धरना था या राजनीतिक काबिलियत का नुस्खा, भोपाजी की लीला खुल गया धरना, बुधवार को जांच बैठक

सिरोही 27 मई (हरीश दवे) ।

सिरोही के राजनीतिक महाभारत की द्रोपदी बनी जावाल ग्राम पंचायत जो गहलोत सरकार में जावाल नगरपालिका बनी पर राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र को पूरा करते हुए इसे पुनः ग्राम पंचायत बना दिया इस दौरान पूर्ववर्ती ग्राम पंचायत में ऐतिहासिक 200 पट्टो का घोटाला हुआ तो जावाल नगरपालिका के कार्यकाल में भी पट्टा घोटाला हुआ लेकिन भाजपा कांग्रेस की मैच फिक्सिंग राजनीति में सब घोटाले दब गये और यकायक कृष्णावती नदी बचाओं संघर्ष समिति उभरी व जावाल मे कृष्णावती नदी में अवैध उत्खनन की मांग को लेकर भाजपा व कांग्रेस के स्थानीय नेता 22 गांव वालो के साथ एकजुट हुए जिन्हे व्यापार मण्डल का भी सहयोग मिला व 8 दिन तक बाजार बंद रहे व जनजीवन ठप रहा लेकिन 8 दिन तक चले आन्दोलन पर्व की बिछी जाजम में सत्तारूढ पार्टी के लोकल नेता चाहते तो डबल इंजन की सरकार में राज्यमंत्री, सांसद व जिला संगठन से इसका हल निकलवा सकते थे लेकिन प्रशासनिक अधिकारियो के साथ हुई वार्ता के बाद भी हल नही निकला और पूर्व विधायक संयम लोढा यहां पर अपनी गर्जना कर आन्दोलन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम पर बडबोले बोल व्यक्त कर धरने को सफल बनाने में आमरण अनशन पर बैठ मरने की चेतावनी देकर गये।
लेकिन 8 दिन तक चले धरने पर जब राज्य सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मुखर हुए और जिला प्रशासन व जिले के जनप्रतिनिधियो से बातचीत करने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आता उससे पूर्व राज्यमंत्री ओटाराम देवासी, सांसद, लुम्बाराम चौधरी व डॉ. रक्षा भण्डारी के साथ धरना स्थल पर पहुंचकर आत्मीयता से इस वातावरण को भले ही सुझबुझ से निपटाया व आन्दोलन के नाम राज्य सरकार की छवि को धूमिल होने से बचाया व राज्यमंत्री ओटाराम देवासी व डॉ. रक्षा भण्डारी ने अपने भाषणो से उपस्थित आन्दोलनकारी व समर्थको को आनंद की अनुभूति करा भारत माता की जय के नारे लगवाये व जो भी समझौता बना उसकी सहमति पर हस्ताक्षर करवाये। ओर जांच रिपोर्ट आने के बाद निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिला।
कृष्णावती नदी बचाओ आंदोलन को राजनीतिक हाइजेक होने से बचाया।
कृष्णावती नदी बजरी प्रकरण के विषय में अतिरिक्त जिला दिनेशराय सापेला से सरकार की नई खनन नीति व उद्योगो को बढावा देने में बाहर की कम्पनियो के साथ जहां सरकार एमओयू कर रही है तथा नये उद्योग और निर्माण कार्य होगे तो बजरी की आवश्यकता होती है व आमजन भी बजरी चाहता है लेकिन आमजनता को महंगे दामो में बजरी मिल रही है, बगैर रॉयल्टी के जिले की नदियो में उत्खनन हो रहा है व कृष्णावती नदी के ठेकेदार व शासन के बीच जो अनुबंध है उस अनुरूप हुए समझौते की शर्ते मान्य होगी या लीजधारक के अनुबंध के अनुसार उसे संरक्षण मिलेगा के सवाल के प्रश्न पर अतिरिक्त कलेक्टर डॉ दिनेशराय ने बताया की 28 मई को इस सम्बंध में प्राप्त अवैध खनन की शिकायत पर सभी सम्बंधित पक्षों को सुना जाएगा। बैठक में पुलिस, परिवहन, खनन, राजस्व, सिंचाई, लीजधारक एवम संघर्ष समिति के प्रतिनिधि व जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे। कमेटी के अध्यक्ष अतिरिक्त् कलेक्टर ने खनन व राजस्व विभाग से कहा है कि वे जांच के लिए अपनी विभागीय टीम बनाकर उसकी सूची लेकर आवे। अतिरिक्त जिला कलेक्टर दिनेशराय सापेला ने कहा कि आत्मा सभागार में बुधवार शाम 5 बजे आयोजित बैठक में जांच रिपोर्ट में सभी पहलूओ पर गौर करने के बाद और सभी पक्षो को सुन निष्पक्ष कार्यवाही की जायेगी।



संपादक भावेश आर्य