क्या सत्ता और संगठन के पुनर्गठन व फेर फार में मिल सकता है राज्य मंत्री ओटाराम को डिप्टी सीएम का ताज?सत्ता, संगठन व जिला प्रशासन में तालमेल का अभाव, विपक्ष हुआ पस्त,

भाजपा संगठन का नही हुआ पुर्नगठन तो भविष्य के चुनावो में होगा संकट
सिरोही 20 नवम्बर (हरीश दवे) ।

जहां बिहार में एनडीए सरकार के प्रचण्ड बहुमत व बिहार में सरकार बनने से भाजपा कार्यकर्ता में राष्ट्रीय खुशी की लहर है वहीं राजस्थान के अंता विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में भाजपा सत्ता व संगठन द्वारा पूरी ताकत झोक देने के बाद हुई भाजपा प्रत्याशी की हार से भाजपा के खेमे में मायुसी छायी हुई है और भाजपा का प्रदेश नेतृत्व भी स्वीकार कर रहा है कि हम राज्य सरकार की योजनाये जनता तक नही पहुंचा सके। इसलिए पराजय हुई। लेकिन इसी बीच अब प्रदेश की सत्ता व संगठन में पुर्नगठन होना निश्चित है जिसके बदलाव के संकेत प्रदेश से जिले तक राजनैतिक गलियारो में नजर आ रहे है वहीं सिरोही में सत्ता संगठन व जिला प्रशासन के तालमेल के अभाव में जिले भर में हालत बिगडते जा रहे है तथा जन असंतोष मुखर हो रहा हैं वहीं भाजपा के नेताओ के वर्चस्व की लडाई में कार्यकर्ता व जनता ठगी सी रह गई है आने वाले समय में भाजपा जिला संगठन ने पंचायत व निकाय चुनावो से पूर्व संगठन की आपसी गुटबाजी वर्चस्व की लडाई व सत्ता व संगठन में तालमेल बिठा कार्य नही किया तो आने वाले पंचायतीराज व निकाय चुनावो में भारी खामियाजा भुगतना पड सकता हैं।
प्राप्त जानकारी केे अनुसार प्रदेश की भाजपा सरकार में पुर्नगठन की संभावना दिखाई दे रही है तथा प्रदेश संगठन में भी भारी फेरबदल व पुर्नगठन हो सकता है। भाजपा जिला संगठन में भी डॉ. रक्षा भण्डारी के जिलाध्यक्ष बनने के बाद उन्होने अवश्य अपनी जिला कार्यकारिणी घोषित की है लेकिन जिले की जिला भाजपा की पूरी कार्य समिति अभी तक गठित नही हुई तथा सांसद व राज्यमंत्री के कोटे से उनकी टीम में स्थान पाने में अनेक पदाधिकारी कामयाब होगे व उनके जिलाध्यक्ष बनने से पूर्व ही 9 मंडल अध्यक्ष व शेष मंडल अध्यक्ष अनेक स्थानो पर विवाद के बाद घोषित हुए तथा मोर्चा के प्रकोष्ठ कागजो में अपनी उपस्थिति दिखा रहे है व भाजपा पार्षद गोपाल माली, युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहते हुए भाजपा में जिला प्रवक्ता भी है और ऐसे ही 7 जिला प्रवक्ता 3 महामंत्री व दर्जनो पदाधिकारीयो वाले भाजपा जिसमें मीडिया सेल व सोशल मीडिया सेल भी कागजो में प्रभावी है। लेकिन सोशल मीडिया व प्रिंट मीडिया में भाजपा व जनप्रतिनिधियो के खिलाफ नकारात्मक प्रचार पर कोई भी पदाधिकारी काउण्टर करने को तैयार नही है।
सत्ता व संगठन के तालमेल का अभाव इतना है कि जिलाध्यक्ष रक्षा भण्डारी के बनते ही दबाव की राजनीति में सबसे पहले पूर्व विधायक संयम लोढा की सेंधमारी में जावाल में बजरी आन्दोलन हुआ। अभी पिण्डवाडा तहसील में खनन परियोजना के विरोध में भाजपाईयो के समर्थन से ग्रामीण आन्दोलनरत है वहीं सिरोही नगर में भाजपा के अनेक पार्षद राजीव नगर आवासीय योजना के बहाने संगठन के लिये मुसीबत खडी कर रहे है तो पिण्डवाडा कॉलेज को लेकर भाजपाई झाडोली में कॉलेज खुले या पिण्डवाडा में इसको लेकर लामबंद है। भाजपा संगठन जबरदस्त भीतरघात गुटबाजी व अर्न्तकलह का दशको से शिकार है व राज्यमंत्री ओटाराम देवासी के जातिगत समीकरणो व ओबीसी वोटो की महारथ में भाजपा ने अवश्य गत विधानसभा चुनाव में संयम लोढा को भारी शिकस्त दी लेकिन रेवदर की प्रतिष्ठित सीट से भाजपा के चार बार के विजेता पूर्व विधायक जगसीराम कोली को हारना पडा व आबू पिण्डवाडा में बीपीटी पार्टी के तगडी दस्तक में मौजूदा विधायक समाराम गरासिया बडी मुश्किल से जीते।
