देवनगरी सिरोही में गरबा चढ़ने लगा परवान

“कुमकुम पगलिए पधारो म्हारी मां…” सरीखे पारंपरिक गरबा गीतों पर थिरक रहे कदम से कदम
सिरोही(हरीश दवे) ।

शारदीय नवरात्रि के अवसर पर गुजरात के समीपवर्ती जिले सिरोही सहित समूचे मारवाड़ क्षेत्र में गुजरात की लोक परंपरा गरबा का आयोजन धीरे-धीरे परवान चढ़ रहा है। जिला मुख्यालय के पुलिस लाइन स्थित अम्बे माता मंदिर, संतोषी माता,आशापुरी टेकरी,पदम् जी मन्दिर, बड़ी ब्रम्हपुरी, व गली मोहल्लों के गरबा पंडाल में गरबे अब परवान चढ़ने लगे है।
रामझरोखा मैदान में प्रतिवर्ष की भांति विशाल गरबा पांडाल में पारंपरिक गरबा रास में माता बहने और युवक युवतिया अनवरत गुजराती गरबा गीतों की सुमधुर लय ताल के साथ कदम से कदम मिलाते हुए नृत्य कर माता की स्तुति कर रहे हैं।

नवरात्र के तीसरे दिन 53 वें नवरात्रि महोत्सव के आयोजक जगदम्बे नवयुवक मंडल रामझरोखा सिरोही के तत्वावधान में गुजराती लोक परंपरा के गरबा गीतों पर नृत्य करते हुए प्रतिभागियों ने गरबा की रफ्तार धीरे धीरे बढ़ा दी है। इन गरबा गीतों में लोकप्रिय “धीरे-धीरे चुनरीए है रंग लागो….” मां पावाते गढ़ती उतरे मां काली रे….” “गणपति आयो बापा…” “अंबाजी गरबे घूमे छे….” “सोना नो गरबो मांनो रूपा नो गरबो….” “तमे कुमकुम पगलिए पाड़ो म्हारी मां, नौरतानी रात….” सरीखे एक से बढ़कर एक गरबा गीतों पर सभी झूमते हुए मां के दरबार में अपनी हाजरी लगा रहे हैं।
मंडल के मुख्य संरक्षक सुरेश सगरवंशी ने बताया कि नृत्य करने वाली माता बहनों के लिए विशेष पुरस्कारों की व्यवस्था की गई है और प्रतिदिन गरबा खेलने वाली बहनों को आकर्षक इनाम दिए जा रहे हैं। उधर अस्थाई मंदिर में विराजमान मां के दरबार में मां जगदंबा की विशाल प्रतिमा के दर्शनार्थ प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। आयोजक मंडल ने कार्यक्रम स्थल पर सुदृढ़ व्यवस्थाएं की है। मंडल के सभी कार्यकर्ता व सदस्य कड़ी मेहनत कर आयोजन को सफल बनाने में जुटे हैं।
देर रात्रि तक चलने वाले गरबो को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस ने तगड़े बन्दोवस्त किये है।



संपादक भावेश आर्य