रामझरोखा की संपत्ति को खुर्द बुर्द व विक्रय करने की साजिश नही होगी बर्दास्त – महेंद्र मेवाड़ा

-राज्य सरकार संपत्ति पर रिसीवर नियुक्त करे,
सिरोही(हरीश दवे) ।

राम झरोखा व महामंदिर सिरोही की ऐतिहासिक धरोहर है, हर नगर वासी की इससे धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है। महन्त सीताराम दास ने देवनगरी की सनातन धर्म धरोहर का सौदा कर सनातन आस्थाओं को गहरा नुकसान किया है व जनता आंदोलित है। अगर राज्य सरकार व जिला प्रशासन ने राम झरोखा मन्दिर की संपत्तियों के विवाद में निष्पक्ष कार्यवाही नही की तो जन भावनाओ का आक्रोश बड़े आन्दोलन में तब्दील होगा।
सभापति महेंद्र मेवाड़ा ने विज्ञप्ति जारी कर रामझरोखा मन्दिर की सपंत्ति के बेचान व लीज के मसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की जन आस्थाओं व जन जन के आराध्य राधा गोपाल जी मन्दिर राम झरोखा की सम्पत्ति को बेच व लीज पर देने का महन्त सीताराम ने जो दुष्कृत्य किया है। उससे नगर व जिले की जनता के धार्मिक हित व आस्था पर जबरदस्त कुठाराघात हुआ है। उन्होंने कहा की नगर के हर समाज के लिए रामझरोखा मन्दिर की भाबना जुड़ी हुई है। महिलाएं तीज त्योहार, वृत, भजन, धार्मिक कार्य करती है। दुर्दशा की शिकार चंपावती बावड़ी से कलश यात्रा निकलती है।
मेरे पिताजी स्व बाबूलाल मेवाड़ा ने 50 साल पहले राम झरोखा मन्दिर में 125 कुंडीय गायत्री महायज्ञ करवाया था। जिस वक्त भोजन शाला इसी विवादित पट्टो के स्थान पर थी। उस देव सम्पत्ति पर महन्त सीताराम दास विकास के रूप में धर्मशाला, गौशाला, स्कूल चला सकता था। उसके स्थान पर रामझरोखा मन्दिर की भूमि व भवन को लीज व विक्रय पर देकर धर्म व कानून विरोधी कार्य किया है। सभापति मेवाड़ा ने कहा की कांग्रेस जिला संगठन ने इसे गम्भीरता से लिया है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष लीलाराम गरासिया के नेतृत्व में जिले की समस्याओं को लेकर दिए धरने में रामझरोखा सम्पत्ति विक्रय व पट्टो के विषय मे पूर्व विधायक संयम लोढा ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौप पट्टा निरस्त व रामझरोखा की भूमि पर रिसीवर नियुक्त कर राज्य सरकार जिला मुख्यालय के मन्दिर के विकास के साथ धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करें। सभापती महेंद्र मेवाड़ा ने कहा की नगर की जनता रामझरोखा के विकास में तन मन धन से सहयोग देना चाहती है। नगर के अधिकांश समाज के लोग मुझे इस विषय मे मुझे मिल चुके है। उन्होंने कहा की जिला प्रशासन सात दिन में क्या कार्यवाही करता है, इस पर नजर है। बाकी रामझरोखा की सम्पत्ति को नगर की जनता दलगत राजनीति से परे किसी भी हाल में बेचने नही देगी।
इस सम्पत्ति को बेचने का प्रोजेक्ट मेरे पास भी आया था पर सनातन धर्म व राम झरोखा की सम्पत्ति होने से मैने इसमे हाथ नही डाला व न किसी के पट्टे बनाये।



संपादक भावेश आर्य



