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जोसेफ कैथोलिक चर्च में नोविन आराधना के साथ ओणम पर्व मनाया।

सिरोही(हरीश दवे) ।

स्थानीय सेंट जोसेफ कैथोलिक गिरजाघर में नोविन आराधना व प्रार्थना के साथ ओणम का त्यौहार पर विशेष प्रार्थना कार्यक्रम का आयोजन हुआ गिरजाघर के प्रवक्ता रणजी स्मिथ बताया कि नोविन आराधना व प्रार्थना कार्यक्रम की शुभारंभ सेंट जोसेफ कैथोलिक गिरजाघर के फादर जॉ मी फादर जीबीन के अगुवाई में प्रार्थना कार्यक्रम प्रारंभ हुआ प्रार्थना कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों में गठित होने वाली घटनाओं पर विशेष प्रार्थना कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें पंजाब उत्तराखंड हिमाचल जम्मू कश्मीर आदि राज्यों के लिए समुदाय के लोगों ने प्रार्थना अर्पित की साथी इन राज्यों में संस्थाओं की ओर से सहायता सामग्री एवं राशि भेजने के लिए भी फादर ने समुदाय से कहा हमें सब मिलकर इस समय कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करना चाहिए प्रार्थना कार्यक्रम में पवित्र बाइबल का वाचन किया गया फादर जॉ मी ने बाइबल के संदेश देते हुए कहा कि आज का दिन एक विशेष पवित्र दिन है आज का दिन शिक्षक दिवस है जो गुरु और शिष्य का संबंधों के बातें में बताता है वहीं अपना जीवन समाज सेवा में समर्पित करने वाले सिस्टर मदर टेरेसा आज का दिनमोहम्मद पैगंबर के जन्मदिन के खुशी के रूप में मनाया जा रहा है जो विश्व में भाईचारा एवं प्रेम का संदेश खेल महत्वपूर्ण है वही ओणम का त्यौहार अच्छी फसल का जश्न बनाने के लिए दक्षिणी भारत में धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है फादर ने अपना संदेश में कहा कि दक्षिणी भारत केरल और तमिलनाडु में ओणम का त्यौहार धूमधाम से बनाया जाता है जिसमें स्त्रियों और पुरुष एक जैसे प्रारंभिक वेशभूषा को धारण करती है और फूलों से सजावट की जाती है

ओणम केरल का एक प्रमुख फसल उत्सव है जो राजा महाबली की याद में और अच्छी फसल का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। यह मलयाली कैलेंडर के चिंगम महीने में पड़ता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंड र के अनुसार अगस्त-सितंबर में आता है। दस दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में फूलों की रंगोली (पुक्कलम), नाव दौड़ (वल्लम काली), पारंपरिक नृत्य (जैसे पुलिकली, थिरुवथिरा काली) और स्वादिष्ट दावतें (ओनासद्या) शामिल होती हैं। विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया है इस अवसर पर त्यौहार का और महापुरुषों की जीवनी पर प्रकाश डाला गया महत्व बताते हुए

ओणम का महत्व और पौराणिक कथा ओणम राजा महाबली के केरल आने का प्रतीक है, जो एक उदार असुर राजा थे। भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा महाबली से तीन पग भूमि मांगी और उन्हें पाताल लोक में भेज दिया, लेकिन उन्हें वर्ष में एक बार अपनी प्रजा से मिलने की अनुमति दी।
यह उत्सव अच्छी फसल के आगमन का भी प्रतीक है, जिसके लिए लोग प्रकृति का आभार व्यक्त करते हैं। ओणम के उत्सव की गतिविधियाँ पुक्कलम: घरों के बाहर ताजे फूलों से रंगोली बनाई जाती है।

ओनासद्या: यह एक भव्य दावत होती है, जिसमें कई तरह के व्यंजन होते हैं।
वल्लम काली: यह प्रसिद्ध नाव दौड़ होती है, जो ओणम का एक रोमांचक हिस्सा है।
पुलिकली: बाघों और शिकारियों के वेश में कलाकार जीवंत प्रदर्शन करते हैं।
थिरुवथिरा काली: महिलाएं एक घेरे में सुंदर नृत्य करती हैं।
ओनथप्पन: यह भगवान विष्णु के वामन अवतार के सम्मान में की जाने वाली पूजा है।
ओणम का समय यह त्योहार मलयालम महीने चिंगम में मनाया जाता है। यह दस दिनों तक चलता है कार्यक्रम के समापन पर ओणम त्योहार को लेकर विभिन्न प्रकार का व्यंजन तैयार किया गया जिसमें सभी लोगों ने एकत्रित होकर त्यौहार का आनंद लिया कार्यक्रम के समापन पर फादर ने सभी का आभार व्यक्त किया गया।

संपादक भावेश आर्य

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