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एमओयू नंदी गौशाला की समीक्षा हो तथा मुक गोवंश को मिले आश्रय व संरक्षण


-स्वयंसेवी संस्था हिन्दू वेव के जिला संयोजक ने एडीएम को मुख्यमंत्री के नाम सौपा ज्ञापन


-2000 बीघा जमीन का एमओयू, क्यों नही मिलता नंदीयो को संरक्षण


-नगर परिषद क्षेत्र में पॉलिथीन की वजह से गोवंश हो रहा अधमरा व नंदीयो पर अनेक स्थानो पर लगते घाव


सिरोही(हरीश दवे) ।

सिरोही नगर परिषद क्षेत्र में बेसहारा पशुओ व सैकडो नंदीयो की भरमार में आमजन का जीना वार्ड मौहल्लो में दुभर हो गया है। जिसके प्रमुख वजह एमओयू नंदी गौशाला द्वारा नंदी वंश व बेसहारा गोवंश को टेग लगाने के बाद पुनः शहर में छोडने व नंदीयो को कभी आश्रय नही देने तथा पॉलिथीन की वजह से बेसहारा गोवंश की दर्दनाक मौत व बेसहारा नंदीयो के साथ बरती जा रही क्रुरता को रोक अर्बुदा गौशाला में गोवंश को संरक्षण मिले जिसको लेकर हिन्दू वेव के जिला संयोजक तथा आरटीआई एक्टिविस्ट प्रभुसिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम एडीएम दिनेश सापेला को ज्ञापन सौपा।
ज्ञापन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सौपते हुए उन्होने बताया कि गत कांग्रेस सरकार के शासन के दौरान प्रदेश में गौशालाओं व अनुदान के नाम पर करोडो रूपये का घपला हुआ व सरकारी भूमि हडपी गई। इसी दर्ज पर पूर्व सी.एम. अशोक गहलोत व उनके सलाहकार रहे पूर्व विधायक संयम लोढा ने नियमो के विपरित सिरोही नगर परिषद क्षेत्र में अर्बुदा गौशाला व डेयरी फार्म की खातेदारी भूमि में से 2000 बीघा भूमि सिर्फ नंदी गौशाला के लिये एमओयू करवा एक निजी गौशाला को सुपुर्द की लेकिन एमओयू के करार के मुताबिक दो साल व्यतित होने के बावजूद सिरोही नगर में सैकडो की तादाद में भटक रहे गोवंश व सैकडो नंदीयो को आज दिन तक नंदी गोशाला में आश्रय नही दिया गया।
जिस वजह से सिरोही नगर परिषद जो राज्य सरकार की पॉलिथीन निषेध नीति व पीएम मोदी के सिंगल यूज पॉलिथीन बैग की धज्जियां उडा रही है, जगह जगह पॉलिथीन के बैग बिखरे पडे है जिन्हे गोवंश खाकर अधमरा हो रहा है व गली मौहल्लो में तडप तडप कर मरता है। जिसको कई पर भी ईलाज नही मिलता है और वह पशुधन तडप तडपकर मरने से आमजन की धार्मिक भावना आहत होती है।
एमओयू गोशाला में सरकार ने करीब 4 करोड से ज्यादा की राशि दी। इसी फेर में नगरपालिका संचालित अर्बुदा गौशाला जो नगर परिषद ने कांजी हाउस बेच जिला प्रशासन से अर्बुदा गौशाला की खातेदारी भूमि में से संचालन के लिये हस्तगत की थी उसका भी समावेश जैसे नंदी गौशाला में कर दिया। जबकि गोवंश पकडने के नाम पर 10-10 लाख रूपये के टेण्डर हुए, अनेक संविदाकर्मीयो का गौशाला में व्यय हुआ लेकिन एमओयू गौशाला में नगर परिषद में भटकते गोवंश को आश्रय नही मिला।
अगर आमजन नगर परिषद व जिला प्रशासन के पास शिकायत करे या नगर परिषद बेसहारा पशुओ की धरपकड कर नंदीयो समेत एमओयू गोशाला को सौपना चाहे तो भी नंदी गौशाला राजनीतिक संरक्षण के चलते मुक गोवंश को स्वीकार नही करती है जिसकी शिकायत जिला प्रशासन के अलावा पशुपालन मंत्री, राज्यमंत्री व सांसद को भी की गई लेकिन इस समस्या के समाधान में राजनीतिक व धार्मिक कारणों से असहज नजर आ रहे है व समाधान करने से कन्नी काट रहे है। जिस वजह से नगर की जनता में भारी आक्रोश है।
ज्ञापन देते हुए हरीश दवे व प्रभुसिंह ने एडीएम दिनेश सापेला को बताया कि अर्बुदा गौशाला और डेयरी फार्म की कुल 5000 बीघा जमीन में 700-800 बीघा भूमि पर अतिक्रमी व भूमाफियाओं का कब्जा है। 2000 बीघा भूमि पर एमओयू हो गया है तथा आसपास के 5-6 गांव व सिटी के मवेशी यहां पर चराई करने जाते थे उनको भी गोचर में प्रवेश नही मिल रहा है जिस वजह से सिरोही, धांता, सिंदरथ, नवाखेडा, रामपुरा, मांकरोडा, वेरापुरा के पशुपालक वर्ग व देवासी समाज सर्वाधिक आहत है। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से जनहित व मुक गोवंश के संरक्षण के हित में कार्यवाही का आग्रह करते हुए बताया कि अर्बुदा गौशाला व डेयरी फार्म में गत कांग्रेस सरकार व कांग्रेस नगर परिषद बोर्ड द्वारा किये गये समस्त व्यय नंदी गौशाला की समीक्षा करवा उक्त पूरे मसले पर गंभीर जांच करवा मुक गोवंश को अर्बुदा गौशाला व डेयरी फार्म की भूमि में स्थान दिलावे तथा उन्हे शहर में बढती जा रही गोवंश से क्रुरता से बचावे व आमजन को बेसहारा पशुओ के कहर से भी बचावे। अन्यथा सिरोही नगर की जनता गोवंश संरक्षण, संर्वधन के क्रम व नगरवासियों को नंदीयो से होने वाली समस्या व उनके प्रति क्रुरता व गोवंश के पॉलिथीन खाकर अधमरा होने का जिम्मेदार सिरोही नगर परिषद प्रशासन व एमओयू गोशाला को जिम्मेदार मान इनके खिलाफ लोकतांत्रिक पद्धति से संघर्ष करेगा व आमरण अनशन करेगा।

संपादक भावेश आर्य

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