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माल गाव के दानवीर संघवी पार्वती बेन लीलचंद जी हुक्मीचंदजी बाफना परिवार ने गुरु पूजन में एक नया इतिहास बनाया

डायमंड की तरह चमका दिया मॉलगाव को मॉलगाव के दानवीरों ने के पी संघवी परिवार ने धर्म ,आराधना सामाजिक सरोकार में रचा बड़ा इतिहास

सिरोही(हरीश दवे) ।

राजस्थान के सिरोही जिले में मालगांव एक ऐसा दानवीर गाँव है जहां के जैन समाज के लोगो ने प्रभु भक्ति, धर्म आराधना , सामाजिक सरोकार व परोपकार में ऐसे ऐसे अनगिनत कार्य किये है जिससे पूरे देश मे यह गाँव विख्यात है।
इस गाँव के डायमंड व्यवसायी के पी संघवी परिवार ने पावापूरी तीर्थ जीव मैत्री धाम बनाकर व 23 वर्षो से 6 हजार गोवंश का लालन पालन कर जीवदया का बहुत बड़ा काम कर अपने परिवार व मॉलगाव का नाम गौरान्वित किया । जैन समाज के प्रमुख प्राचीन तीर्थ जीरावला के निर्माण में बड़ा योगदान करने वाले स्व. बाबुकाका जी व के पी संघवी परिवार ने जीरावला पार्श्वनाथ दादा को नूतन जिनालय में विराजमान करने का उलेखनीय चढ़ावा लेकर एक इतिहास रचा था । के पी संघवी परिवार ने रेवदर में 5 करोड़ की लागत से मॉडल राजकीय कालेज का व सिरोही में 7 करोड़ की लागत से ला कालेज का नया भवन बनाकर सरकार को सुपुर्द कर उच्च शिक्षा ग्रहण करने का लाइफ टाइम अवसर प्रदान किया।

तपस्वी संघवी रतन बेन बाबूलाल जी ने तपस्चर्या में बजाया डंका

परिवार की तपस्वीरत्न संघवी श्रीमती रतनबेन बाबूलाल जी पिछले 33 वर्षो से वर्षीतप यानि एक दिन उपवास व एक दिन ब्यासना की तपस्या में लीन है और पावापुरी में ही लगातार 75 उपवास की तपस्या कर आराधना में बड़ा कीर्तिमान कायम कर मॉलगाव को गौरान्वित किया है।

संघवी भेरमल हुक्मीचंद जी परिवार ने ध्वजा फहराने का इतिहास रचा था

इसी गांव के संघवी भेरमल जी हुक्मीचंद जी बाफना परिवार ने भी अनेक धार्मिक आराधनाओं का आयोजन करवा कर ओर माउंट आबू की नक्की झील के नीचे अनादरा की सुनहरी पहाड़ियों में मनमोहक प्राकतिक स्थल पर भेरू तारक धाम बनाया और मॉलगाव में सुमतिनाथ भगवान की प्रतिष्ठा के अवसर पर 10 करोड़ में ध्वजा का चढ़ावा लेकर देश मे एक नया इतिहास रचा था। इसी परिवार के संघवी मोहनलाल जी भेरमल जी की 9 वर्षीय सुपौत्री दिवांशी धनेश भाई संघवी ने सूरत में आचार्य भगवंत श्री कीर्ति यश सुरीजी की निश्रा में अल्प आयु में संयम जीवन ग्रहण कर मॉलगाव के इतिहास में एक सुनहरा कार्य का अंकन कराया ।

गुरुभक्ति का अनूठा इतिहास रचा

इसी गाँव के संघवी लीलचंद जी हुक्मीचंद जी बाफना परिवार ने जीरावला में 14 जनवरी 2024 को भव्य उपधान तप के निमित आचार्य भगवन्तों का भव्य सामैया हुआ जिसमें भक्ति योगाचार्य श्री यशो विजयसुरीश्वर जी ,श्री मुनिचन्द्रसूरी जी,श्री राजयपुण्य सुरीजी,व श्री भाग्येश विजयसुरीश्वर जी मसा सहित अनेक मुनिराज व साध्वी भगवन्त शामिल हुए और संघवी परिवार के सभी श्रावक व श्राविकाओं ने स्वर्ण से गुरुपूजन कर गुरुभक्ति का एक नया इतिहास जैन समाज रचा जिसकी सर्वत्र खूब खूब अनुमोदना हो रही है । डेढ़ माह तक 500 आराधक इन आचार्य भगवन्तों के सानिध्य में धर्म आराधना करते हुए साधु जीवन जीने का प्रशिक्षण लेगे व नमस्कार महामंत्र के वे सर्टिफाई आराधक बनेंगे।

संपादक भावेश आर्य

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