शिक्षा

साहित्य भोग को नहीं, त्याग को बढ़ावा देता है देव पुस्तकालय में लेखक से मिलिए कार्यक्रम आयोजित

शिवगंज (प्रवीण सिंह राव)।

उपन्यासकार देवेन्द्र कुमार देव ने कहा कि भारतीय साहित्य भोग को नहीं, त्याग को बढ़ावा देता है। देव लेखक से मिलिए कार्यक्रम के अन्तर्गत शहर के राजकीय सार्वजनिक पंचायत समिति पुस्तकालय में मुख्य वक्त्ता के रूप में बोल रहे थे । बसन्त पंच‌मी के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप- प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। पुस्तकालय में क्षेत्रीय इतिहास, कला एवं संस्कृति
पर लिखित पुस्तकों की प्रदर्शनी भी चल रही है, जो 15 फरवरी तक चलेगी। अतिथियों ने पुस्तक प्रदर्शनी का अवलोकन किया। लेखक देवेन्द्र कुमार देव ने अपने उपन्यास मिट्टी के पाँव और बाकी हिस्सा की चर्चा के अन्तर्गत दोनों उपन्यासों की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मेरे लेखन की पाठशाला, यही पुस्तकालय है, जहाँ पर मैंने साहित्य साधना की। इसी पुस्तकालय के पुस्तकालयाध्यक्ष एवं लेखक सोमप्रसाद साहिल ने उपन्यास लिखने के लिए मुझे प्रेरित किया और लेखन की बारिकियों से अवगत कराया। यथार्थ वादी लेखन के पक्षधर देव, शहर के समीप गाँव भारुन्दा के निवासी हैं। अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के संदर्भ व्यक्ति कप्तान सिंह चौधरी ने कहा कि ज्ञान को अगली पीढ़ी को हस्तांतरित करना हमारी जिम्मेदारी है। लेखक समाज से अनुभवों को संजोता है और पुन: समाज को ही लौटाता है, साथ ही लेखक समाज को दिशा देने का काम करता है। मरुधरा ग्रामीण बैंक के सेवानिवृत प्रबन्धक छगन लाल सुथार ने पुस्तकालय की महत्ता पर प्रकाश डाला और पुस्तकालय से जुडने की बात कही। इस अवसर पर रिसोर्स पर्सन दिलकश अजहर ने भी अपने विचार रखे । समाज सेवी हीरालाल पालीवाल, पर्यावरण प्रेमी ओमप्रकाश कुमावत, साहित्य प्रेमी सुरजीत सिंह कविया, राहुल देवासी , हिम्मत राम, विनोद कुमार सहित पुस्तकालय के पाठक उपस्थित थे। पुस्तकालयाध्यक्ष सोमप्रसाद साहिल ने कार्यक्रम का संचालन किया और अन्त में सभी का आभार जताया।

संपादक भावेश आर्य

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