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राजनीतिक कारण या इंजीनियरिंग की त्रुटि बन रहा नाला बिना सिवरेज चेम्बर


आयुक्त व एलएण्डटी के अधिकारी नही दे रहे जवाब


सिरोही 4 सितम्बर (हरीश दवे) ।

सिरोही नगर परिषद क्षेत्र में 20 साल से बंद पडे नाले को तीसरी बार ढकने के दौरान नगर परिषद के ठेकेदार को जहां जनआक्रोश झेलना पडा और पूर्व विधायक संयम लोढा नाले की समस्या के समाधान की मांग को लेकर पहुंचे लेकिन ठेकेदार द्वारा यह बताने पर की यहां पर एलएण्डटी ने सिवरेज के चेम्बर नही बनाये है तथा सिवरेज का पानी सीधा गटर में जा रहा है जो आगे से बंद है इस कारण कार्य रूका हुआ है। उसके बाद हुई राजनीति व दबाव के चलते ईद के मद्देनजर नगर परिषद के ठेकेदार द्वारा नाले को ढकने का कार्य किया जा रहा है लेकिन नाला आगे बंद है, समीप ही एक राजपूत विधवा महिला का अपने मकान के बाहर केबिन है जहां पर मकान में रहना दुर्गंध के चलते रहना भी मुश्किल हो गया है और पीछे ही कांजी हाउस बना हुआ है जिसका कचरा व गदंगी भी विधवा महिला के जी का जंजाल बन गई है जिसकी शिकायत करने के बाद भी नगर परिषद प्रशासन ध्यान नही देता लेकिन नाली निर्माण के दौरान एलएण्डटी द्वारा सिवरेज चेम्बर नही किये जाने व आयुक्त से इस बाबत दूरभाष पर इस बाबत बात करने की कोशिश की तो उनका कोई जवाब नही मिला वहीं एलएण्डटी के एक अधिकारी आशीष सिंह ने बताया कि सिरोही में सीवर लाइन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है यदि किसी उपभोक्ता के घर का सीवर कनेक्शन शेष तो टोल फ्री नंबर 1800-1800-116 व हेल्पलाइन नंबर 7340123789 पर संपर्क किया जा सकता है।
राजस्थान नगरीय आधारभूत विकास परियोजना यानि आरयूआईडीपी सिरोही शहर में जोन -1 में सीवर लाइन का कार्य स्कोप अनुसार पूर्ण कर लिया गया है, बचे हुए सीवर कनेक्शन के लिए हेल्पलाइन नंबर 7340123789 पर संपर्क कर कनेक्शन लिया जा सकता है, ताकि हर घर को सीवर कनेक्शन का लाभ मिल सके। ये जानकारी भी साझा की गई है कि नगर पालिका अधिनियम 2009 के अनुसार जिन शहरों में सीवर सिस्टम शुरू हो जाता है वहां सभी के लिये सीवर कनेक्शन करवाना अनिवार्य है। क्योंकि घरों से निकलने वाले गंदे पानी को, जिसमें टॉयलेट, स्नानघर और रसोई से निकलने वाला गंदा पानी शामिल है, की निकासी खुले में अथवा ओपन ड्रेन या नाली में नहीं की जा सकती। इस गंदे पानी की निकासी सीवर लाइन द्वारा ही होनी चाहिए।सीवर कनेक्शन नहीं करवाने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। अतः सभी से ये अनुरोध किया जाएगा कि सीवर कनेक्शन के लिए हां कहें और जुर्माने से बचें। लेकिन नाले पर सिवरेज चेम्बर नही बनाने के प्रश्न पर उन्होने कहा कि नाले के किनारे बसे घरो के बाहर अतिक्रमण भी है और पानी की टंकीया भी बनी हुई है जिसे तोडने नही दिया जा रहा तथा काम करने से रोका जाता है और चेम्बर बनाने में कठिनाई आ रही है। जब उनसे पूछा गया कि शहर के आधारभूत ढांचे के परिवर्तन में सिवरेज चेम्बर बनाना अनिवार्य है और आप भी दावा कर रहे है कि सिवरेज चेम्बर बना दिये गये है जबकि शहर के अनेक वार्डो में आम जनो के घर में सिवरेज पाईप लाईन नही बिछाई गई व सिवरेज चेम्बर बनाने के बाद में घरो के सिवर को उनसे नही जोडा। इस प्रश्न का उत्तर आशीषसिंह नही दे सके।
अब सवाल यह उठता है कि नगर परिषद ने आनन फानन में तीसरी बार नाले को ढकने में सिर्फ छीणो का उपयोग किया व नाला आगे तक नही बना व सीधी इसमें सिवरेज गटर की सप्लाई दी तो आने वाले समय में नाले का भराव होने पर भविष्य में रहीवासी बस्ती व गौरवपथ पर संकट होगा। पूर्व में भी जेल नाला तोडकर नाले में पाईप लाईन डाली गई लेकिन छोटी मस्जिद के बाहर अल्पबारिश में भी जल भराव होता है।

संपादक भावेश आर्य

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