सिरोही नगर गोधन-संरक्षण के नाम पर जारी गड़बड़झाला,

राज्य सरकार नन्दी गोशाला की नही कर रही समीक्षा,
राजनीतिक दवाब में जिला प्रशाशन बेबस,
बेसहारा पशुओ की समस्या जिला मुख्यालय पर हाहाकार
सिरोही (हरीश दवे) ।

जिला मुख्यालय पर अर्बुदा गौशाला नगर परिषद एमओयू गौशाला तथा जिला प्रशासन की गैर जवाबदेही व अकर्मण्यता से लाखो रूपया प्रतिवर्ष व्यय के बावजूद नगरवासी बेजुबान गोवंश व नंदीयो की समस्या से आतंकग्रस्त है। जिसमें शहरवासी बेजुबान जानवरो से चोटिल हो रहे है। वहीं बेजुबान नंदी भी कुल्हाडी के वार से घायल हो रहे है। सिरोही नगर देवनगरी और शिवनगरी के नाम से विख्यात है। यहां के राजा भी शिव भक्त रहे हैं। परंपरागत रूप से गोधन और पशुधन यहां के किसानों व पशुपालकों की आजीविका का मुख्य साधन रहा है। लेकिन 5000 बीघा भूमि अर्बुदा गौशाला की खातेदारी की होने के बावजूद गोचर की भूमि अतिक्रमणो की चपेट में है। वहीं गत कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 2000 बीघा भूमि का एमओयू नंदी पथमेड़ा गोशाला के लिये किया लेकिन एमओयू की नंदी गोशाला शहर में भटकते नंदी गोवंश को नही अपनाती जिसको लेकर शहर के नागरिको व पार्षदो ने जिला कलेक्टर राज्यमंत्री सांसद भाजपा जिलाध्यक्ष व पशुपालन मंत्री तक को गुहार लगायी कि जिला मुख्यालय पर बेसहारा पशुओ की समस्या का समाधान हो व भटकते नंदीयो को नंदी गोशाला में पहुंचाया जाये। लेकिन पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत व राज्यमंत्री ओटाराम देवासी सिरोही नगर परिषद की इस भयावह समस्या के समाधान में असफल साबित हो रहे है।
आजादी के बाद सिरोही रियासत की राजमाता व रियासत के प्रधानमंत्री स्वर्गीय गोकुल भाई भट्ट ने करीब 5 हजार बीघा भूमि गोवंश संरक्षण व संवर्धन के लिए खातेदारी में दर्ज करवाकर अर्बुदा गोशाला व डेयरी फार्म की स्थापना की। इसका उद्देश्य डेयरी उद्योग को बढ़ावा देना था। उस समय जिला कलेक्टर इसके अध्यक्ष और सचिव होते थे।
लेकिन समय के थपेड़ों में यह गोशाला अपनी जमीन पर हो रहे अतिक्रमण का शिकार होती रही। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार (वसुंधरा राजे सरकार) के कार्यकाल में गोपालन मंत्री व पूर्व सभापति ताराराम माली के प्रयासों से नगर में आवारा पशुओं के लिए अर्बुदा गोशाला की भूमि पर नगर परिषद का कांजी हाउस स्थानांतरित कर गोशाला के रूप में चलाया गया तब से लेकर अर्बुदा गोशाला के एमओयू होने तक, गोवंश संरक्षण के नाम पर गड़बड़झाला और अनियमितताएं चलती रहीं।
गत कांग्रेस सरकार में वोट बैंक की राजनीति व जाति विशेष को साधने के प्रयास में, धर्म, अध्यात्म और गोभक्ति के नाम पर नियमों के विपरीत एक गोशाला के साथ करीब 2 हजार बीघा भूमि का एमओयू केवल नंदी गोशाला के लिए करवा दिया गया। इसी दौरान नगर परिषद द्वारा संचालित अर्बुदा गोशाला कहीं गुम हो गई।
नगर में स्वयंसेवी संस्था हिंदू वेव की ओर से पिछले 25 वर्षों से पशुधन और गोवंश को क्रूरता से बचाने के लिए लगातार संघर्ष किया जाता रहा है। इस विषय में मौजूदा और पूर्व सांसद, विधायक, लोकपाल तक शिकायतें पहुंची हैं, लेकिन अर्बुदा गोशाला के नाम पर चल रहा खेल अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा।
हिंदू वेव संयोजक व मीडिया कर्मी की शासन, पूर्व नेता प्रतिपक्ष, आयुक्त व प्रशासक से यह प्रमुख मांग है कि 2 हजार बीघा भूमि यदि केवल नंदी गोशाला के लिए आवंटित है और एमओयू की शर्तों का पालन नहीं हो रहा, अर्बुदा गोशाला में बेसहारा गोवंश को संरक्षण नहीं दिया जा रहा, तो फिर करोड़ों रुपये किस उद्देश्य से खर्च किए जा रहे हैं?
नगरवासी आज भी सड़कों पर घूमते गोधन से घायल हो रहे हैं। बेसहारा गोवंश पॉलीथिन खाकर मर रहा है। नंदी और गोवंश क्रूरता के शिकार हो रहे हैं। दान और अनुदान के खेल में न केवल अर्बुदा गोशाला बल्कि समूचा गोवंश बर्बाद हो रहा है। यह सब कुछ एमओयू गोशाला के अर्बुदा गोशाला की सलाहकार समिति के सदस्य रघु भाई माली समेत पूरा हिंदू समाज देख रहा है।
अब समय आ गया है कि इस मुद्दे पर पारदर्शिता लाई जाए और वास्तविक गोवंश संरक्षण की ठोस व्यवस्था हो, ताकि सिरोही की ऐतिहासिक परंपरा और पशुधन की गरिमा सुरक्षित रह सके।
इस बाबत प्रभारी मंत्री केके विश्नोई, राज्य मंत्री, ओटाराम देवासी,सांसद, पशुपालन गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत,प्रशाश्क,आयुक्त सबके नॉलेज में लाया गया की गत कोंग्रेस सरकार में विश्व की सबसे बड़ी नन्दी गोशाला शिरोही में खोलने के ढिंढोरे श्री गोपालन गोवर्धन गोशाला समिति वडवज के संतं गोविन्दवल्लभ महाराज के साथ नगर परिषद के कार्यवाहक आयुक्त सुशील पुरोहित ने नन्दी गोशाला का एमयोयु किया।
आनन फानन में भूमि पूजन,जमीन पैमाइश,तारबंदी सब कार्य आवंटित रकम से हो गए।
सत्ता परिवर्तन को 18 माह हो गए। पर अर्बुदा गोशाला नन्दी गोशाला में विलीन हो गई या लुप्त हो गई। पर विश्व स्तरीय बनने वाली गोशाला में भटकते नन्दी क्यो नही पहुच रहे?
इसके पीछे क्या मंशा है। इसकी जानकारी या इसपे कार्रवाई या समीक्षा करने का समय न पशुपालन मंत्री के पास है न राज्य मंत्री ओटाराम देवासी न पूर्व सीएम सलाहकार संयम लोढा के पास ने गोगुरु गोविंद वल्लभ महाराज के पास ओर इस गड़बड़झाले में नगर वासी नन्दियो के कोप में घायल व नन्दी क्रूरता के शिकार हो रहे है।
वही भाजपा पार्षद प्रवीण राठौड़ नन्दी गोशाला व अर्बुदा गोशाला की 6 साल के कारनामो की जांच करवाने को अडिग है।


संपादक भावेश आर्य