जिले में वृहद स्तर पर होगा वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान का आयोजन

-लाखेलाव तालाब पर होगा पर्यावरण संरक्षण व जल संरक्षण व स्वच्छता का लेकर बडा आयोजन
-लाखेलाव व निडोरा तालाब व आवक मार्ग अतिक्रमणो की चपेट में
सिरोही, 04 जून (हरीश दवे) ।

राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले में वृहद स्तर पर “वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान“ का आयोजन 5 जून से 20 जून तक किया जाएगा। इस अभियान के तहत जिले में विभिन्न स्तरों पर विभिन्न विभागों द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं जल संरक्षण तथा स्वच्छता से सम्बन्धित कार्यक्रम क्रियान्वित किये जाएंगे।
जिला स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ अखेलाव तालाब पर 5 जून को प्रातः 06ः30 बजे किया जाएगा। जिला कलेक्टर अल्पा चौधरी ने इस कार्यक्रम के लिए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को नोडल अधिकारी तथा सिरोही नगर परिषद आयुक्त को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। साथ ही पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, राजीविका, पंचायतीराज, वन विभाग, नगर परिषद, विद्युत विभाग एवं शिक्षा विभाग को भी विभिन्न कार्य आवंटित किये गए हैं। इस कार्यक्रम के ब्लॉक स्तरीय आयोजन के लिए सम्बन्धित उपखंड अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
जिला कलेक्टर चौधरी ने सम्बन्धित ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अधिक से अधिक संख्या में जन सामान्य को घर घर निमंत्रण देकर वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के सम्बन्ध में जानकारी एवं जागरूकता सुनिश्चित करें। जिले में कार्यरत विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों, प्रोफेशनल्स यथा सीए, वकील, डॉक्टर, आर्किटैक्ट आदि, धर्म गुरूओं व्यापारियों, होटल मालिकों, उद्योगपतियों, पर्यारणविदों आदि की पहचान कर सूची तैयार कर राज्य स्तर पर भेजें एवं आमंत्रित करें, चिन्हित संस्थानों एवं व्यक्तियों के साथ जल संरक्षण जन अभियान की गतिविधियों से सम्बन्धित विचार गोष्ठी आयोजित की जाए, ऑडियों ब्रिज के माध्यम से अभियान की जानकारी एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय के संदेश को जन जन तक पहुंचाए, मुख्य सार्वजनिक जल संग्रहण संरचना चिन्हित कर अभियान के प्रारम्भ से समापन तक प्रतिदिन अधिक से अधिक संख्या में आमजन, गैर सरकारी संस्थाओं, कर्मचारियों आदि द्वारा श्रमदान किया जाए। राजकीय कार्मिकों एवं अन्य संस्थाओं के अधीन कार्मिकों को “वंदे गंगा“ जल संरक्षण जन अभियान का संकल्प दिलावें, जल शक्ति अभियान कैच दी रैन 2025 की थीम जल संचय जन भागीदारी रू जन जागरूकता की ओर, के अन्तर्गत पांच प्रमुख हस्तक्षेप किये जायेंगे जिसमें (अ) जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन (ब) सभी जल निकायों का सचीकरण, जियो टेगिंग एवं वैज्ञानिक संरचनाओं की समीक्षा (स) सभी जिलों में जल शक्ति केन्द्रों की समीक्षा (द) व्यापक वृक्षारोपण (य) अभियान की थीम के अनुरूप जागरूकता उत्पन्न करना सम्मिलित है। जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि 05 जून एवं 20 जून 2025 को विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन प्रत्येक ग्राम पंचायत में किया जावें। इन ग्राम सभा में जल संचय जन भागीदारी अभियान से संबंधित कम से कम 20 कार्यों का चिन्हिकरण किया जावे। जिसको 30 नवम्बर 2025 तक पूर्ण किया जा सकता है। साथ ही ग्राम पंचायत क्षेत्र में शुरूआत की गई गतिविधियों का विवरण एवं आगामी कार्य योजना से अवगत कराया जावे तथा “वंदे गंगा“ जल संरक्षण जन अभियान संकल्प दिलाया जावें। वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा पर्यावरण के लिये दौड (रन फॉर एनवायरमेंट) का आयोजन किया जावे साथ ही जल शक्ति अभियानः कैच दी रैन 2025 के विशेष फोकस जल-जंगल-जन एक प्राकृतिक बंधन अभियान के अन्तर्गत व्यापक वृक्षारोपण किया जावे एवं इस अभियान में अधिकाधिक गणमान्य व्यक्तियों, आम नागरिकों, कर्मचारियों को जोडा जावें। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को आवंटित कार्याे की सफल क्रियान्विति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
गौरतलब है कि लाखेलाव तालाब व निडोरा तालाब में गत दिनों राज्यमंत्री ओटाराम देवासी, सांसद लुम्बाराम चौधरी व जिला कलेक्टर की मौजूदगी में गत दिनों 3.81 करोड रूपये के व्यय में लाखेलाव तालाब, निडोरा तालाब, सुभाष व नेहरू गार्डन डेवलपमेन्ट की केन्द्र सरकार अमृत योजना 2.0 के तहत 165.34 लाख रूपये से शौन्दर्यकरण का भी कार्य प्रारम्भ किया। लेकिन दुर्भाग्य है कि निडोरा व लाखेलाव तालाब के जल आवक मार्ग बंद व अतिक्रमणो की चपेट में है व झोब नाला लगातार सिकुडता जा रहा है तथा टांकरिया बस्ती का गंदा पानी तालाब में आ रहा है तथा सुभाष गार्डन भी अतिक्रमण की चपेट में है जिस बाबत् राज्यमंत्री व जिला कलेक्टर अवश्य वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के आयोजन में झोब नाले व सुभाष गार्डन की दुर्दशा पर भी नजर डालेगे जहां तालाब की सुरक्षा दीवार की लोहे की जालिया भी टुटी हुई है जिसकी शिकायते वर्षो शहरवासी करते है। लेकिन नगर परिषद की नींद नही खुलती।


संपादक भावेश आर्य