कृृष्णावती अवैध बजरी खनन को लेकर हुई प्रशासनिक कमेटी व संघर्ष समिति के सदस्यों के बीच बैठक सम्पन्न

एडीएम सापेला ने कहा कि निष्पक्षता से होगी जांच कार्यवाही
सिरोही 28 मई (हरीश दवे) ।

कृष्णावती नदी बचाने व रेती के अवैध उत्खनन व मांगो को लेकर 8 दिन तक बंद रहे जावाल व्यवसायिक क्षेत्र व आसपास के 22 गांवों के आमजन भी प्रभावित हुए व हेरत अंगेज इस आंदोलन में राज्यमंत्री ओटाराम देवासी, सांसद लुम्बाराम व जिलाध्यक्ष डॉ. रक्षा भण्डारी ने आन्दोलनकारियो को समझाकर व उनकी मांगो पर निष्पक्ष जांच कराने के लिखित आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ और उसके बाद जिला कलेक्टर के निर्देशो पर गठित कमेटी में अतिरिक्त जिला कलक्टर डॉ दिनेश राय सापेला की अध्यक्षता में बुधवार को कृष्णावती नदी में भारी मात्रा में हो रहे बजरी खनन परिवहन की शिकायत के संबंध में जिला मुख्यालय पर आत्मा सभा भवन में बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिरोही, जिला परिवहन अधिकारी सिरोही, अधीशाषी अभियन्ता जल संसाधन विभाग सिरोही, तहसीलदार सिरोही, खनि अभियन्ता (सर्त) जोधपुर मय टीम, खनि अभियन्ता सिरोही, कृष्णावती नदी संघर्ष समिति के सदस्य एवं खननपट्टाधारी के प्रतिनिधी उपस्थित रहें। बैठक में एडीएम ने संघर्ष समिति द्वारा दिये गये ज्ञापनों एवं प्रस्तुत मांगों के संबंध में सभी तथ्यों की बिन्दुवार मौके पर जांच करने के संबंध में सभी संबंधित विभागों को आवश्यक आदेश जारी करने तथा जांच हेतु आवश्यक संसाधनों के अनुरूप कार्ययोजना तैयार कर शीघ्र जांच प्रारम्भ करने के निर्देश दिये गये। बैठक में लीजधारक ने अपना भी पक्ष रखा और उस पर लग रही पेनेल्टी व नुकसान बाबत बताया।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने सभी पक्षो की बात सुन हर संभव तरीके से निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही की बात कही।
धरना था या राजनीतिक काबिलियत का नुस्खा, भोपाजी की लीला खुल गया धरना, बुधवार को जांच बैठक
सिरोही के राजनीतिक महाभारत की द्रोपदी बनी जावाल ग्राम पंचायत जो गहलोत सरकार में जावाल नगरपालिका बनी पर राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र को पूरा करते हुए इसे पुनः ग्राम पंचायत बना दिया इस दौरान पूर्ववर्ती ग्राम पंचायत में ऐतिहासिक 200 पट्टो का घोटाला हुआ तो जावाल नगरपालिका के कार्यकाल में भी पट्टा घोटाला हुआ लेकिन भाजपा कांग्रेस की मैच फिक्सिंग राजनीति में सब घोटाले दब गये और यकायक कृष्णावती नदी बचाओं संघर्ष समिति उभरी व जावाल मे कृष्णावती नदी में अवैध उत्खनन की मांग को लेकर भाजपा व कांग्रेस के स्थानीय नेता 22 गांव वालो के साथ एकजुट हुए जिन्हे व्यापार मण्डल का भी सहयोग मिला व 8 दिन तक बाजार बंद रहे व जनजीवन ठप रहा लेकिन 8 दिन तक चले आन्दोलन पर्व की बिछी जाजम में सत्तारूढ पार्टी के लोकल नेता चाहते तो डबल इंजन की सरकार में राज्यमंत्री, सांसद व जिला संगठन से इसका हल निकलवा सकते थे लेकिन प्रशासनिक अधिकारियो के साथ हुई वार्ता के बाद भी हल नही निकला और पूर्व विधायक संयम लोढा यहां पर अपनी गर्जना कर आन्दोलन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम पर बडबोले बोल व्यक्त कर धरने को सफल बनाने में आमरण अनशन पर बैठ मरने की चेतावनी देकर गये। वहीं गत विधानसभा चुनावो में केन्द्रिय भाजपा से सदस्य लेकर भाजपा में शामिल हुए दलपत पुरोहित भी मैदान में कूदे और आन्दोलनकारियो की मांग पर अपनी गर्जना की। इन पूरे धटनाक्रमो के पीछे आगामी पंचायतीराज चुनाव में कांग्रेस व भाजपा के नेताओ को अपनी पार्टी को शक्ति परीक्षण कराना है जहां कांग्रेस सिर्फ संयम के कारण जिले में प्रभावशाली है लेकिन कांग्रेस के जिलाध्यक्ष आनन्द जोशी ने इतने बडे आन्दोलन में आना ग्वारा नही समझा और हुए समझौते व जांच कार्यवाही में कौन जीता व कौन हारा पर रैती के अवैध कारोबार में आमजनता महंगे दामो में रैती खरीदने को मजबूर है और जिले भर में अवैध बजरी खनन सुप्रीम कोर्ट के आदेशो की धज्जिया उड रही है।


संपादक भावेश आर्य