गत दिनो डीएनटी के आन्दोलन में भी सिरोही जिले के कार्यकर्ताओ को लपेटे में लेने की कोशिश हुई पर राज्यमंत्री ओटाराम देवासी की सजगता से सिरोही जिला इससे अछूता रहा तथा राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने डीएनटी आन्दोलन को समाप्त करवाने में अहम भूमिका निभायी। जिसके बाद जिले व प्रदेश के डीएनटी,देवासी समाज मे विश्वास जगा की सॉसल इंजीनियरिंग में ओबीसी समाज से राज्य मंत्री ओटाराम देवासी को कैबिनेट व डिप्टी सीएम का पद मिल सकता है!
भाजपा जिला संगठन में मौजूदा जिला महामंत्री गणपतसिंह राठौड व प्रदेश प्रतिनिधि एडवोकेट विरेन्द्रसिंह चौहान के वर्चस्व की लडाई में संगठन को नुकसान हो रहा है। प्रदेश प्रतिनिधि एडवोकेट विरेन्द्रसिंह चौहान ने भाजपा संगठन में अनेक जिलाध्यक्षो के साथ कार्य किया है और वो भी किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष गणपतसिंह राठौड के साथ जिलाध्यक्ष के प्रबल दावेदार थे और दोनो के जिलाध्यक्ष नही बनने के बाद अब संगठन में पकड को लेकर दोनो अपनी अपनी चाल चल रहे है, वही भाजपा जिला टीम में एक व्यक्ति एक पद के स्थान पर अनेक लोग अपने आकाओ के बूते भले ही संगठन में काबिज तो हो गये लेकिन भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. रक्षा भण्डारी के अथक प्रयासो के बावजूद संगठन में मजबूती नही दिखाई पड रही तथा प्रदेश संगठन द्वारा आ रहे अनेक अभियान व कार्यक्रम जिलास्तर व मंडलो में फोटो सेशन तक सीमित रह गये है।
जिले में बढती चोरियो, पुलिस तक हमले, अधिकारियोें के तबादले, मााउण्ट आबू व मुख्यालय पर बिना आयुक्त के चलने तथा सरकारी महकमो में भ्रष्टाचार की शिकायते भाजपाई ही सोशल मीडिया में ज्यादा कर रहे है जिसमें विपक्ष की भूमिका में नदारद कांग्रेसी तो कही पर भी आवाज नही उठाते और जिले में विपक्ष के रूप में एक ही आवाज है पूर्व विधायक संयम लोढा जिसने आगामी पंचायतीराज व निकाय चुनावो से पूर्व भाजपा में अपनी संेधमारी लगा दी है और उन्होने अपनी टीम को सिरोही शिवगंज विधानसभा के अलावा पूरे जिले में सक्रिय कर दिया है तथा जनता के मुदृदो को आवाज देकर वो गाहे बगाहे सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे है। यह अलग बात है कि सांसद लुम्बारामचौधरी, राज्यमंत्री ओटाराम देवासी व भाजपा जिलाध्यक्ष रक्षा भण्डारी जिले व क्षेत्र के लिये विकास व सरकारी योजनाओ के क्रियान्वयन के लिये बहुत प्रयास कर रहे है। पर सत्ता व संगठन के तालमेल के अभाव में छूटभैया नेता प्रशासन पर दबाव बनाने में अपनी चौधराहट चला रहे है जिससे प्रशासन भी आमजनता के कार्यो के निपटान में उदासीनता बरस रहा है और पूरा जिला सत्ता संगठन व जिला प्रशासन के अभाव व सशक्त विपक्ष के अभाव में बदहाली का शिकार है।

संपादक भावेश आर्य



