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आंगन वाड़ी केंद्रों के हाल बदहाल,पोषाहार मिल रहा अवधि पार,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों का किया औचक निरीक्षण


सिरोही 6 अगस्त (हरीश दवे) ।

एक तरफ तो डबल इंजन की सरकार बच्चो को कुपोषण से उबारने व स्वस्थ भारत की दिशा में अनेक कार्यक्रम चला रही है लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग जिसके अन्तर्गत जिले की आंगनवाडीयो में बच्चो को पोषण युक्त पोषाहार व पढाई लिखाई होती है जिसका कभी कोई प्रशासनिक अमला या जनप्रतिनिधि निरीक्षण नही करते जिसके हाल आज सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिरोही श्रीमती सावित्री आनंद निर्भीक द्वारा औचक आंगनवाडी केन्द्रो का निरीक्षण करने पर सामने आये और उन्होने पत्रकार वार्ता का आयोजन कर इसकी जानकारी दी। जब जिला मुख्यालय व टीएसपी एरिया के आंगनवाडी केन्द्रो के यह हाल है तो जिले के आदिमजाति बाहुल्य आबू, पिण्डवाडा, रेवदर, सिरोही, शिवगंज के क्या हाल होगे।
पत्रकार वार्ता में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिरोही श्रीमती सावित्री आनंद निर्भीक द्वारा टीम के साथ की गई कार्यवाही की पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि सिरोही क्षेत्र के वार्ड न. 25, 21, 23, 24 ,05, 04, 02, 01 में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण टीएसपी प्रभावित क्षेत्रों में आगंनवाड़ी केन्द्रो पर अतिकुपोषित बच्चों के वजन, लंबाई, स्वास्थ्य, छः वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान, व शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति की जांच के संबंध में किया गया। निरीक्षण के दौरान आंगनवाड़ी केंद्रों की वास्तविक स्थिति अत्यंत चिंताजनक पाई गई। अधिकांश केंद्रों में संचालन में लापरवाही, रिकॉर्ड की अनियमितता, पोषण आहार की गुणवत्ता में गिरावट तथा बच्चों की उपस्थिति में कमी जैसे गंभीर मुद्दे सामने आए। निरीक्षण के मुख्य बिंदु 1’’साफ-सफाई का अभाव- अधिकांश केंद्रों में सफाई की स्थिति अत्यंत खराब पाई गई। बच्चों के बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं थी। 2 ’’पोषण आहार में अनियमितता- कई केंद्रों में पोषण आहार का वितरण नहीं हो रहा था। जहां किया जा रहा था, वहां उसकी गुणवत्ता खराब पाई गई। कुछ स्थानों पर बच्चों ने भोजन के स्वाद व स्वच्छता पर भी सवाल उठाए। एवं कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर समय बाधित/कालातीत वाले उत्पाद उपलब्ध करवाये जा रहे थे। 3 रिकॉर्ड की अनियमितता- बच्चों की उपस्थिति पंजिका, पोषण आहार वितरण रजिस्टर, टीकाकरण एवं स्वास्थ्य जांच संबंधी अभिलेख में कई महीनों के रिकॉर्ड अद्यतन नहीं थे। 4. अति कुपोषित बच्चों के सन्दर्भ में कोई भी रजिस्ट्रर सन्धारित नहीं किया जा रहा है सभी ने यह तथ्य अवगत कराया गया कि हमें उपर से आदेश दिये गये है कि अब से रजिस्टर संधारित नही करें क्योंकि अब सारा काम ऑनलाईन किया जा रहा है। इसलिए अब बच्चों के वजन, लंबाई, स्वास्थ्य, छः वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान, व शिक्षा से संबंधित तथ्यों के उल्लेख बाबत् रजिस्टर संधारित नहीं की जा रहें। इस दौरान कई आंगनबाड़ी केंद्र बंद पाये गये।
अब आंगनवाडी केन्द्रो के जिला मुख्यालय पर यह हाल है तो पूरे जिले में क्या हाल होगें जिस पर ग्राम पंचायत के सरपंच, वार्ड पंच व स्वायत्तशाषी संस्थाओ के सभापति, पार्षदो व जनप्रतिनिधियो को भी बच्चो के भविष्य, उनकी पढाई लिखाई तथा केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे व्यय पर मॉनिटरिंग रखनी चाहिये।

संपादक भावेश आर्य

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