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पिण्डवाड़ा में भामाशाह निर्मल जैन ने काॅलेजभवन बनाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा,काॅलेज के लिए भामाशाह 8.22 बीघा भूमि भी गिफ्ट करेगें,भामाशाहों के सहयोग से जिले में यह पांचवा काॅलेज बनेगा।


सिरोही(हरीश दवे)।

सिरोही जिले में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जिले के भामाशाह अपनी लक्ष्मी का उपयोग कर काॅलेज भवन बनाने के सिलसिले को लगातार आगे बढाते जा रहे हैं। इसी क्रम में पिण्डवाडा के भामाशाह निर्मल लालचंदजी छगनलालजी जैन ने आदिवासी क्षेत्र पिण्डवाडा में काॅलेज के लिए भूमि 8.22 बीघा भूमि एवं भवन बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को प्रस्तुत किया हैं। आजादी के 75 सालो में रेवदर में काॅलेज भवन नही था तो मालगांव के भामाशाह एवं श्री पावापुरी तीर्थ-जीव मैत्रीधाम के संस्थापक परिवार के पी संघवी परिवार सबसे पहले आगे आया ओर 5 करोड़ की लागत से मातुश्री शांताबा हजारीमलजी के पी संघवी राजकीय महाविद्यालय का निर्माण करवाकर सरकार को सुर्पुद किया जिससे आज 900 विद्यार्थी उच्च शिक्षा का लाभ ले रहे हैं।
इसी तरह सिरोही में विधि महाविद्यालय के भवन का निर्माण के पी संघवी परिवार ने 7 करोड़ की लागत से बनवाया ओर वहाॅ 350 विद्यार्थी विधि विषय की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। कालन्द्री में संघवी हीराचंद फूलचंदजी परिवार ने 5 करोड़ की लागत से व कैलाशनगर में श्रीमती पुरीबाई पुनमाजी माली टोरसो गु्रप-झाडोलीवीर भी 6 करोड़ की लागत से डिग्री काॅलेज का भवन निर्माण करवा रहा हैं।
आदिवासी क्षेत्र पिण्डवाडा में भी 75 वर्ष से काॅलेज भवन नही होने पर पिण्डवाडा निवासी भामाशाह निर्मल कुमार लालचंदजी छगनलालजी जैन का ध्यान सामाजिक कार्यकर्ता महावीर जैन ने दिलाया तो उन्होंने पहले तो काॅलेज के भवन के लिए 8.22 बीघा बिस्वा भूमि गिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया ओर उनके प्रस्ताव को सरकार ने स्वीकार किया। इस बीच उनको प्रेरक महावीर जैन ने प्रेरित किया कि आप काॅलेज भवन बनाकर देने पर विचार करें ओर राज्य सरकार की जनसहभागिता योजना में यह भवन बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवावें ताकि उनके परिवार की ओर से उच्च शिक्षा की एक बड़ी सौगात आदिवासी क्षेत्र को दी जा सकें। जैन ने भामाशाह को अवगत कराया कि इस योजना में लागत राशि की 50 प्रतिशत राशि भामाशाह व 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार देगी ओर काॅलेज आयुक्तालय की ओर से अनुमोदित प्लान व मानचित्र के आधार पर भवन निर्माण भामाशाह खुद अपने स्तर से करवा सकता हैं।

जनसहभागिता योजना में काॅलेज भवन बनाने का दिया प्रस्ताव
इस प्रस्ताव पर विचार विर्मश के बाद भामाशाह निर्मल एल. जैन ने राज्य के मुख्यमंत्री भजनलालजी शर्मा को एक लिखित प्रस्ताव प्रस्तुत कर अनुरोध किया हैं कि उन्हें ’’ जनसहभागिता योजना ’’ में श्रीमती आरती निर्मल एल. जैन राजकीय महाविद्यालय पिण्डवाड़ा के नाम से काॅलेज भवन बनाने की स्वीकृति प्रदान करें। उसके लिए वे नगरपालिका पिण्डवाडा के पेरीफाई क्षेत्र जनापुर मार्ग पर 8.22 बीघा भमि अपनी ओर से सरकार को गिफ्ट कर उस पर यह भवन 2 वर्ष में बनाकर देगें। उन्होंने प्रस्ताव की प्रति उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डा. प्रेमचंद बैरवा, सांसद लुम्बाराम चैधरी, क्षेत्रीय विधायक समाराम गरासिया, भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेश कोठारी, उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबीर कुमार एवं जिला कलक्टर श्रीमती शुभम चैधरी को भी भेजकर इस जनहित कार्य में सहयोग का अनुरोध किया हैं।
सार्वजनिक निर्माण विभाग ने प्रस्तावित काॅलेज भूमि का मौका मुआयना किया
काॅलेज शिक्षा आयुक्त ने भामाशाह के प्रस्ताव पर गिफ्ट दी जाने वाली भूमि के बारे में जिला कलक्टर के निर्देश पर सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभिंयता सुरेन्द्र मोहन वर्मा, अधिशाषी अभियंता रमेश कुमार एवं सहायक अभियंता बालकिशन ने भूमि का 23 जुन 2024 को मौका मुआयना किया। यह भूमि नगरपालिका पेराफेरी क्षेत्र में जनापुर-पिण्डवाडा हाईवे मार्ग पर स्थित हैं।
विधायक समाराम के अनुरोध पर
तत्तकालीन मुख्यमंत्री राजे ने स्वीकृत की थी पिण्डवाडा काॅलेज
भामाशाह को प्रेरित करने वाले प्रेरक महावीर जैन एवं सुरेश रावल पिण्डवाडा ने बताया कि भामाशाह पिण्डवाडा में काॅलेज भवन बनाने को लेकर काफी उत्सुक हैं ओर वे चाहते है कि आदिवासी क्षेत्र के विधाथियों को उच्च शिक्षा की अच्छी सुविधा मिलें। पिण्डवाडा काॅलेज के प्रार्चाय कन्हैयालाल ने बताया कि पिण्डवाडा मंे काॅलेज की स्वीकृति तत्तकालीन मुख्यमंत्री वंसुधराराजे ने 2014 में विधायक समाराम गरासिया के अनुरोध पर दी थी लेकिन भवन 10 वर्षो से नही होने से वर्तमान में यह काॅलेज नगरपालिका पिण्डवाडा की धर्मशाला में चल रहा हैं ओर अभी 520 विद्यार्थी उच्च शिक्षा का लाभ ले रहे हैं। पिण्डवाडा में एक प्राईवेट काॅलेज भी अलग से संचालित हो रहा हैं।

संपादक भावेश आर्य

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