पढाई के साथ सह शैक्षिक गतिविधियों में अव्वल आंचल सिंह,गणमान्य लोंगों ने दी बधाई,

सिरोही(हरीश दवे)।

बोर्ड कक्षाओं के परीक्षा परिणाम आ गये है।हर बोर्ड कक्षा में बालिकाओं ने बालकों से बेहतर प्रदर्शन किया है। कुछ बालक व बालिकाएं पढाई के साथ सह शैक्षिक गतिविधियों में भी अव्वल है।जिसके कारण उनके केवल पढ़ने वालों से बालक बालिकाओं से दो चार प्रतिशत आगे पीछे हो जाते है।छात्र कल्याण परिषद के प्रदेश संरक्षक गोपाल सिंह राव ने कहा कि आज का दौर सर्वागीण विकास का है।हरफन मौला व्यक्तित्व निखरता है।जिन बालक बालिकाओं ने नब्बे फिसदी के आसपास व नब्बे से ज्यादा अंक हासिल किये है ।वे प्रतिभाशाली है ।जो पढाई के साथ सह शैक्षिक गतिविधियों व खेलकूद में भी शानदार प्रदर्शन के साथ अच्छे अंक ला रहे है। दो चार प्रतिशत कम ज्यादा होने से विचलित नहीं हो।जतना बाई बाबुलालजी आदर्श विद्या मंदिर की बालिका कुंवर आंचल सिंह हरमौला बहुमुखी प्रतिभाशाली है।जो सह शैक्षिक गतिविधियों ,खेल सहित हर गतिविधियों में हमेशा आगे रहती है।दसवीं बोर्ड में भी 94.50 अंक लाकर शानदार उपलब्धि हासिल की है।कुंवर आंचल सिंह ,उनके माताजी श्रीमती विमला कुंवर ,पिताजी शंभू सिंह ,दादाजी मंगल सिंह सम्पूर्ण परिवार व ननिहाल वालों को बधाई देने वालों का तांता लगा है।कुंवर आंचल सिंह ने कहा कि कठोर मेहनत व नियमित अध्ययन व परिजन ,गुरुओं के आशीर्वाद से सफलता मिली है।उच्च अध्ययन से वांचित लक्ष्य हासिल कर समाज व राष्ट्र की सेवा का लक्ष्य है।कुंवर आंचल सिंह को शिक्षा सेवा अधिकारी बलवीर सिंह सिसोदिया,जब्बर सिंह ,महेन्द्र सिंह , गोपाल सिंह ,शिक्षा विद् हम्मीर सिंह ,बाबू सिंह ,महेन्द्र पाल सिंह ,सुरेन्द्र सिंह , छत्तर सिंह ,डाक्टर नरेन्द्र पाल सिंह , एडवोकेट पृथ्वी राज सिंह , जितेन्द्र सिंह , कमल सिंह , राजेन्द्र सिंह ,सरपंच प्रतिनिधि मान सिंह राव सहित सभी शुभ चिन्तकों ने बधाई दी।छात्र कल्याण परिषद् के प्रदेश संरक्षक गोपाल सिंह राव ने कहा परीक्षा परिणाम के राज्य में अप्रिय समाचारों की खबर से भंयकर वेदना होती है।परीक्षा परिणाम के अंकों से जीवन ज्यादा महत्वपूर्ण है।अंक ही सफलता का आधार नहीं है।पढाई के साथ सह शैक्षिक व खेलकूद जरुरी है।बालक बालिकाओं को कुंवर आंचल सिंह से प्रेरणा लेकर सतत अध्ययन ,कठोर परिश्रम के साथ सह शैक्षिक गतिविधियों व खेलकूद में भी भाग लेना चाहिए।राव ने सभी सफल प्रतिभाओं को बधाई शुभकामनाएं दी तथा आशा अनुरूप परिणाम नहीं आने वालों को सतत मेहनत की सीख दी।

संपादक भावेश आर्य