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आखिरकार कृष्णावती बजरी आन्दोलन का धरना हुआ समाप्त,


-भाजपा व कांग्रेस के नेताओ समेत संघर्ष समिति की कमेटी व जनप्रतिनिधियो के बीच हुआ समझौता


-लीजधारक भरतसिंह शेखावत ने कहा कि मेरे साथ अन्याय जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधिओ की अनदेखी से मुझको लाखो का नुकसान


सिरोही 26 मई (हरीश दवे) ।

कृष्णावती नदी मे कथित लीजधारक द्वारा पोकलैंड मशीनों से भारी मात्रा में किए जा रहे बजरी खनन के विरोध में चल रहे बायोशा मंदिर परिसर के आठवे दिन व आमरण अनशन पर बैठे दो जनो समेत कृष्णावती नदी बचाओं संघर्ष समिति 22 गांवो के धरनार्थियो व राज्यमंत्री ओटाराम देवासी, सांसद लुम्बाराम चौधरी व भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. रक्षा भण्डारी के मध्य बीती रात्रि प्रतिनिधि मण्डल के साथ हुए समझौते के बाद दोपहर को धरना स्थल बायोसा मंदिर में अंतिम समझौता वार्ता में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर के बाद धरना समाप्त हुआ तथा भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. रक्षा भण्डारी, राज्यमंत्री व सांसद ने नारायण लाल सुथार व दिनेश सिंह जामोतरा अनशनकारियो को ज्यूस पीलाकर अनशन तुडवाया और जिला कलेक्टर के आदेश द्वारा कृष्णावती नदी में अवैध खनन के लिए 6 सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई जो तीन दिन में बिन्दूवार जांचकर एसडीएम की तरफ से पूर्व में की गई जांच को शामिल कर नये सिरे से कार्य करेगी।
जांच कमेटी में जोधपुर के खनिज विभाग के एसई जिला परिवहन अधिकारी, पुलिस उप अधीक्षक, जिला परिषद एसीईओ व जल संशाधन विभाग के एक्सईएन सदस्य के रूप में मनोनीत किये गए है। यह कमेटी 22 मई को आंदोलनकारियों ने जो शिकायती पत्र पंचायतीराज राज्यमंत्री को दिया उसकी बिंदुवार जांच करेगी।
धरनार्थियो को सम्बोधित करते हुए राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि पिछली सरकार में भी बजरी आन्दोलन हुआ था तो मैं आपके साथ में रहा तथा अब भी आप अपनी मांगो को लेकर आन्दोलन कर रहे है। मैं प्रतिनिधि मण्डल के साथ आपको मुख्यमंत्री से भेंट कराई व पूरा मामला आपके समक्ष रखा। आप सर्किट हाउस में भी आये तो आपकी सुनवाई जिला प्रशासन के समक्ष रखी व मेरी भी कुछ मर्यादा होती है। आज आप तपती धूप में सात दिन से बैठे हुए है, मैं आपका जनप्रतिनिधि हूॅ और आपका दर्द मेरा दर्द है। हम लगातार सात दिन से धरने को समाप्त करने के लिए प्रयास कर रहे है व आपके भी प्रतिनिधियो से बात होती रही। देर रात्रि तक प्रशासनिक अधिकारीयो व संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल से हुई वार्ता के बाद आपकी मांग पत्र पर सहमति बनी और आप सबके सहयोग से यह धरना समाप्त हो रहा है। जिसके लिये आप सबको आभार प्रकट करता हूॅ। धरने को समाप्त करने के लिए सांसद लुम्बाराम चौधरी व डॉ. रक्षा भण्डारी ने भी आभार जताया और कहा कि जिला प्रशासन द्वारा गठित कमेटी तीन दिवस में इसकी जांच करेगी उसके बाद उचित कार्यवाही राज्य सरकार द्वारा की जायेगी।
क्या कहता है कि लीजधारक-
