समाज से बहिष्कृत करने पर मुकदमा दर्ज करने की मांग

तथाकथित पंचों पर कार्यवाही को लेकर प्रार्थी ने सौंपा एसपी व जिला कलेक्टर को पेश किया परिवाद
सिरोही, 05 दिसंबर(हरीश दवे) ।

पुलिस थाना अनादरा में दी गई रिपोर्ट पर मुकदमा आज दिनांक तक दर्ज नहीं करने व समाज से बहिष्कृत करने को लेकर प्रार्थी अशोक कुमार ने पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर को परिवाद पेश किया है।
परिवाद में प्रार्थी अशोक कुमार पुत्र तुलसीराम जी माली, जाति माली, आयु वयस्क, निवासी सिरोडी, तहसील रेवदर, जिला सिरोही ने बताया कि 01.12.2025 को पुलिस उप अधीक्षक रेवदर के समक्ष एक परिवाद उपरोक्त लिखित कथनों पर पेश किया गया था, जिसमें पुलिस उप अधीक्षक द्वारा उक्त परिवाद को पुलिस थाना अनादरा में पेश करने की हिदायत दी थी। उक्त रिपोर्ट निम्न प्रकार से थी कि मेरे पिता श्री तुलसीराम पुत्र चमनाजी माली की एक आवासीय प्लोट ग्राम सिरोडी में आया हुआ है, जिसका पट्टा संख्या 248, दिनांक 03.11.1974 को ग्राम पंचायत सिरोडी द्वारा मुझ प्रार्थी के पिता के नाम से जारी किया हुआ है, जो हमारे कब्जे व आध्यपत्ति की सम्पत्ति है, जो करीब 2400 स्क्योर फीट है।
परिवाद में प्रार्थी ने बताया कि गांव के कुछ मौजीज पंच जिसमें मेरे भाई भी थे, मेरे पिता के सामने के एक प्रस्ताव रखा गया कि उक्त जमीन वैसे भी खाली पडी हुई है, जिसको समाज के काम हेतु दे दो, जब भी आपको इसकी जरूरत पडेगी, उक्त भाईयों ने कहा कि समाज आपको उक्त जमीन वापिस कर देंगे। उक्त बात मेरे पिता व भाईयों के बीच में मौखिक रुप से हुई थी। जिस पर मेरे पिता ने बाहर गांव मजदूरी करने हेतु अहमदाबाद गए थे, तब उक्त जमीन को संभालने हेतु भाईयों को इस बात सहमति देते हुए वर्ष 2017 तक उनके पास थी व 2017 के बाद उक्त जमीन पर विवाद होने पर व मेरे भाईयो द्वारा उक्त जमीन को उनको न देने के कारण हमें समाज से बहिष्कृत कर दिया था, जिसकी रिपोर्ट दिनांक 25.04.2017 को मुझ प्रार्थी की माताजी लीलादेवी पत्नी तुलसीरामजी ने पुलिस उप अधीक्षक महोदय रेवदर को पेश की थी। जिसकी प्रति उक्त परिवाद के साथ संलग्न है, जिसके बाद से पंचों ने व उक्त भाईयों ने उक्त परिवाद में राजीनामा कर लिया था व उक्त लोगांं ने हमें यह आश्वासन दिया था कि कोई ओलबा नहीं है व आपकी सम्पत्ति आपके पास ही रहेगी व अपने मर्जी अनुसार उपयोग व उपभोग कर सकोंगे, उक्त इकरारनामा 26.04.2017 को अनादरा पुलिस थाने में किया गया, जिसके बाद आज दिनांक तक हमारे भाईयों व पंचों के बीच कोई कानूनी कार्यवाही नहीं हुई।
वहीं 29.11.2025 को सुबह करीब 9-10 बजे के बीच उक्त विवादित जमीन पर कपूराराम, भलाराम, अमृत लाल, लक्ष्मण पामेरा, सर्वनिवासीय पामेरा, कालू जी पुत्र खूबाजी सिरोडी, लक्ष्मण पुत्र जोमाजी माली सिरोडी, मंछाराम पुत्र धरमाजी सिरोडी, छगन पुत्र नवाजी माली सिरोडी, बाबूलाल पुत्र रुपाजी, केसाराम पुत्र निमाजी, सर्व जातियान माली, सर्वजातियान माली निवासीयान सिरोडी, देवाराम माली, राजाराम माली, हीराराम पुत्र नगाजी माली, भगजी पुत्र उकाजी माली, नारायणा जी पुत्र उकाजी, सर्वनिवासीयान पीथापुरा, हंसाजी माली निवासी बाल्दा, उक्त सभी लोगों ने हमारे घर में शादी का आयोजन देखते हुए मेरे पिता के उपर दबाव बनाकर एक बैचान इकरारनामा व एक पॉवर ऑफ एर्टोनी उक्त पेरा संख्या 3 में लिखे गए लोगों में से किसी एक के नाम से करवाई गई है। जिस कारण मुझ प्रार्थी को आशंका है कि उक्त लोग मेरे पिता के उपर दबाव बनाकर उक्त पॉवर ऑफ एर्टोनी जारी करवाई गई है। मेरे पिता करीब 80-90 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति है व जो भी अनपढ है व समाज से बहिष्कृत करने का दबाव बनाते हुए उक्त लिखित करवाया है। जिसकी रिपोर्ट मुझ प्रार्थी के द्वारा पुलिस थाना अनादरा में देने के बावजूद व मेरे बयान लेखबद्ध करवाने के बावजूद न ही पुलिस थाना अनादरा ने उक्त व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है, जिस कारण उक्त लोगों के हौंसले बुलंद हो गए है व हमारे उपर अन्य समाज व संगे संबंधियों से उक्त भूखंड को बैचान करने का दबाव मेरे परिवार के उपर बना रहे है, जिस कारण मेरे पिता उक्त सदमे से हैरान व परेशान है। मेरे पिता करीब 80 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति है, जो फिर चल फिर नहीं सकते है। उक्त दबाव के कारण घर में ही रह रहे है व बहुत डरे व सहमे हुए है, अगर उक्त व्यक्तियों के विरुद्ध उक्त रिपोर्ट पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं होती है तो मेरे परिवार को बहुत मानसिक व आर्थिक आघात पहुंचेगा।
प्रार्थी ने जिला पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर को परिवाद पेश कर उक्त तथाकथित पंचों के विरुद्ध ठोस कार्यवाही को लेकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।


संपादक भावेश आर्य



