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विद्यार्थियों में तंबाकू सेवन रोकने के लिए पहल, जिले के 1399 स्कूलों में तंबाकू नियंत्रण कमेटी का करना होगा गठन

स्कूल को अपने यहां तंबाकू मुक्त संस्थान का बोर्ड भी लगाना होगा– डीएम शुभम चौधरी

सिरोही(हरीश दवे) ।

विद्यार्थियों में तंबाकू सेवन रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने पहल की है। राज्य के स्कूलों में तंबाकू नियंत्रण समितियां बनायी जायेंगी। स्कूल को तंबाकू मुक्त संस्थान का बोर्ड भी लगाना होगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक, तंबाकू नियंत्रण समिति में शिक्षकों, छात्र प्रतिनिधियों के साथ-साथ स्थानीय पुलिस स्टेशन के एक प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाना चाहिए।
जिला कलेक्टर शुभम चौधरी ने बताया कि जिले में कुल सरकारी व गैर सरकारी 1399 शिक्षण संस्थान है। की स्कूलों में तंबाकू नियंत्रण कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। समिति स्कूलों में तंबाकू सेवन रोकने की दिशा में काम करेगी। इसके लिए विद्यार्थियों को जागरूक किया जाएगा। यह समिति स्कूल में धूम्रपान करते पाए जाने पर पहली बार 100 रुपये और दूसरी बार 200 रुपये तक जुर्माना लगाने के लिए अधिकृत होगी। इसके बावजूद बार-बार धूम्रपान करते पाए जाने पर छात्र और कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि विद्यार्थियों में तंबाकू सेवन रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने पहल की है। जिले की 1399 शैक्षणिक संस्था में तंबाकू नियंत्रण कमेटी का गठन किया जाएगा। स्कूल को अपने यहां तंबाकू मुक्त संस्थान का बोर्ड भी लगाना होगा। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने आदेश जारी किया है। वहीं शैक्षणिक संस्थानों के मुख्य द्वार पर एक बोर्ड लगा होना चाहिए, जिस पर सुस्पष्ट अक्षरों में यह लिखा हो– “शैक्षणिक संस्थाओं के 100 गज के दायरे में गुटखा, बीड़ी, सिगरेट या अन्य कोई तम्बाकू उत्पाद बेचना दंडनीय अपराध है, इसका उल्लंघन किये जानें पर 200 रूपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।” साथ ही शिक्षण संस्थाओं एवं कार्यालयों में तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम प्रमुखता से आयोजित कीये जावे एवं कार्यक्रम संबंधित पोस्टर्स व अन्य आई. ई. सी. प्रमुखता से प्रदर्शित की जावे। नो स्मोकिंग का बोर्ड भी लगाना होगा। जिसमे इस पर स्कूल प्रभारी का नाम, पद और फोन नंबर लिखना होगा। स्कूल को तंबाकू मुक्त संस्थान का बोर्ड भी लगाना होगा। स्कूलों को जुर्माने से मिलने वाली रकम अलग से रखी जाएगी। इस राशि का उपयोग स्कूल की साफ-सफाई में किया जा सकता है।
सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि अगर समय रहते युवाओं को नशे की लत से नहीं बचाया गया तो वे कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। नशीली दवाओं का सेवन न करने से कैंसर, हार्ट अटैक और सांस संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है।

संपादक भावेश आर्य

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