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आचार्य सम्मेलन का समापन हुआ।


सिरोही 29 जुलाई (हरीश दवे) ।

विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान से सम्बद्ध आदर्श शिक्षा समिति सिरोही द्वारा संचालित सिरोही व कालन्द्री संकुल के आचार्य सम्मेलन का 28 जुलाई को आदर्श विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक सिरोही में समापन हुआ। विद्या मंदिर प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि समापन सत्र् में अतिरिक्त जिला कलेक्टर दिनेश सापेला, जोधपुर प्रान्त सचिव महेन्द्र कुमार दवे, जिला समिति अध्यक्ष कैलाश जोशी, व्यवस्थापक शंकरलाल पटेल, कोषाध्यक्ष छगन लाल माली, सहकोषाध्यक्ष भंवर सिंह एवं जिला सचिव लकाराम चौधरी के आतिथ्य में समापन हुआ।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने बताया कि भारतीयों मूल्यांे एवं भारतीय शिक्षण पद्धति के अनुसार शिक्षा विद्या भारती का मुख्य लक्ष्य है। क्योकि भारतीय शिक्षा पद्धति अनुसार हिन्दी माध्यम में अध्ययन से ही बालको में मानवीय मूल्यों का विकास सम्भव है। शिक्षा ही बच्चों में क्रियान्यवन करती है। नये नये प्रयोग कर छात्रों को शिक्षा में बताना चाहिए। छात्रों को नये नये प्रयोग के माध्यम से समझाना चाहिए एक टास्क देकर उन टास्क को हल करने को कहना चाहिए।
जोधपुर प्रान्त सचिव महेन्द्र कुमार दवे ने समापन सत्र् में आचार्यो को सम्बोधित करते हुए कहा कि उपनिषद् आदि ग्रंथों में व्यक्तित्व के व्यक्त रूप को पाँच भागों में बांटा गया ही यह पंचकोषात्मक विकास कहलाया। अन्नमय कोष शरीर के विकास, प्राणमय कोष प्राणों, मनोमय कोष मन के विज्ञानमय कोष बुद्धि के एवं आनंदमय कोष चित्त के विकास से सम्बंधित है। विद्या भारती के विभिन्न प्रशिक्षण वर्गाे की दिनचर्या इस प्रकार की होती है इन पंचकोषात्मक विकास की अवधारणा पूर्ण हो। वर्ग के पश्चात् हमें दैनिक जीवन में भी इसी प्रकार की दिनचर्या बनाए रखनी चाहिए। पांचो कोषों का विकास विभिन्न आयुवर्गानुसार भिन्न-भिन्न होता है। हिन्दुत्व को जीवित रखने के लिए हमें अपने धर्म संस्कृति के अनुसार कर्म करने ही होंगे। हम हिन्दुत्व है तो हमारा प्रत्येक कार्य व्यवहार। जीवन शैली में हिन्दुत्व की झलक दिखगी चाहिए। सम्मेलन में चर्चा सत्र् में सहशैक्षणिक दायित्वों पर, सामाजिक, समरसता पर्यावरण संरक्षरण में हमारी भूमिका, पांच आधारभूत विषयों शिक्षण प्रशिक्षण, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सीखने के परिणाम, सहायक सामग्री आधारित शिक्षण कार्य जिसमें विज्ञान, गणित आंग्ल, संस्कृत हिन्दी व सा. विज्ञान विषय व गतिविधि आधारित शिक्षण प्रशिक्षण आदि प्रशिक्षण हुए। 10वी, 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम में सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वाले आचार्य-आचार्या को भी सम्मानित किया। विद्या मंदिरो के प्रधानाचार्य एवं समस्त आचार्य/आचार्या उपस्थित थे। प्रधानाचार्य को सम्मानित किया एवं बोर्ड परीक्षा परिणाम में सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वाले आचार्य-आचार्या को भी सम्मानित किया। इस सम्मेलन में विद्या मंदिरो के प्रधानाचार्य एवं समस्त आचार्य/आचार्या उपस्थित थे।

संपादक भावेश आर्य

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