ये विकसित भारत का बजट होगा. यह बजट देश को आगे ले जाएगा– चौधरी

दिल्ली(हरीश दवे) ।

मोदी सरकार के 3.0 के बजट पर जालोर/सिरोही सांसद लुंबाराम चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ये विकसित भारत का बजट होगा. यह बजट देश को आगे ले जाएगा।
चौधरी ने कहा कि केन्द्र मे मोदी सरकार का शानदार बजट विकसित भारत के सपनो को साकार करने वाला कृषि मे उत्पादन बढाने पर जोर फसलो की नयी किस्म बढाने पर जोर महिलाओ के लिए विशेष कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम 2 करोड़ युवाओ को डी बी टी से फायदा होगा प्रधानमन्त्री योजनाओ के तहत 15000 मिलेगे 20 लाख युवाओ को प्रशिक्षण दिया जायेगा महिलाओ की भागीदारी बढेगी प्रधानमन्त्री आवास योजनाओ मे 3 करोड़ नये आवास बनेगे M.S.M .E के तहत नये उद्योग को बढ़ावा देना व आर्थिक मदद व विश्व कर्मा योजनाओ मे आमजन को लाभान्वित करना मुद्रा योजना की सीमा बढ़ाकर 20 लाख की P. M सुर्य घर मुफ्त बिजली योजना सहित देश के विकास का महत्वपूर्ण बजट किसानो व युवाओ व महिलाओ व गरीबो के कल्याण का बजट है ।
सांसद लुंबाराम चौधरी ने बताया कि 100 बड़े शहरों के लिए जलापूर्ति सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए परियोजनाएं,30 लाख से अधिक आबादी वाले 14 बड़े शहरों में आवागमन के लिए विकास योजनाएं,पीएम आवास योजना शहरी 2.0 के तहत 1 करोड़ शहरी और मध्य वर्गीय परिवारों को लाभ मिलेगा.,चयनित शहरों में बनेंगे 100 साप्ताहिक हाट और स्ट्रीट फूड हब,पहली बार नौकरी पाने वालों को दो साल तक अतिरिक्त पीएफ देगी सरकार.अनसिक्योरड एजुकेशन लोन 10 लाख तक देशी संस्थानों में पढ़ने के लिए मिलेगा, युवाओं को स्किल ट्रेनिग दी जाएगी. 30 लाख युवाओं को ट्रेनिंग मिलेगी.,इसके लिए बजट में 2 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया गया, केंद्र सरकार 4.1 करोड़ युवाओं को रोज़गार के लिए पांच योजनाएं लाएगी. आने वाले 5 साल में दो लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी, अगले 5 सालों में 1 करोड़ युवाओं को सरकार इंटर्नशिप प्रदान कराएगी. एक साल के इंटर्नशिप में हर महीने 5000 हजार रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी.
सांसद चौधरी ने कहा की
इस साल के बजट में किसानों का खास ध्यान रखा है और किसानों की कमाई में इजाफा करने के लिए कई कदम उठाए गए। बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।बजट 2024 में केंद्रीय सरकार का फोकस कृषि के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, कृषि में तकनीक को बढ़ावा देने और प्राकृतिक खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ाने पर रहा है।

संपादक भावेश आर्य