स्वतंत्रता सेनानी व सर्वोदयी नेता स्व. गोकुलभाई भट्ट को किया श्रद्धापूर्वक याद

सिरोही 6 अक्टुबर (हरीश दवे) ।

सिरोही जिले के हाथल गांव में जन्मे सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी व संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य व आधुनिक राजस्थान के निर्माता स्व. गोकुलभाई भट्ट की पुण्यतिथि पर आज नगर के प्रबुद्धजनो एवं वकील मंडल ने श्रद्धापूर्वक याद किया व उनकी प्रतिमा पर फुलो व सुत की माला अर्पित कर उनके बताये मार्ग व अधुरे सपनो को पूरा करने का संकल्प लिया।
सिरोही स्वरूपविलास मार्ग स्थित स्व. गोकुलभाई भट्ट चौक उद्यान पर लगी प्रतिमा पर खादी एवं ग्रामोद्योग के रूपचंद सोनी, एडवोकेट कुलदीप रावल, पूर्व लोक अभियोजक दिनेशराजपुरोहित, भवानीसिंह देवडा, चेतन रावल, जयकिशन विश्नोई, गजेन्द्रसिंह, जोगाराम मेघवाल, प्रकाश धवल, रितविकसिंह देवडा, राहुल रावल, कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के अधिवक्तागण, राजेन्द्रसिंह राव ने उन्हे श्रद्धापूर्वक याद किया व पुष्पाजंलि अर्पित की।
इस अवसर पर हिन्दू वेव के संयोजक हरीश दवे ने कहा कि देश की आजादी व संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य स्व. गोकुलभाई भट्ट के राजपुताने की स्वाधीनता व राजस्थान के नवनिर्माण में उनकी भूमिका को कभी भुलाया नही जा सकता व उनकी वजह से ही माउण्ट आबू व देलवाडा सिरोही जिले व राजस्थान का हिस्सा है अन्यथा आजादी के बाद गुजरात प्रांत का हिस्सा होता। जिसके लिये स्व. गोकुलभाई भट्ट ने आदिवासीयों के साथ आन्दोलन खडा किया और प्रथम गृह मंत्री वल्लभ भाई पटेल को भी मजबूर होकर आबू व देलवाडा राजस्थान को देने पडे तथा आजादी के इस मतवाले ने गांधी नेहरू व पटेल के साथ देश को आजादी के आन्दोलन में हिस्सा लेकर 6 साल तक जेल की कडी यातनाये सही तथा आजादी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इन्द्रा गांधी ने 1975 में देश पर लोकतंत्र की हत्या कर आपातकाल थोपा तब सर्वोदयी नेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर वो सम्पूर्ण क्रांति का नारा देकर आपातकाल के खिलाफ लोकतंत्र को बचाने राजनीतिक मैदान में आन्दोलन के लिये उतरे व 18 महिने तक मीसाबंदी के रूप में जेल की यातनाये सही।
अधिवक्ता दिनेशराजपुरोहित ने कहा कि सर्वोदयी नेता गोकुलभाई भट्ट ने आजादी के बाद भूदान व ग्रामदान व खादी ग्रामोद्योग व कुटीर उद्योग पर बल दिया व आन्मनिर्भरता के लिये ग्रामीणो में इनका बढावा दिया व आजीवन शराबबंदी के लिये कार्य करते रहे।
उपस्थितजनो ने कहा कि आजादी के बाद सिरोही जिला व युवा पीढी स्व. गोकुलभाई भट्ट के जीवन व व्यक्तित्व से अपरिचित है उन्होने सरकार से मांग की कि स्व. गोकुलभाई भट्ट के राजनीतिक व सामाजिक जीवन को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाये ताकि युवा पीढी को उनके व्यक्तित्व व कृतित्व का परिचय मिल सके।



संपादक भावेश आर्य