अवैध खनन माफियाओं द्वारा वैध खनन को रूकवाये जाने के सम्बन्ध में लीजधारक भरतसिंह शेखावत ने निदेशक खान एवं भूविज्ञान विभाग व जिला प्रशासन समेत राज्यमंत्री को भी गुहार लगाई की जिला सिरोही की तहसील सिरोही का खनिज बजरी का खनन पट्टा (एम. एल. न० 11/2012) खनिज विभाग द्वारा मुझ प्रार्थी के पक्ष में स्वीकृत है, जिसका नियमानुसार संविदा निष्पादन एवं पंजीयन 31.03.2023 को करवाया गया। अतः खनन पट्टा दिनांक 31.03.2023 से दिनांक 10.08.2026 तक प्रभावशील है। कुछ कतिपय लोगों/माफियाओं द्वारा प्रशासन व विभाग को झूठी शिकायतें की जा रही हैं व गुमराह किया जा रहा है। इन अवैध खनन कर्ताओं द्वारा समीपस्थ ग्रामवासियों की भीड इकट्ठा कर, धरना प्रदर्शन करके हर 10-15 दिन बाद वैध खनन को रुकवा दिया जाता है। वैध खनन रूक जाने के पश्चात ये माफिया रात को अवैध खनन करते है।
अवैध खनन को रोकने के सम्बन्ध में कई बार खनि अभियन्ता, सिरोही को अवगत कराया, परन्तु माफियाओं द्वारा ग्रामवासियों की भीड इकट्ठा किये जाने के दबाव में इन माफियाओं पर प्रशासनिक व विभागीय कार्यवाही नहीं हो पा रही है एवं वैध खनन कार्य सुचारू रूप से नहीं चल पा रहा है। शेखावत ने बताया कि खनन पट्टे से दिनांक 20.05.2025 तक खनिज का कुल निर्गमन 3,87,394 टन ही किया गया है, जो कि खनन पट्टे से नाम मात्र ही खनिज का निर्गमन किया गया है। जबकि खनन पट्टे की वार्षिक उत्पादन क्षमता 26,40,000 टन है एवं खनन पट्टा काफी विस्तृत क्षेत्र 2527 हैक्टर में फैला हुआ है व खनिज की उपलब्धता भी पर्याप्त है।
इन माफियाओं द्वारा पट्टा क्षेत्र में हमारी कार्यरत मशीनों/वाहनों को तोडफोड कर नुकसान पहुंचाया जा रहा है और प्रशासन को झूठी शिकायतें करके उल्टा वैध खनन को रूकवा दिया जाता है। इन माफियाओं द्वारा अवैध खनन को बढावा देने व अपना अवैध करोबार बढाने हेतु वैध खनन को रूकवाने की पूरी कोशिश की जा रही है। जिससे मुझ प्रार्थी को वित्तीय घाटा होने के साथ-साथ राज्य को राजस्व की भी हानि हो रही है।
खनन पट्टे के आंवटित खसरों में वैध खनन कार्य सुचारू रूप से चालू करवाये जाने के सम्बन्ध में खनि अभियन्ता, खान विभाग, सिरोही को निर्देशित कराने की कृपा करें। ताकि वैध को बढावा मिल सके व राजस्व की चोरी रूक सके।
गौरतलब है कि सिरोही जिले की तमाम नदीयो व नालो में बजरी का अवैध उत्खनन होता है जिसमें कृषि कार्यो के लिए ऋण पर लिये गये ट्रेक्टर बघेर नम्बर प्लेट के जिले भर में रेती का अवैध उत्खनन व परिवहन करते है। जिसमें प्रभावशाली व राजनीतिक रसूखात रखने वाले तबके के लोगो का नियंत्रण है।
और किसी की भी सरकार हो बजरी माफियाओ पर कोई अंकुश नही लगा सकता व अनेक सरकारी महकमो की इसी से भारी उपरी कमाई चलती है। शिवगंज जवाई नदी, सुकली नदी, बनास, झाडोली, खाम्बल, रामपुरा, वाडेली सभी नदियो पर जमकर अवैध बजरी उत्खनन हो रहा है और जावाल कृष्णावती नदी पर लीजधारक के साथ अवैध खननकर्ता भी खनन के बाद नदी में गहरे खड्ढे होने का बवाल मचा व कृष्णावती नदी का आन्दोलन को राजनीतिक द्वेषभूल भाजपा व कांग्रेस के नेताओ ने बिगुल फूका जिसे 22 गांव की जनता का समर्थन मिला। सत्तारूढ पार्टी के लोकल नेता अगर चाहते तो अपनी सरकार में राज्यमंत्री व सांसद के चलते इस आन्देालन का निदान करवा सकते थे। लेकिन अनेक दौर की वार्ता में सहमति नही बनी व बुलाये जाने पर पूर्व विधायक संयम लोढा भी इस आन्दोलन में गरजकर अपनी बात रखकर गये और आन्दोलन कही ओर उग्र न हो जाये जिसकी नजाकत भांप राज्यमंत्री, सांसद व भाजपा जिलाध्यक्ष ने पहल की और कृष्णावती नदी बचाओ आन्दोलन आज समाप्त हुआ और जावाल व क्षेत्र के बाजार खुले व स्थानीय रहवासियो ने भी चैन की सांस ली।
अब पर्यावरण सरंक्षण में जिले की नदियां अवैध उत्खनन से बचती है या नही व आम जन को जिले भर में सस्ती बजरी मिले यह आम जन की जनप्रतिनिधियों से उम्मीद है।

संपादक भावेश आर्य

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