भी सम्पूर्ण मानव जाति के लिए आदर्श हैं। श्रीराम अपनी लीलाओं के माध्यम से मर्यादा पालन का संदेश देते हैं तो श्रीकृष्ण प्रेम और सौहार्द्र से जीवन को सुशोभित करते हैं। मर्यादा युक्त प्रेम मानव जीवन को उत्थान की ओर ले जाता है, जबकि मर्यादाहीन प्रेम समाज के लिए कलंक बन जाता है।
उन्होने भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की कथा सुनाई कथा के दौरान नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हेया लाल के जयकारे पर श्रद्धालु देर तक झूमते और थिरकते रहे। जन्मोत्सव को लेकर कथा पंडाल को गुब्बारों और फूल-मालाओं से आकर्षक ढंग से सजाया गया था। प्रवचन में कथाव्यास ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के माध्यम से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की महत्ता समझाई। उन्होंने कहा कि जब जब अत्याचार और अन्याय बढ़ा है, तब तब प्रभु ने अवतार लेकर धर्म की स्थापना की है। उन्होने कहा कि भगवन कृष्ण ने जन्म के छठे दिन पूतना का संहार किया पूतना को अज्ञान का प्रतीक माना गया, जिसका नाश केवल भगवान की कृपा से संभव है। इसी प्रकार माखन चोरी को भगवान द्वारा मन की कोमलता को आकर्षित करने का प्रतीक बताया गयां ।
कथा के दौरान भक्तो ने मटकी फोड़ कार्यकम भी किया इसमें छोटे बच्चों ने सीताराम, हनुमान,कृष्ण रूप बना कर भगवान की लीलाओ का मंचन किया । भागवत कथा को श्रवण करने जालोर सिरोही सांसद लुम्बाराम चौधरी भी कथा स्थ्ल पर आए जहां उन्होने श्रीमदभागवत जी का पूजन किया व कथा व्यास पंडित धीरज महाराज का तिलक अक्षत लगाकर स्वागत किया। पंडित धीरज महाराज ने सांसद लुम्बाराम को आर्शीवाद दिया एवं प्रसाद स्वरूप माला भेंट की। कथा केा सुनने भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। कथा की समाप्ति पर भागवत जी का आयोजक परिवार व भक्तो द्वारा आरती कर प्रसाद वितरण किया गया।


संपादक भावेश आर्य



