आपातकाल लागू करना देश के लोकतांत्रिक इतिहास पर एक स्थायी धब्बा – डॉ. रक्षा भण्डारी

आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर भाजपा ने मनाया काला दिवस, बूथ स्तरीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
सिरोही(हरीश दवे)।

सिंधी समाज धर्मशाला में भाजपा नगर मंडल सिरोही द्वारा आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर भाजपा नगर मण्डल ने मीसा बंदी-लोकतंत्र सेनानी सम्मान समारोह एवं बूथ स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ।यह आयोजन 23 जून डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 23 जून बलिदान दिवस व 25 जून 1975 को लगाये गये आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर 6 जुलाई तक प्रदेश संगठन के निर्देशों पर बूथ स्तर व शक्ति केंद्रों में तय निर्देशो के अनुरूप कर नगर मण्डल ने सभी बूथ व शक्ति केंद्रों की कार्य शाला रखी। किया गया।
इस दिन को भाजपा ने लोकतंत्र पर हमले के काले अध्याय के रूप में याद किया।कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता,पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी,श्यामा प्रसाद मुखर्जी की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ की गया।

कार्यक्रम में आपातकाल के दौरान जेल में गए चंपत मिस्त्री एवं शंकर माली का राज्यमंत्री ओटाराम देवासी,जालोर सिरोही सांसद लुंबाराम चौधरी एवं भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ रक्षा भंडारी ने शाल एवं माला पहनाकर सम्मान किया गया।इस अवसर पर लगाये गये प्रदर्शनी भी रखी गई, जिसे उपस्थित कार्यकर्ताओं ने देखा।
राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने संबोधित करते हुए कहा कि
1975 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने ‘आंतरिक अशांति’ के आधार पर आपातकाल घोषित किया था, जो 21 महीनों तक चला। इस दौरान नागरिक अधिकार निलंबित कर दिए गए, प्रेस सेंसरशिप लागू हुई और कई विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी हुई। आपातकाल लगाकर इंदिरा गांधी ने देश के लोकतंत्र को घुटने तले दबा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश के लोकतंत्र का हानि पहुंचाने का काम किया। हमारा देश सामूहिक नेतृत्व में विश्वास करता है, लेकिन इंदिरा गांधी ने “इंदिरा इस इंडिया इंडिया इस इंदिरा” नारा देकर हमारे लोकतंत्र का अपमान किया था।

