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आरके. ट्रस्ट ने मेघावी बालिकाओं को किया सम्मानित


कालन्द्री (हरीश दवे) ।

आर के ट्रस्ट बंगलुरू की ओर से कालन्द्री में बालिका हायर सैकण्डरी स्कुल की मेघावी बालिकाओं का सम्मान समारोह भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी लक्षमण संघवी के मुख्य आतिथ्य में रखा गया। समारोह की अध्यक्षता शिक्षा विभाग बीकानेर के अतिरिक्त निदेशक दिलीप परिहार ने की। इस अवसर पर ट्रस्ट के ट्रस्टी शांतिलाल पी. शाह, अक्षय आर शाह एवं श्रीमती तारा बेन एस. शाह ने मेघावी बालिकाओं को माला एवं पुरस्कार से सम्मानित किया। बारहवी की परीक्षा में बालिका कशिश रावल को 93.40 प्रतिशत, कोमल पुरोहित को 92.80 प्रतिशत, जानवी पुरोहित को 91.40 प्रतिशत एवं दसवी. परीक्षा में दुर्गा घांची को 95.17, हेमांशी कुण्डला को 95, जिनल कुमारी को 94.50, करिशमा पुरोहित को 92.83 प्रतिशत अंक लाने पर सम्मानित किया गया।
आर के ट्रस्ट की ओर से बनवाये जा रहे अत्याधुनिक स्कुल भवन की साईट पर आठवीं परीक्षा में ए ग्रेड लाने पर संजय कुंवर, सेजल कुंवर, राधिका पुरोहित, रेणु चारण, तेजल व हीना को भवन प्रोजेक्ट प्रबन्धक संहिता कण्डपाल ने माला पहनाकर उनको पारितोषिक देते हुऐ बधाई दी।
इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक दिलीप परिहार ने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अनेक नवाचार कर रही हैं ओर शिक्षा को गुणवत्तायुक्त एवं रोजगारमुख बनाने के क्षेत्र में काम कर रही हैं। शिक्षा के कार्यो में भामाशाहो का योगदान सामाजिक सरोकार के तहत लिया जा रहा हैं। उन्होेने आर के ट्रस्ट के चेयरमेन रमेश पी. शाह एवं उनके परिवारजनों की ओर से बनवाये जा रहे बालिका स्कुल भवन को मिल का पत्थर बताते हुऐ कहा कि सरकारी स्कुलों को ऐसे भवन बनाकर देने से समाज में एक नया संदेश जाता हैं। ट्रस्ट की ओर से हिकवा री गाडी के संचालन एवं शिक्षण उल्लेखनीय योगदान देने पर व्याख्यता मुकेश प्रजापत को ट्रस्ट के ट्रस्टी अक्षय आर शाह ने साफा व माला पहनाकर सम्मानित किया।
ट्रस्ट के ट्रस्टी अक्षय आर शाह ने कहा कि इस भवन को बनाने में नई तकनीक का उपयोग किया जायेगा जिससे पर्यावरण एंव गुणवतापूर्ण कार्य होगा। उन्होंने कहा कि यह भवन जून 2025 तक बनाकर सरकार को सुर्पुद करने का लक्ष्य हैं। विद्यालय की प्रधानाचार्य बीना भाटिया ने कहा कि भामाशाह जिस समर्पित भाव से भवन निर्माण एवं शिक्षा की गुणवत्ता को बढाने का कार्य कर रहे हैं उसके लिए उनका जितना आभार माना जावें वो कम हैं।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य जो कि 30 जून को सेवानिवृत होने वाली हैं उन्हें माला व साफा पहनाकर ट्रस्ट की ओर से उनकी सेवाओं का स्मरण करते हुऐ अभिनंदन किया गया । भाटिया ने पिछले 20 वर्षो से इस स्कुल मे पदस्थापित हैं ओर उनकी समर्पणता से स्कुल ने नये-नये कीर्तिमान कायम किये हैं। ट्रस्ट के ट्रस्टी शांतिलाल पी शाह एवं लक्ष्मण सिंघवी ने कालन्द्री में बालिका स्कुल की आवश्यकता एवं उपयोगिता बताते हुऐ कहा कि इससे बालिका शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। लक्ष्मण संघवी परिवार की ओर से कालन्द्री में डिग्री काॅलेज भवन का निर्माण करवाया जा रहा हैं। इस अवसर पर पावापुरी ट्रस्ट के मेनेजिंग ट्रस्टी महावीर जैन ने कहा कि सिरोही जिले में उच्च शिक्षा को बढावा देने के लिए भामाशाहों में एक होड सी लगी हुई है इस होड के कारण रेवदर, कालन्द्री एंव कैलाशनगर में डिग्री काॅलेज ओर सिरोही में लाॅ काॅलेज का अत्याधुनिक भवनों का निर्माण हो सका।
’’ हिकवा री गाडी ’’ प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में एक नवाचार है: संहिता कण्डपाल
