शिविर में न नोडल अधिकारी मिले, न सहायक नोडल अधिकारीतीन घंटे से बिजली गुल, ग्रामीण हो रहे परेशान

शिविर में अचानक पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढा, ग्रामीणों ने कहां कि हमे यहां कोई पूछने वाला नही
सिरोही(हरीश दवे) ।

सिरोही तहसील के जेला ग्राम पंचायत में सरकार की ओर से एग्रीस्टेक योजना अंतर्गत आयोजित फार्मर्स रजिस्टरी प्रोजेक्ट शिविर में पूर्व मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढा अचानक पहुंचे तो किसान ने कहां कि शिविर में तीन घंटे से बिजली नही है और हमे यहां कोई पूछ नही रहा है। बिजली न होने के अभाव में किसानों को कोई प्रिंट उपलब्ध नही करवाया जा सक रहा था। लोढा ने जानकारी ली तो पता चला कि सिरोही ब्लॉक के अभियान के नोडल प्रभारी अधिकारी शिविर में नही थे, न ही सहायक नोडल अधिकारी शिविर में उपस्थित थे। लोढा ने इसके उपरांत राजीव गांधी सेवा केन्द्र जेला में बैठे किसानों से मुलाकात कर जानकारी ली।किसानों ने बिजली के संबंध में लोढा से कहां कि तीन घंटे सरकार का कैम्प चल रहा है, तीन घंटे से बिजली बंद है, रजिस्टेशन का पर्चा नही मिल रहा हैं, इस पर संयम लोढा ने मौके से बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों से दूरभाष पर बात की और बिजली की वजह से शिविर कार्य ठप्प पडे होने की जानकारी दी। लोढा के बात करने के कुछ ही मिनटो बाद ही शिविर में बिजली आ गई।बिजली आने के बाद शिविर में फार्मर आईडी बनने का कार्य शुरू हुआ। किसानों ने लोढा को कहां कि हमारी कोई सुनने वाला नही है, सवेरे सेआकर शिविर बैठे है, अधिकारी नही होने से कर्मचारी सही जवाब नही दे रहे है। सरकार की योजनाओं का लाभ नही मिल रहा है।
शिविर में लोढा को ग्रामीणों ने क्षेत्र में हो रही चारियों के बारे में भी अवगत कराया। नून फुंगणी के ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में दिन प्रतिदिन चोरियों की वारदात बढती जा रही है। अज्ञात बदमाश प्रतिदिन गांव में एक न एक मकान में चोरियों की वारदात को अंजाम दे रहे है। चोरी की बढती वारदात को लेकर ज्ञापन भी सौपे लेकिन इसके बाद भी चोरी की वारदातों पर अंकुश नही लगा है वहीं तंवरी में व्यापारी अजीत जैन के साथ 10 लाख की धोखाधडी का भी अभी तक राजफाश नही होने की घटना से ग्रामीणों ने लोढा को अवगत कराया। इस पर लोढा ने पुलिस के उच्चाधिकारियों से बातचीत करने की बात कही। इस दौरान ब्लॉक अध्यक्ष रतन माली, संगठन महामंत्री कल्पेश त्रिवेद्वी, ईश्वर पुरोहित, किशोर सिंह जेला सहित अन्य लोग लोढा के साथ थे।

संपादक भावेश आर्य