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राष्ट्र प्रथम, बाकी सब बाद में की भावना से सिरोही स्थापना दिवस समारोह स्थगित


सिरोही10मई(हरीश दवे)।


11 मई 2025 को राजमहल सिरोही में आयोजित होने वाले सिरोही स्थापना दिवस समारोह को देश में वर्तमान भारत एवं पाकिस्तान के मध्य युद्ध मय वातावरण से उत्पन्न विकट परिस्थितियों के कारण राष्ट्र प्रथम , राष्ट्र सर्वोपरि की भावना के मध्य नजर सिरोही स्थापना दिवस समारोह को युवराज इंद्रेश्वरसिंह सिरोही के अध्यक्षता में राजमहल सिरोही में आयोजित सर्व समाज की महासभा में स्थगित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में भंवर बाईसा गौरी कुंवरजी एवम् सारणेश्वरी कुंवरजी की भी उपस्थिति रही।
साय 6 बजे प्रतिदिन की भांति राज महल परिसर में व्यवस्थाओं व तैय्यरियो को लेकर होने वाली बेठक में आज की बेठक अहम थी।
जिसमे सिरोही जिले व नगर के 36 कौम के समाज,ठिकानेदार, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि,युवा व महिला शक्ति समेत सेकड़ो प्रबुद्ध जन उपस्थित थे।
समारोह के संयोजक ठाकुरान राजश्री समरवीरसिंह पाडीव , व्यवस्था प्रमुख मांगूसिंह बावली , व्यवस्था सह प्रमुख डॉ उदयसिंह डिगार , इन्द्रसिंह मनोरा व्यवस्था व तैयारियों को लेकर उपस्थित जनो से चर्चा कर रहे थे व प्रबुद्ध जन आयोजन की तैयारियों की सहभागिता में अपने सुझाव दे रहे थे।


इसी दौरान युवराज इन्द्रेश्वर सिंह अपनी पुत्रियों के साथ महासभा में पहुचे उनके लिए मंच पर आसन लगाया गया था।
पर सौम्य मृदु भाषी युवराज ने कहा की राज परिवार सिरोही स्थापना दिवस का मेजबान है पर मूल में यह आम जनता का ऐतिहासिक सेलिब्रेशन है और युवराज ऊंचे मंच से आम जनता व उपस्थित जनों के साथ बेठे ओर आम जनता के साथ आत्मीयता से बात चीत विचार विमर्श किया।जिससे उपस्थित जन उनकी सादगी व आत्मीयता भरे भावों से अभिभूत हो गए।
आयोजित बैठक में सर्व समाज के हजारों की तादाद में उपस्थित गणमान्यों के सैलाब को संबोधित करते हुए सिरोही राजघराने के युवराज इंद्रेश्वरसिंह ने कहा कि आज देश जंग से जूझ रहा है और हमारे जवान सीमा पर राष्ट्र की रक्षार्थ अपने प्राणों के बलिदान के लिए तैनात है।
सिरोही स्टेट का भी इतिहास रहा है यहां के पूर्व नरेशो ने कभी मुगलों व अंग्रेजो की अधीनता स्वीकार नही की व सिरोही राज्य को स्वतंत्र रखा आज देश मे अघोषित युद्ध पाकिस्तान के साथ हो रहा है जरूरत पड़ी तो हम सिरोही वासी भी देश की रक्षा में सैनिक बन रास्ट्र रक्षा का कार्य करेंगे। हम सब के लिए राष्ट्र प्रथम है।
भारत सरकार,राजस्थान सरकार व जिला प्रशासन की एडवाइजरी का सम्मान करते हुए रास्ट्र के समक्ष मौजूदा स्तिथि को ध्यान में रख सिरोही स्थापना दिवस समारोह स्थगित किया जाता है,
उन्होंने देश के सैन्य पराक्रम की तारीफ करते हुए कहा की भारत की सेना आतंकवाद व आतंकी पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दे कर देश को विजय दिलाएंगी।
तब हम दुगुने प्रयास में विजय के जश्न के साथ सिरोही स्थापना दिवस को भव्यता से मनाएंगे। उपस्थित सभी गणमान्यों ने युवराज की बात का समर्थन किया एवम् युवराज इंद्रेश्वर सिंह के इस राष्ट्र प्रथम, राष्ट्र सर्वोपरि की भावना का जयकारों के साथ अभिनंदन किया।
इस अवसर पर युवराज इंद्रेश्वरसिंह ने उपस्थित विशाल जन समुदाय से राष्ट्र प्रथम एवम् राष्ट्र सर्वोपरि की भावना का संदेश देते हुए देश के लिए हर संभव योगदान के लिए तत्पर रहने का आह्वान किया।
इस विशाल महासभा में राजमहल में 36 कोम के प्रबुद्ध हजारों गणमानियों की उपस्थिति में ठाकुरान राजश्री समरवीरसिंह की पाडीव, मांगूसिंह बावली , डॉक्टर उदयसिंह डिंगार, प्रवीण कुमार आर्य , शंकरलाल माली, वीरेंद्रसिंह चौहान ,हार्दिक देवासी, इंदरसिंह मनोरा,भवानी सिंह भटाणा, अमराराम प्रजापत, नारायण देवासी , दिलीप सिंह माडानी, राजेन्द्र सिंह चारण, हरीश दवे, वनेपालसिंह ,नरेंद्र ओझा आदि ने भी अपने विचार रखें।

संपादक भावेश आर्य

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