जिला कलेक्टर अल्पाचौधरी की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक

मौसमी बीमारियों से लेकर टीबी मुक्त भारत तक, सभी योजनाओं की प्रगति पर हुई समीक्षा
सिरोही(हरिश दवे)।

जिला कलेक्टर अल्पा चौधरी की अध्यक्षता में शुक्रवार 29 अगस्त दोपहर तीन बजे को आत्मा भवन में जिला स्वास्थ्य समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिले में संचालित राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की गई और भविष्य की कार्ययोजना पर चर्चा हुई।
बैठक में सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. एस.पी. शर्मा, आरसीएचओ डॉ. रितेश संखला, डीटीओ डॉ विवेक जोशी, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी ,अतिरिक जिला शिक्षा अधिकारी,जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम नरेश टेलर, जिला आशा समन्वयक चन्द्राराम लुहार, सभी बीसीएमओ और जिले के सभी चिकित्सा अधिकारी मौजूद रहे।
“मौसमी बीमारियों पर विशेष चर्चा”
बैठक में मौसमी बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और वायरल फीवर की रोकथाम व उपचार व्यवस्था की गहन समीक्षा की गई। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि गांव-गांव और शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग, सफाई और एंटी लार्वल एक्टिविटी नियमित रूप से किया जाए तथा अस्पतालों में जांच और दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित हो।
“माँ योजना की समीक्षा “
बैठक में माँ योजना की समीक्षा करते हुए जिला कलेक्टर ने सभी बीसीएमओ को निर्देशित किया कि कोई भी परिवार इस महत्वपूर्ण योजना से वंचित ना हो इसकी पालना सुनिश्चित की जाए । सभी एएनएम एवं आशाओ के माध्यम से हर घर ये सुविधा प्रदान की जाए जिससे किसी भी बीमार व्यक्ति को सरकारी एवं निजी पंजीकृत अस्पताल में निशुल्क सुविधा मिल सके ।
सीएमएचओ डॉ दिनेश खराडी ने सभी बीसीएमओ एवं चिकित्सकों कों कड़े शब्दों में निर्देश दिए कि ओपीडी एवं अस्पताल में बैठकर बाहर से दवाई या जांच लिखने की शिकायत नहीं आनी चाहिए , अगर ऐसी शिकायत मिलती है तो कठोर कार्यवाही की जाएगी ।
“साफ़ सफ़ाई रखने के निर्देश “
सभी संस्था प्रभारियों को निर्देश दिए कि सभी हॉस्पिटल में साफ़ सफ़ाई का विशेष ध्यान रखें ।
“मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य योजनाओ की समीक्षा “
गर्भवती मातायो की प्रथम तीन माह में पंजीकरण एवं कम से कम चार एएनसी जांच , संस्थागत प्रसव करने पर विशेष जोड़ दिया गया ।जननी सुरक्षा योजना (JSY) के क्रियान्वयन पर चर्चा करते हुए कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं का समय पर बैंक खाता खुलवाए जिससे प्रसव उपरांत तुरंत उसके खाते में राशि स्थान्तरित की जा सके साथ ही नवजात शिशुओं की नियमित देखभाल , टीकाकरण , छह माह तक सिर्फ माँ का दूध एवं उसके बाद पोषण आहार पर भी विशेष जोर दिया गया।
“बालिका केंद्रित लाडो योजना एवं माँ केंद्रित माँ वाउचर योजना पर विशेष जोर “
बैठक में लाड़ो प्रोत्साहन योजना और मां वाउचर योजना की प्रगति की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने कहा कि गर्भवती महिलाओं के बैंक खाते गर्भावस्था में ही खुलवाए जिससे योजनाओं का लाभ समय पर और पारदर्शिता के साथ मिल सके साथ ही माँ वाउचर योजना के अंतर्गत निजी पंजीकृत अस्पताल में सोनोग्राफी निशुल्क करवाये जिससे गर्भस्थ शिशु की स्वास्थ्य जांच की जा सके ।
“एनीमिया मुक्त राजस्थान और टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा “
बैठक में एनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान और टीबी मुक्त भारत अभियान की स्थिति पर चर्चा की गई। जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और गांवों में एनीमिया की जांच व आयरन की गोलियाँ वितरण नियमित रूप से हो। वहीं, टीबी रोगियों की पहचान, उपचार और पोषण सहयोग सुनिश्चित कर निक्षय मित्र अभियान को और मजबूत बनाया जाए।
एनसीडी व परिवार कल्याण कार्यक्रम
एनसीडी (गैर-संचारी रोग) कार्यक्रम की समीक्षा में मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसे रोगों की समय पर जांच व उपचार सेवाओं पर चर्चा हुई। साथ ही परिवार कल्याण कार्यक्रम में परिवार नियोजन साधनों की सुलभ उपलब्धता और जागरूकता गतिविधियों को बढ़ाने पर जोर दिया गया।
बैठक का समापन इस दृढ़ संकल्प के साथ हुआ कि जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा कार्मिक मिलकर सामूहिक जिम्मेदारी निभाएँगे और जिले के हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराएँगे।
जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को यह भी स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही जननी सुरक्षा योजना, लाड़ो प्रोत्साहन योजना, मां वाउचर योजना, एनीमिया मुक्त राजस्थान, टीबी मुक्त भारत अभियान और एनसीडी कार्यक्रम तभी सफल माने जाएंगे जब इनका लाभ वास्तव में ज़रूरतमंद व्यक्ति तक पहुँचे।
उन्होंने कहा कि—
• स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आमजन को भटकना न पड़े, बल्कि सेवाएँ उनके द्वार तक पहुँचे।
• प्रत्येक चिकित्सक, बीसीएमओ और आशा सहयोगिनी को अपनी भूमिका पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभानी होगी।
• सरकार के प्रयास तभी सार्थक होंगे जब जिला स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक स्वास्थ्य योजनाएँ धरातल पर प्रभावी रूप से लागू हों।
बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि जिले के प्रत्येक ब्लॉक में मासिक प्रगति रिपोर्ट, ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य सर्वेक्षण और विशेष निगरानी समितियाँ गठित की जाएँगी ताकि योजनाओं के प्रभाव का आकलन हो सके और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित सुधार किए जा सकें।
उक्त बैठक दोपहर तीन बजे से शाम साढ़े सात बजे तक चली।

संपादक भावेश आर्य