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विकास की आड़ में अखेलाव तालाब व आवक मार्ग बर्बादी के कगार पर,जिला प्रशासन व जन प्रतिनिधि बेपरवाह,


सिरोही(हरीश दवे)।

सिरोही की लाइफ लाइन रहे अखेलाव तालाब से नगर वासियो की धार्मिक भावनाएं भी जुड़ी हुई है तथा वर्ष में दर्जनो धार्मिक आयोजन अखेलाव तालाब की पाल पर होते है।
अब जहाँ अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत 1.65करोड़ के तालाब व सुभाष गार्डन के सौंदर्यीकरण के लिए केंद्र व राज्य सरकार की योजना से स्वीकृत हुए व वन्दे गंगा जल सरंक्षण जल अभियान के तहत अखेलाव तालाब के विकास को लेकर आयोजन स्वायत्त शाशन निदेशालय के प्रभारी सचिब व जिला कलेक्टर,सांसद की मौजूदगी में हुआ व लाखेलाव तालाब व सुभाष गार्डन से अतिक्रमण हटाने व झोप नाले के कैचमेंट एरिया से अवैध अतिक्रमण व झोप नाले से तालाब में आ रहे गंदे पानी की आवक को रोकने के निर्देश प्रभारी सचिव ने आयुक्त को दिए।वो तो हवा हो गए। पर नगर परिषद प्रशाशन को अखेलाव तालाब,झोप आवक मार्ग,पहाड़ी व सुभाष पार्क के धार्मिक अतिक्रमण को हटाने की तो नही सूझी। पर अखेलाव तालाब की पाल जहाँ देव अक्षोहिणी एकादशी पर नगर के सभी देवालयो की पालकियों के साथ हजारो नगर वासी धार्मिक भावना प्रदर्शित करते है।
उस अखेलाव तालाब में गंदे पानी की आवक तो नगर परिषद बन्द नही करवा सकी।उस अखेलाव तालाब की पाल पर नियमो के विपरीत तालाब की भूमि पर नियमो के विपरीत पक्का निर्माण के रूप में सुलभ शौचालय बना रही है। जिसका विरोध नगर की 36 कौम,जिला जल बिरादरी,हिन्दू वेव ,एडबोकेट दिनेश राज पुरोहित,जगदीश सेन,दिनेश प्रजापत,व विभिन्न समाज ने जिला प्रशशन व नगर परिषद के आयुक्त को भी अवगत कराया।
की केंद्र सरकार से पीएम निधि में 4 शौचालय शहर में आवंटित हुए है तो आयुर्वेदिक के सामने,सरूपविलास,सरजवव दरवाजे व जनता के लिए उपयोगी स्थानों पे शौचालय लगावे।
तालाब की पवित्र भूमि पर हाईकोर्ट की गाइड लाइन के विपरीत अगर पे तालाब पे शौचालय का निर्माण हुआ व झोप नाले के गंदे पानी की आवक नही रुकी तो नगर की जनता ने नगर परिषद की हठ धर्मिता के खिलाफ आक्रोश का लावा कभी भी फट सकता है।

संपादक भावेश आर्य

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