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राजीव नगर आवासीय योजना की कृषि भूमि के वसीयतधारक ने जिला पुलिस अधीक्षक को करवाया परिवाद दर्ज


सिरोही 10 नवम्बर (हरीश दवे)

सिरोही नगर परिषद क्षेत्र में बहुविवादित राजीव नगर आवासीय योजना सुरसा के मुंह की तरह लम्बी होती जा रही है एवं वर्ष 1987-88 में आपसी समझौता व जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित सिटी मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में लिये प्रस्ताव के अनुरूप राजीव नगर आवासीय योजना अमल में आयी थी जो काल के थपेडे में कभी निलाम होती रही, कभी आयकर भवन बने तथा न्यायालय की भेंट चढने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और एसडीएम कोर्ट में भी अलग से वाद चल रहे है लेकिन वसीयतधारक छगन पुराजी ने रविवार को कृषि भूमि पर खेती के कार्य करने के दौरान नगर परिषद के एसआई व कुछ लोगो द्वारा उसे खेती के काम से रोके जाने पर परिवाद दर्ज करवाया।
जिला पुलिस अधीक्षक सिरोही को आज पेश होकर परिवाद दर्ज कराया कि मुझ दबे कुचले गरीब एससी प्रार्थी के उक्त खेत पर 9 नवम्बर को एक पुरी गेंग व जेसीबी, ट्रेक्टर लेकर आया, जब मैं खेती के कार्य कर रहा था, तो मुझ एससी प्रार्थी की कृषि भूमि पर कोई कार्य नहीं करने देने व सारा यहां से लगा हुआ व पड़ा सामग्री उठाकर ले जाने के लिये सामतशाही रोप धोस दिखाते हुए, खुब देर तक जेसीबी व ट्रैक्टर लेकर रोड पर ही खडा रहा। उससे कोई आने का आदेश की बात पूछने पर उसने कोई उत्तर नही दिया, और मुझसे कागजात पूछे तब मैने भूमि संबंधित मेरे हक के पेपर वगैरह दिखाये व तस्सली करा दी। मेरे दोपहर भोजन के दौरान यकायक उसने उसके साथ की गैंग व जेसीबी एवं ट्रेक्टर वाले को साहब की तरह आदेश दिये, तो मैं प्रार्थी अपना दोपहर का खाना-पीना छोड़कर एससी अधिकारों को लेकर टैक्टर व जेसीबी वाले से हाथाजोड़ी करने व गिडगिडाने लगा कि यहां से कुछ मत ले जाओ। मैं गरीब हु, मजदूरी करके मेरा व परिवार का गुजारा चलाता हूं, मेरा नुकसान मत करो। आखिर तक उसने एक नहीं सुनी, तब मैने मेरे पास खड़े एक व्यक्ति से मोबाइल लेकर अर्जेंट मेरे बेटे महेंद्र को भी तुंरत मेरी इस कृषि भूमि पर आने को कहा। थोडी देर बाद उसके आने पर मैंने जो मेरे खेत की पुरी प्रोटेक्शन तार, पिलर लगाई हुई थी, उसको जेसीबी से सब तोड़, खोलकर, मरोड़ कर, विटला कर उसके ट्रेक्टर में चढ़ा कर पीछे जेसीबी लगाकर मुझे दबाव व डर बिठाते हुए ले जाने लगे,
ज्ञापन में छगनलाल पुराजी ने बताया कि हम एससी का होने की वजह से मुझे व मेरे बेटे को कृषि भूमि पर आकर उक्त जनो द्वारा सामंतीवादी प्रभुत्व की तरह डराया गया और मैने उनसे बहुत मिन्नते की कि मेरा सामान न ले जाये। लेकिन हमारी कोई सुनवाई नही की और उनसे कहा कि आप जो सामान लेकर जा रहे हो उसकी रसीद तो दे दो लेकिन कोई जवाब नही मिला और कहा कि कल ऑफीस आकर लेकर जाना और मुझे धमकाया। इस पूरे घटनाक्रम का मेरे पास खडे खेत के मजदूरो ने फोटोग्राफ लिये।
मेरी भूमि शहर में होने से पहले भी मेरी बाउण्ड्री के तार बदनियती से तोडे गये है तथा मुझे धमका, डरा व दबाकर मुझे खेती नहीं करने देने, कार्यों में व्यवधान पैदा करने एवं मेरी खेती, साम्रगीयां व भूमि हडपने वगैरह बदनियतियों से पहले भी ऐसे ही इन गैरएससी व संस्थाओं के मिलिभगत करके, करते रहने से मैं परेशान होकर मेरे द्वारा अर्ज करने पर मुख्य सचिव/ अति. मुख्य सचिव राजस्थान सरकार के आदेश से गृह विभाग ग्रुप-13 में परिवाद संख्या 8389 दिनाक 17.11.2022 को दर्ज कर अति. महानिदेशक पुलिस, सिविल राइट्स जयपुर को निर्देश दिये थे, जिसमें मुझ एससी प्रार्थी की इस भूमि को बचाने व मुझ गरीब एससी को इनसे सुरक्षा करने (पुलिस प्रोटेक्शन) का स्पष्ट लिखने के बावजूद आज फिर मेरे खेत से सारी तारे व पीलर ट्रेक्टर व जेसीपी से खुलेआम उठाकर, मुझे जलील बेइज्जत करते-कराते ले गये। इनसे मेरे जान-माल सुरक्षा, लेगये सामन दिलाने, नुकसान दिलाने, अपराधियों दोषियों को सजा देने की कृपा करावे। जिला पुलिस अधीक्षक सिरोही ने फरियादी का परिवाद दर्जकर सिरोही सदर थाने में प्रेषित किया।

संपादक भावेश आर्य

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