आदर्श संपति को खुर्दबुर्द करने के मामले में लोढ़ा का मुख्यमंत्री को खुला पत्र

पीएमएलए एक्ट की अवहेलना कर लिक्विडेटर के नाम नामांतरण खोलने वाले अधिकारियों के खिलाफ हो विधिक कार्रवाई
शिवगंज(हरीश दवे) ।

पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने आदर्श को ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड व अन्य के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पीएमएलए के अंतर्गत की गई कार्रवाई के बावजूद राज्य सरकार एवं लिक्विडेटर के स्तर पर हुई भारी अनियमितता को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र भेजा है। पत्र में लोढ़ा ने मुख्यमंत्री को राज्य सरकार लिक्विडेटर स्तर पर की गई अनियमितता का ब्यौरा देते हुए पीएमएलए एक्ट के अनुरूप कार्रवाई करने के साथ जिन अधिकारियों ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सूचित किए जाने के बाद भी एक्ट की अवहेलना की है उनके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई करने, बिना ईडी की पूर्व अनुमति के लिक्विडेटर के पक्ष में स्वीकृत किए गए नामांतरण निरस्त करने का आग्रह किया है।
लोढ़ा ने बताया कि आदर्श की विभिन्न सम्पतियों जिसकी सूची निदेशालय ने 08 अप्रैल 2019 के पत्र के साथ लगे एनेक्सचर ‘ए’ में प्रदर्शित की थी। इन सम्पतियों के मामले में महानिरीक्षक पंजीयन राजस्थान सरकार से आग्रह किया गया था कि इनमें से किसी भी सम्पति के बेचान से पूर्व प्रर्वतन निदेशालय की अनापत्ति प्राप्त की जाए। इसके बावजुद वर्ष 2024 में पटवार हल्का सिरोही, रामपुरा, मांडवा व अन्य क्षेत्र में कृषि भूमि का नामान्तरण बिना प्रर्वतन निदेशालय से अनापत्ति प्राप्त किए लिक्विडेटर के नाम स्वीकृत कर दिया गया।
पत्र में बताया गया हैं कि इस तरह की मिलीभगत कर लिक्विडेटर ने राजस्थान सरकार के सहकारिता विभाग, राजस्व विभाग में गंभीर अनियमितता की है। इतना ही नही पटवार हल्का सिरोही के खसरा नंबर 1052 में वर्णित भूमि का बेचान 17 मार्च 2025 को कर निजी व्यक्ति के नाम पंजीयन करवा दिया गया। जबकि इस तिथि तक प्रवर्तन निदेशालय ने कोई स्वीकृति जारी नहीं की थी।
प्रशासन ने संपतियों को खुर्दबुर्द करने की आपराधिक भूमिका निभाई
लोढ़ा ने मुख्यमंत्री को बताया कि
प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी फाइल EC/RJP20/01/2019 के जरिए 09 दिसंबर 2024 को 2019 में संसुचित की गई सभी संपतियों का प्रोविजनल अटेचमेंट जारी किया। इस आदेश में वे सभी सम्पतियां शामिल है,जिसका नामान्तरण सिरोही जिला प्रशासन 04 सितम्बर 2024 को लिक्विडेटर के नाम स्वीकृत कर चुका हैं। इस तरह रजिस्ट्रार सहकारिता विभाग, जिला कलेक्टर सिरोही, उपखण्ड अधिकारी सिरोही, तहसीलदार सिरोही ने कानुन विरुद्ध सम्पति खुर्दबुर्द करने में आपराधिक भूमिका निभाई है। इतना ही नही प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 2019 में संसुचित एवं 09 दिसंबर 2024 के पत्र में अटेच प्रदर्शित की गई भूमि का भी इन्होंने बिना विधिक प्रक्रिया 04 सितंबर 2024 को लिक्विडेटर के नाम नामान्तरण खोल दिया।
इन संपतियों का नामांतरण लिक्विडेटर के नाम किया
पत्र में लोढ़ा ने बताया कि पटवार हल्का रामपुरा, सिरोही की भूमि खसरा संख्या 404 की 1.9600 हेक्टेयर भुमि, खसरा संख्या 407 की 0.5000 हेक्टेयर भूमि, खसरा संख्या 410 की 0.1200 हेक्टेयर भूमि, खसरा संख्या 412 की 0.0800 हेक्टेयर भूमि, खसरा संख्या 413 की 0.5600 हेक्टेयर भूमि, खसरा संख्या 414 की 0.2400 हेक्टेयर भूमि, खसरा संख्या 415 की 0.5200 हेक्टेयर भूमि, खसरा संख्या 416 की 0.1500 हेक्टेयर भूमि, खसरा संख्या 417 की 0.9100 हेक्टेयर भूमि, खसरा संख्या 418 की 0. 2800 हेक्टेयर भूमि, खसरा संख्या 990/405 0.3100 हेक्टेयर भूमि, खसरा संख्या 994/411 की 0.2300 हेक्टेयर भूमि, खसरा संख्या 995/419 की 0.4500 हेक्टेयर भूमि, खसरा संख्या 996/405 की 0.7700 हेक्टेयर भूमि, खसरा संख्या 997/411 की 0.3700 हेक्टेयर भूमि खसरा संख्या 998/419 1.0800 हेक्टेयर भूमि अतः कुल खसरे 16 की 8.5300 हेक्टेयर भूमि का नामान्तरण लिक्विडेटर के नाम खोल के हजारों निवेशकों के साथ धोखा किया है।

संपादक भावेश आर्य