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कृष्णावती नदी में बजरी खनन के विरोध में बेमियादी धरना जारीप्रतिनिधि मंडल की राज्यमंत्री ओटाराम देवासी,सांसद व जिला प्रशाशन से पांच घंटे चली सर्किट हाउस में वार्ता रही बेनतीजा


सिरोही 22 मई (हरीश दवे) ।

कृष्णावती नदी में पॉकलैंड मशीनों से भारी मात्रा में किए जा रहे बजरी खनन के विरोध में धरना-प्रदर्शन गुरूवार को भी जारी रहा। वहीं, दोपहर बाद कृष्णावती नदी संघर्ष समिति से जुड़े 22 गांवों के लोग समिति के बैनर तले जिला मुख्यालय स्थित सर्किट हाउस पहुंचे और राज्य मंत्री ओटाराम देवासी को कृष्णावती नदी में खनन कार्य बंद करवाने सहित अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
बुधवार शाम को धरना स्थल से 22 गांवो के धरनार्थी अपनी मांगो को लेकर सिरोही सर्किट हाउस पहुंचे लेकिन राज्यमंत्री के कार्यक्रम के लिये आबूरोड प्रवास पर होने की वजह से उनके शाम को 6 बजे पहुंचने पर धरनार्थियो के साथ सर्किट हाउस के लोन में उन्होने करीबन 15-20 मिनट वार्ता की, तब भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. रक्षा भण्डारी भी उनके साथ रही लेकिन आपसी समझाईश नही होने पर राज्यमंत्री ने कहा कि आपकी मांग व प्रतिनिधि मंडल को लेकर सर्किट हाउस के कमरे में आईये तथा उन्होने जिला कलेक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक से भी बातचीत की व प्रतिनिधि मंडल के साथ विश्राम भवन के कमरे में राज्यमंत्री ओटाराम देवासी, सांसद लुम्बाराम चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. रक्षा भण्डारी, एडीएम दिनेशराय सापेला, एसडीएम हरिसिंह देवल, तहसीलदार जगदीश विश्नोई व कृष्णावती नदी में धरना दे रहे प्रतिनिधि मण्डल के साथ करीबन चार घंटा वार्ता चली जो बेनतीजा रही। वहीं दो थानों की पुलिस समेत आरएसी के जवान मौके पर मौजूद रहे। आखिर में जिला प्रशासन की तरफ से कहा गया कि आप धरना खोलिये हम आपकी मांगो पर नियमानुसार कार्यवाही करेगे लेकिन उन्होने कहा कि पहले रेती ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही हो जो पॉकलेण्ड मशीन से अवैध तरीके से रेती का उत्खनन कर जगह जगह रेती के पहाड खडे कर दिये है व रेती की नियमो के विपरित विक्रय हो रहा है तथा इस प्रकरण में हमारे कार्यकर्ताओ पर मुकदमे दर्ज किये हो तो वापिस लिये जाये। जिला प्रशासन ने यह भी कहा कि इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में जब रिट लगायी गई है तो न्यायालय में प्रकरण के चलते हम कार्यवाही नही कर सकते लेकिन आप धरना स्थगित करते है व आपके द्वारा जो भी ठेकेदार के विरोध में कार्यवाही की मांग की जा रही है उस पर जांच के बाद कार्यवाही की जायेगी। धरनार्थियो को यह भी कहना था कि कृष्णावती नदी से जो रेती का उत्खनन होता है वो आसपास के गांवो तक ही सीमित रखा जाये जबकि अवैध उत्खनन से यहां से रेती महाराष्ट्र व गुजरात तक बिकने जाती है तथा बेनतीजा वार्ता में ग्रामीण जावाल की ओर रवाना हुए और आज भी प्रशासनिक अधिकारी वहां पहुंचे। लेकिन वार्ता बेनतीजा रही और अनिश्चितकालीन धरना अभी भी चल रहा है।
वहीं इस धरना में भाजपा व कांग्रेस दोनो दल के राजनेताओ को भी इस आन्दोलन में शामिल होने की मजबूरी हो गई है अन्यथा क्षेत्र में उन्ही के विरोध असंतोष गहराता जा रहा है जिसको लेकर अब देखने में आ रहा है कि राजनीतिक दल अपने दलो से मौह भंग होने के बाद पार्टी को भी खरीखोटी सुनाने में कोताही नही बरत रहे। लेकिन पूर्व विधायक संयम लोढा का धरने में नही पहुंचने को लेकर भी आमजन में तरह तरह की बात हो रही है।
जानकारी के अनुसार कृष्णावती नदी संघर्ष समिति के नेतृत्व में 22 गांवों की जनता की ओर से कृष्णावती नदी में हो रहे खनन के विरोध में पिछले दो दिनों से धरना जारी है। धरना गुरूवार को भी जारी रहा। दोपहर बाद एकत्रित ग्रामीण जावाल से जिला मुख्यालय के गोयली चौराहा पहुंचे, वहां से रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए सर्किट हाउस पहुंचे।

संपादक भावेश आर्य

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