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जावाल के बायोशा मन्दिर परिसर में सातवें दिन भी धरना जारी,भाजपा नेताओं में कलह,कोंग्रेसी धरने में एक जुट,इस्तीफों का एलान

रविवार को भी बाजार रहे बंद

सिरोही(हरीश दवे)

कृष्णावती नदी मे पोकलैंड मशीनों से भारी मात्रा में किए जा रहे बजरी खनन के विरोध में चल रहे बायोशा मंदिर परिसर में सातवे दिन रविवार को भी संघर्ष समिति के बैनर तले जावाल समेत 22 गांवो के लोगो का धरना जारी रहा।
इस दौरान जावाल व आसपास के गांवों में व्यापारियों ने भी धरने के समर्थन में अपने प्रतिष्ठानो को बंद रखे।
धरना स्थल पर अनेक वक्ताओं ने कहा कि जिस तरह बड़ी बड़ी मशीनों से भारी मात्रा में खनन कर प्रतिदिन सैकड़ो डम्परों से बाहरी जिलो में बजरी भेजी जा रही है। इससे नदी का अस्तित्व खतरे में है। उन्होंने ने कहा है कि आने वाले भविष्य में पेयजल के साथ खेती पर आधारित किसानों को भारी समस्या झेलनी पड़ सकती है ।

*धरना स्थल पर शरू हुआ आमरण अनशन रविवार को भी जारी रहा।
धरने में भाजपा नेता व शुरू से आंदोलन के साथ रहे तुलसीराम पुरोहित ने कहा की भाजपा व कोंग्रेस के पदाधिकारी जो शुरुआत से आंदोलन का हिस्सा है व भाषणो में कहते थे की नदी को बचाने हम अपनी अपनी पार्टियों से स्तीफा देंगे पर अब तक इस्तीफा नही दिया।अब जनता को गुमराह नही होने दिया जाएगा।
तब कुछ जनो ने अपनी जेब से इस्तीफा लहराया।जिसे जिलाध्यक्ष को प्रेषित करने को कहा।

जावाल कृष्णावती खनन को लेकर धरना स्थल पर धरनाथियों ने शनिवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आमरण अनशन पर नारायण लाल सुथार व दिनेश सिंह जामोतरा बेठे।
इस दोरान मेडिकल टीम के साथ एम्बुलेंस की व्यवस्था कर रखी है और समय समय पर अनशन पर बैठे लोगों का चेकप किया जा रहा है।

कृष्णावती नदी में हो रहे भारी मात्रा में खनन को लेकर रविवार को सात दिन हो चुके है पर अब तक अनेक दौर की वार्ता के बाद भी नतीजा सिफर रहा।
2 दिन पूर्व में आंदोलन कारी रैली के साथ सिरोही सर्किट हाउस पहुचे व 4 घण्टे तक राज्य मंत्री ओटाराम देवासी, सांसद लुम्बाराम चौधरी,भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ रक्षा भण्डारी व प्रशाशनिक अधिकारियों व प्रतिनिधिमंडल के मध्य वार्ता विफल रही व मांगो पर निर्णय नही किया।
तब राज्य मंत्री ओटाराम देवासी ने स्पस्ट कहा की आप मेरे ही कार्यकर्ता हो व में आपका जन प्रतिनिधि लीज ठेकेदार से में आज का आज खनन बन्द नही करवा सकता व आप धरना उठाये व पूर्व में दायर हाईकोर्ट में रिट के चलते में ग्रामीणों के हित मे वही कर सकता जो मेरे दायरे में है।
उसके बाद पूर्व सीएम सलाहकार संयम लोढा भी धरना स्थल पर पहुचे व आंदोलन कारियों में जोश भर उनकी मांगों के साथ तन मन धन से सहयोग देने के साथ मजबूती से आंदोलन चलाने की बात कही व आवश्यकता पड़ने पर जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट परिसर घेराव की बात कही।
हांलांकि कोंग्रेसी भी इस्तीफे की बात कर रहे।पर कोंग्रेस के जिलाध्यक्ष आनन्द जोशी ने आंदोलनकारियों की सुध नही ली।
प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के साथ धरनार्थियों की कोई वार्ता व सक्षम मीडियेटर नही होने से अब धरना धीरे धीरे बढ़ता नजर आ रहा है जिसमे धरना स्थल पर काफी संख्या में पुरुषों के साथ महिलाएं भी दिन भर डटी रही, उनको भोजन के साथ चाय पानी की व्यवस्था भी धरना स्थल पर की जा रही है। धरनार्थियों ने बताया कि रविवार तक धरने को ले कर कोई वार्ता नही होती है तो मजबूरन हमे बसों में सवार हो कर सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल के पास क्षेत्र के कृष्णवती नदी में हो रहे खनन से आने समय मे होने वाले नुकशान के बारे में विस्तृत जानकारी दे कर जल्द खनन पर रोक लगाने की गुहार लगाई जायेगी।

धरना स्थल पर शांति व्यवस्था के लिए जिले के आलाधिकारियों के साथ पुलिस का भारी जाब्ता तैनात रहा। वही रात को धरना स्थल पर भजन संध्या आयोजित हुई।
उधर इस धरने का कोई हल निकले इस के लिए भाजपा के नेता जो इस धरने से जुड़े है व इस्तीफों का एलान कर रहे है। वो भी राज्य सरकार की आंदोलन को लेकर उतपन्न स्तिथि को रोकने में सम्मानजनक निर्णय के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्री,सांसद व जिलाध्यक्ष व जिला प्रशशन से बातचीत में हल तलाश रहे है।
वही पूर्व विधायक संयम लोढा धरने का निर्णय नही होने तक उनकी रणनीति को अंजाम दे रहे है।
उम्मीद जताई जा रही है की सोमवार को इस आंदोलन के समाधान में जिला प्रशासन कारगर कार्यवाही कर सकता है।
अन्यथा कृष्णावती नदी बचाओ आंदोलन नया रूप ले सकता है।

संपादक भावेश आर्य

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