1 जून 2024 । आर के ट्रस्ट, बंगलुरू के संस्थापक रमेश पी. शाह द्वारा हिकवारी गाडी और कालन्द्रीके प्रजापति हाॅल में कक्षा 1 से 8 तक के छात्र छात्राओं के लिए पढाई शुरूआत की गई है, जो कि बच्चों के लिए पुर्णतः निःशुल्क है, कालन्द्री में रहने और सीखने की इच्छा रखने वाला हर बच्चा यहां आकर पढाई का लाभ उठा सकता हैं। इस प्रोजेक्ट की प्रबन्धक सुश्री संहिता कण्डपाल ने बताया कि ये अध्ययन प्रक्रिया पूर्ण से ट्यूशन क्लाश जैसा है जिसमे हर बच्चा अपनी इंडिविजुअल समस्या लेकर आता हैं, जैसे एक ही क्लाश में पढने वाले सभी बच्चे अलग-अलग विषय की पढ़ाई कर सकते हैं, जैसे कोई हिंदी, इग्लिश, गणित, विज्ञान जिसमे समस्या महसूस करता हैं तो उसकी समस्या का समाधान कराया जाता हैं। इसके साथ ही जून अंतिम सप्ताह या जुलाई के कक्षा 9 से 12 तक के विधाथियों को भी एडमिशन दिया जायेगा एंव ग्रेजुएशन लेवल के छात्रों के लिए भी भविष्य में कक्षाएं लगाने की योजना प्रस्तावित हैं।
वर्तमान में अपने इस गाड़ी का समय 2 घंटे (प्रातः 9 से 11 बजे तक) निर्धारित किया गया है, कुल 6 शिक्षकों की मदद से अध्यापन कार्य करवाया जाता है, जिनमे से दो शिक्षक कक्षा 1 से 4 के लगभग 35-40 बच्चो को अध्यापन करवाते हैं, जिसमे बच्चे के मौखिक एवं लिखित क्षमताओ में सुधार पर बल दिया जाता हैं। कक्षा 5 से 8 तक के लिए प्रत्येक क्लास के लिए एक शिक्षक नियुक्त है, जो लगभग 30-35 बच्चों की समस्या का समाधान व्यक्तिगत रूप से करते हैं जो संख्यात्मक अनुपात में भविष्य में बढती जाएगी। कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को भी एडमिशन दिया जाएगा, तब टीचर्स की संख्या उनके विषयानुसार अनुपात में बढ़ जाएगी। 9 से 12 कक्षा के विद्यार्थियों को कक्षा, विषय और संकायवार अध्यापन करवाया जायेगा।
वर्तमान में कक्षा 1 से 4 हिकवारी गाड़ी ( शिक्षा वाहन ) में संचालित है और 5 से 8 तक की कक्षाएं प्रजापति भवन में संचालित हैं।
फिलहाल बच्चों को उम्र और श्रेणी वार विभाजित नहीं किया गया है, हालांकि उनको क्लास वाइज डिवाइड करके पढ़ाया जा रहा है, इसमें इस महीने बच्चों को उनके सीखने के हिसाब से क्लास वाइज बैठा कर व्यक्तिगत पढ़ाया जा रहा है, कुछ दिन बाद उनको श्रेणी वाइज करके पढ़ाया जाएगा (समान रूप से सीखने की क्षमता वाले बच्चों की एक क्लास लगाएंगे)।
हिकवा री गाडी अपने नाम को सार्थक करेगी
प्रत्येक बच्चे का स्कॉलर रजिस्टर में रिकॉर्ड संधारित किया जाता है, इसके साथ ही प्रत्येक बच्चें और टीचर्स की डेली अटेंडेंस के लिए रजिस्टर संधारित कराए जाते है जिसमें उनकी प्रतिदिन उपस्थिति लगाई जाती हैंद्य अभी अध्यापन करवाने वाले टीचर्स को उनकी जरुरत के हिसाब से टीचर्स ट्रेनिंग फाउंडेशन के द्वारा ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी। प्रोजेक्ट मेनेजर सुश्री संहिता ने बताया कि हिकवारी गाडी में भविष्य में प्रौढ़ शिक्षा, इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स, कंप्यूटर क्लासेज आदि भी संचालित करने की योजना हैं इसके साथ ही दूरस्थ माध्यम से पढाई कर रहे छात्रो के लिए उपयोगी साबित होगी, स्टेट एवं नेशनल ओपन से दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के लिए आने वाले समय में ये गाडी वरदान साबित होगी। कुल मिलाकर भविष्य में ये गाडी अपने नाम को सार्थक करते हुए रमेश पी.शाह के शिक्षा के क्षेत्र में किये जाने वाले क्रांतिकारी बदलाव के रूप में पहचानी जाएगी।
व्याख्यता एवं इस गाडी में आनेवाले बच्चों को शिक्षित करने वाले व्याख्यता मुकेश प्रजापत ने बताया कि जैसे जैसे लोगो को इस शिक्षा के नए प्लेटफार्म के बारे में जानकारी हो रही है, उसके हिसाब से अभिभावक प्रतिदिन एडमिशन के लिए आ रहे है और मात्र कुछ ही दिन में इसकी लोकप्रियता लोगों के सर चढ़ कर बोल रहीं है, प्रतिदिन बच्चों को हिकवारी गाडी पर पढाई के छोड़ने और लेने आ रहे अभिभावकों के फीडबैक काफी सकारात्मक रहें है एवं लोग रमेश पी.शाह को आशीर्वचन के साथ उसके प्रयास को काफी सराह रहें हैं।

संपादक भावेश आर्य

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