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स्वदेशी जागरण मंच का “अमेजान,वालमार्ट,फ्लिपकार्ट भारत छोड़ो अभियान ”’


सिरोही(हरीश दवे) ।

अमेजन, फ्लिपकार्ट भारत छोड़ो देशव्यापी अभियान के तहत स्वदेशी जागरण मंच ने मंगलवार को सिरोही नगर में गोष्ठी आयोजित कर अभियान की शुरुआत की । मंच के प्रान्त सहसंयोजक जयगोपाल पुरोहित ने बताया कि भारत की जीडीपी में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले खुदरा व्यापार जो भारत में 8 प्रतिशत एंप्लॉयमेंट जनरेट करता है को निगल जाने को आमादा है । इन के विरोध में अब कई ट्रेडर्स एवं ट्रेडर्स यूनियन लामबंध हो रही हें।
उन्होने बताया कि भारतीय रिटेल व्यापारियों एवं व्यापारी संगठनों ने 1 मई से फ्लिपकार्ट,अमेजन के बहिष्कार के लिए अभियान की शुरुआत की है जो भारत के सभी प्रदेशों की राजधानियों में प्रदर्शन एवं जनजागरण के साथ आगे बाढ़ रहा हे। इस “अमेजान,वालमार्ट,फ्लिपकार्ट भारत छोड़ो अभियान” की प्रमुख मांग हे कि प्रतिस्पर्धा कानून 2002 में अमेंडमेंट कर ऑफलाइन खुदरा विक्रेताओं एवं छोटे ट्रेडर्स के हितों की रक्षा के प्रावधान जोड़ें जाएं तथा सरकार एवं भारत के आमजन इन एफडीआई ई-कॉमर्स कंपनियों फ्लिपकार्ट एवं अमेजन के सभी उत्पादों एवं सेवाओं का पूर्ण बहिष्कार करें। स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक नवीन खत्री ने कहा कि आई बी ई एफ की रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2022 मैं 7.8 प्रतिशत बिलियन ट्रांजैक्शन प्रतिदिन ई-कॉमर्स पर पाए गए हैं । भारत में बढ़ रहे ऑनलाइन शॉपिंग व्यापार का आकलन यह है कि वर्ष 2030 तक ई मार्केट 500 मिलियन क्रॉस कर जाएगा जो वर्ष 2020 तक 150 मिलियन तक था। कुल खुदरा बाजार में ई-कॉमर्स खुदरा की हिस्सेदारी 2018 के 4 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 8 प्रतिशत हो गई है और 2028 तक 13-15 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है।
व्यापार महासंघ अध्यक्ष भरत छिपा ने बताया कि कोरोना काल में लगे लॉक डाऊन का फायदा इन कंपनियों ने उठाया जिसके कारण भारत के युवा एवं भारत में बढ़ रहे स्मार्टफोन उपभोक्ताओं ने बाजारों में जाने की बजाय इन बड़ी कंपनियों के लोक लुभावने छूट अभियान के मायाजाल में फस कर इन से सामान खरीदना शुरू किया और धीरे-धीरे इन कंपनियों ने भारतीय उपभोक्ताओं को एक लत सी लगा दी है। इस के कारण भारतीय बाजार मंदी की ओर बढ़ रहे हैं।
विभाग संयोजक राकेश पुरोहित ने आमजन से भी अपील करते हुए कहा कि वोकल फ़ॉर लोकल के महत्व को समझते हुए स्थानीय बाजारों से सामान खरीदे एवं अपना व्यापार-अपने शहर के महत्व को समझे।आगामी दिनों में इस अभियान को लेकर व्यापक स्तर पर जनजागरण किया जाएगा। उस अवसर पर अनेक व्यापारी बंधु व स्वदेशी के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

संपादक भावेश आर्य

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