सर्पदंश की शिकार बालिका के इलाज में कोई कमी नही रही-डॉ. महात्मा

सिरोही(हरीश दवे)।

राजकीय चिकित्सालय शनिवार को सर्प दंश से हुई बालिका की मृत्यु प्रकरण को लेकर राजकीय चिकित्सालय व सॉसल मीडिया में खूब हंगामा हुआ पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र महात्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर वास्तविकता बताई।
डॉ महात्मा ने बताया कि 13 सितंबर को सुबह 04.37 बजे नीतू पुत्री सवाराम, निवासी अणगौर जिला सिरोही को सर्पदंश के कारण जिला चिकित्सालय सिरोही के ट्रोमा सेन्टर (इमरजेन्सी वार्ड) में भर्ती करवाया गया था, प्राथमिक उपचार के दौरान पाया गया कि बालिका बेहोशी की हालात में है, ड्युटी डॉक्टर एवं नर्सिंग कार्मिक (रात्रिकालीन) के द्वारा उचित आवश्यक जाँचो के उपरांत आवश्यक ईलाज शुरू किया गया। चुकि बालिका को चिकित्सालय में भर्ती किये जाने के समय स्थिति अति गम्भीर होने के कारण ईलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। उसके पश्चात ड्युटी डॉक्टर के द्वारा बालिका नीतू पुत्री सवाराम को मृत घोषित कर शव परीजनों को सुपुर्द कर दिया गया। तत्पश्चात परिजनों के द्वारा शव को घर पर ले जाने के पश्चात अंतिम संस्कार के दौरान परिजनों को हलचल जैसा होने पर पुनः चिकित्सालय मे लाया गया, जिसकी सूचना जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन के द्वारा भी मृतका के आने की पूर्व सूचना अस्पताल को दी गई थी जिसके बाद पुनः परिजनो के अनुरोध पर दो बार ईसीजी की गई। चिकित्सकों के द्वारा ईसीजी एवं अन्य जाँच करने पर पाया गया कि बालिका मृत्यु हो चुकी है। चुकि बालिका के ईलाज किसी भी चिकित्सक एवं कार्मिक द्वारा लापरवाही नही बरती गई थी एवं चिकित्सालय में भर्ती के दौरान उचित एवं आवश्यक ईलाज उपलब्ध करवाया गया था।

संपादक भावेश आर्य