भरपूर हुई वर्षा, मानसरोवर व अखेलाव रहा सुखा, सांसद व राज्यमंत्री से वर्षा जल भण्डारण की उठी मांग

सिरोही (हरीश दवे) ।

भारी बारिश की चेतावनी के बाद जिले भर के बांधो में पानी की आवक हुई लेकिन जिला मुख्यालय के कालकाजी मानसरोवर व अखेलाव व निडोरा तालाब जल आवक मार्गो के अवरोधो व अतिक्रमणो के चलते सुखे रहे वहीं दुधिया तालाब का भाग हाइवे में जाने व उस पर हुए धार्मिक अतिक्रमण व नालो के बंद होने के कारण पानी सडकेा पर बहता रहा वहीं कालकाजी मानसरोवर व अखेलाव तालाब में महज जिला जल बिरादरी व जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में करवाई गई डिसिल्टिंग के खडढो में जल आवक होने से कालकाजी बांध व पुराना बस स्टेण्ड के अखेलाव तालाब व दुधिया तालाब के खडढो में पानी की आवक हुई वही अखेलाव व मानसरोवर की खडी फसलो में जो भूमि तालाब है, पेटा काश्त या तालाब का हिस्सा है जिस पर आज तक निर्णय नही हो पाया वही कालकाजी तालाब का आधे से ज्यादा हिस्सा बबुल वन से गिरा हुआ है जबकि सांसद व विधायक निधि मद से निडोरा तालाब व अखेलाव तालाब में विकास व सौन्दर्यकरण का कार्य होना था आज सिरणवा नगर के झोब व बुझ नालो व अन्य नालो का पानी दुधिया तालाब व कालकाजी में एकत्रित होता है तथा ओवरफलो के रूप में अणगौर बांध व ओडा बांध में जाता है लेकिन अनेक स्थानो पर गत दशको में पानी के आवक मार्ग बंद हुए। तालाबो पर कब्जे व अवैध निर्माण हुए इसी का कारण है कि उपेक्षित कालकाजी बांध जिसकी भराव क्षमता नक्की झील से भी बडी है लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा से सिरणवा की पहाडियो का वर्षा जल यहां एकत्रित नही होता। निडोरा तालाब में भी अखेलाव तालाब के साथ जिला प्रशासन केन्द्र व राज्य सरकार की योजना से करीब 2.50 करोड रूपया व्यय कर विकास करवा रहा है तथा वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के दौरान यहां शासन सचिव व जिला कलेक्टर ने भी आयोजन के दौरान दावे किये थे लेकिन निडोरा तालाब में जल आवक पूर्णतया बंद है, लाखेलाव तालाब में टांकरिया बस्ती का गंदा पानी आ रहा है, धांधेलाव तालाब अतिक्रमणो में अपने स्वरूप को खो चुका है तथा दुधिया तालाब भी अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है जो अतिक्रमणो की चपेट में है अगर जिला प्रशासन राज्यमंत्री व सांसद सिरोही जिले को जल संरक्षण में आत्मनिर्भर बनाना चाहते है तो प्राकृतिक जल स्त्रोतो व अतिक्रमणो की भेंट चढे जल आवक मार्गो को खुलवाने का प्रयास करे व सांसद व राज्यमंत्री केन्द्र व राज्य सरकार से कालकाजी बांध की भराव क्षमता को बढा सिरणवा की पहाडियो के जल को संरक्षण करे तो सिरोही मुख्यालय जल क्ष्ेात्र में आत्मनिर्भर बन सकता है अन्यथा आने वाले समय में सिरोही के तालाब खतरे की निशानी में आ गये है।
जिला जल बिरादरी के भीकसिंह भाटी व जय विक्रम हरण शहर के अनेक जनो ने आज बारिश के बाद तालाब दर्शन के दौरान कहा कि यहां के सांसद लुम्बाराम चौधरी व राज्यमंत्री ओटाराम देवासी को चाहिये कि सिरोही मुख्यालय को जल में आत्मनिर्भर करने व उद्योग, व्यापार विकसित करने के लिये वर्षा जल का भण्डारण निहायत जरूरी है क्योंकि गत दशको में निडोरा, धंाधेला, दुधिया इत्यादि तालाब अतिक्रमणो की भेट चढ गए है और दोनो जनप्रतिनिधि चाहे तो केन्द्र व राज्य से स्वीकृत करा कालकाजी को विशाल बांध व पर्यटन का केन्द्र बना सकते है अन्यथा बारिश के बाद सिरोही के तालाबो की यह स्थिति है।



संपादक भावेश आर्य