जालौर सिरोही सांसद लुंबाराम चौधरी ने कहा कि आपातकाल कांग्रेस की तानाशाही प्रवृत्ति का उदाहरण था. इंदिरा गांधी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए संविधान को ताक पर रखकर देश में आपातकाल थोप दिया. प्रेस की स्वतंत्रता को कुचला गया और हजारों बेकसूरों को जेल में डाला गया था.आपातकाल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे दर्दनाक और शर्मनाक अध्याय था, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ रक्षा भंडारी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने चुनावी व्यवस्था का दुरुपयोग कर जीत दर्ज की। जिसे हाईकोर्ट ने गलत माना और उनके चुनाव लड़ने पर छह साल का प्रतिबंध लगा दिया। इससे तिलमिलाई इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा कर दी। लोगों के मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। समाचार पत्रों के प्रकाशन पर रोक लगा दी। इसके विरोध में जय प्रकाश नारायण की अगुवाई में आंदोलन हुआ।लेकिन सरकार ने जो लोग भी आंदोलन के समर्थन में आगे आए उन्हें जेल भेज दिया। इसके चलते आज के दिन को काला दिवस के रूप में मना रहे हैं।
चंपत मिस्री एवं शंकरलाल माली ने भी आपातकाल के विषय पर उनके संस्मरण व संघ की भूमिका बताई।
इस अवसर बलिदान दिवस व आपातकाल संगोश्ठी की कार्य शाला में सभी शक्ति केंद्र,बूथ इकाई,भाजपा के पार्षद मोर्चा प्रकोष्ठ व नगर मण्डल के पदाधिकारियो को इस आयोजन के संयोजक हरीश दवे ने आभार जताते हुए कहा की विषम परिस्थियों व बारिश के बावजूद वार्ड का कार्यकर्ता 50 साल पहले बरती कोन्ग्रेसी क्रूरता व आपातकाल के संघर्ष, दमन व यातना को सहते देश को देश को जनसंघ ,संघ व लोक नायक जय प्रकाश नारायण के आव्हान सम्पूर्ण क्रांति व संघ के शीर्ष नेता नानाजी देशमुख व इंदिरा गांधी की तानाशाही के विरोध में उतरे संघ, जन संघ,युवा,मजदूर,किसान व युवाओ के गुजरात से शुरू हुये नव निर्माण आंदोलन में लाखों कार्यकर्ताओ को देश भर में मिसा,डीआईआर, व धारा 107 व 151 में ठूस दिया जिसमें 90 फीसदी कार्यकर्ता जनसंघ व संघ के थे।
दवे ने बताया की उस दौरान उनकी आयु 9 साल थी व मीसा में गिरफ्तार हुए आनन्द त्रिवेदी ,भीकम चन्द जैन व हंसराज पुरोहित सिरोही नगर के थे वही सर्वोदयी नेता व संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य शिरोही के सपूत स्व गोकुल भाई भट्ट को भी जयपुर में मिसा के तहत गिरफ्तार कर दिया।
जनसंघ के अटल जी,आडवाणी,राजमाता सिंधिया,जयपुर महारानी गायत्री देवी सहित जनसंघ के नेताओ को जेलों में यातनाएं दी गई। आपातकाल के दौरान जेल में गए चंपत जी मिस्त्री व शंकर लाल माली ने कहा की तत्समय चुनाव के दौरान सरकारी तंत्र के दुरुपयोग के खिलाफ न्यायलय ने जब इंदिरा गांधी को 6 वर्ष चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया, तो बाबा साहेब के संविधान को कुचलते हुए उन्होंने लोकतंत्र की हत्या कर दी और देश में आपातकाल लगा दिया। उन्होंने कहा कि हम उस समय स्कूल में पढ़ते थे और उस समय इमरजेंसी का विरोध करने पर विद्यार्थियों को भी जेल में डाल दिया गया। 25 जून 1975 की मध्यरात्रि से ठीक पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने गांधी की सलाह पर उद्घोषणा जारी की थी, जिसे बाद में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अनुमोदित किया था। इस दौरान कई नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया और प्रेस की आजादी पर भी अंकुश लगा दिया गया था। 21 महीने तक लागू रहे आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे काला दौर माना जाता है।
कार्यशाला को भाजपा नेता नारायण देवासी व बाबूलाल सगरवंशी ने भी संबोधित किया।
भाजपा मंडल अध्यक्ष चिराग रावल ने स्वागत उद्बोधन एवं कार्यक्रम के नगर संयोजक हरीश दवे ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष गणपत सिंह राठौर,जिला महामंत्री नरपत सिंह राणावत,भाजपा युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष गोपाल माली,नेता प्रतिपक्ष मगन मीणा, पार्षद मनी देवी,पूजा पायल, नगर उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह,नगर महामंत्री केलाश मेघवाल,प्रकाश पटेल,कल्पना पुरोहित,पार्षद प्रवीण राठौड़,धनपत सिंह राठौड़,पूर्व जिला उपाध्यक्ष ताराराम माली,नारायण देवासी,भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता बाबूलाल सगरवंशी,भूबाराम माली,महामंत्री प्रकाश पटेल,कैलाश मेघवाल सहित भाजपा के सभी नगर पदाधिकारी,मोर्चा के पदाधिकारी,नगर के सभी बूथ अध्यक्ष,शक्ति केंद्र संयोजक, पार्षद सहित नगर के सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।


संपादक भावेश आर्य