कार्यवाहक आयुक्त आशुतोष के खिलाफ निंदा प्रस्ताव, एजेण्डे के प्रस्ताव सर्वसम्मत पारित

-सिरोही नगर परिषद साधारण सभा की बैठक में आयुक्त या राज्य सरकार का कोई प्रतिनिधि नही मौजूद
-भाजपाई पार्षदो ने भी मिटिंग में नही लिया हिस्सा,
जिला कलेक्टर से मिले कोंग्रेसी पार्षद,
सिरोही (हरीश दवे) ।

सिरोही नगर परिषद मण्डल की सामान्य बैठक आज हेरतअंगेज परिस्थितियों में सम्पन्न जिसमें आज आर.ओ. आशुतोष आचार्य (आयुक्त) बैठक में उपस्थित नही हुए तथा भाजपाई पार्षदो ने भी मिटिंग में हिस्सा नही लिया। जबकि उपस्थित पार्षदों द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्ताव लिया गया कि कार्यवाहक आयुक्त आशुतोष आचार्य द्वारा बैठक भाग नहीं लिया जाकर यह अवगत कराया गया कि 5 नवम्बर को आयुक्त पद का कार्यभार समाप्त होने से बैठक में भाग नहीं लेना बताया गया है। जबकि 5 नवम्बर से आज दिनांक तक नगर परिषद् कार्यालय में आयुक्त कक्ष में आयुक्त की कुर्सी पर बैठक कर आयुक्त के रूप में समस्त कार्यों का संचालन किया जा रहा है एवं दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये जा रहे है। जबकि कार्यवाहक आयुक्त के रूप में बोर्ड बैठक में सचिव के रूप में भाग नहीं लेने व समय पूर्व किसी प्रकार की सूचना उपलब्ध नहीं करवाने और उच्च न्यायालय की अवमानना करते हुए राज्य सरकार/डीएलबी, जयपुर/जिला कलक्टर, सिरोही के बिना आदेश आयुक्त पद पर कार्यरत रहकर कार्य संपादन किया गया है एवं पार्षदों द्वारा नियमित मांग करने के बाद भी सरजावाव दरवाजा व राव सुरताण गार्डन में पुराना खंडित राष्ट्र ध्वज तिरंगा नहीं बदला गया। अतः उक्त कृत्यों को लेकर सभी पार्षदों द्वारा श्री आशुतोष आचार्य, राजस्व अधिकारी प्रथम के घोर निन्दा करते है व सरकार से आवश्यक अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग करते है, पर चर्चा करते हुए कार्यवाहक आयुक्त के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लिया गया वहीं पार्षद ईश्वरसिंह डाबी ने आयुक्त द्वारा राव सुरताण गार्डन पर बार-बार कहने के बावजूद तिरंगा ध्वज नही लगाने के कृत्य को आयुक्त को राष्ट्रविरोधी कहा। बैठक में पार्षद सुरेश सगरवंशी ने निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि जब आयुक्त का समय 5 नवम्बर को समाप्त हो गया था तो बेक डेट में कैसे प्रस्तावो पर हस्ताक्षर कर रहे है।
इसके बाद बैठक में एजेण्डे के बिन्दूओ पर चर्चा करते हुए खसरा संख्या 428 की भूमि निलामी, खांचा भूमि की लम्बित पत्रावलियों के निस्तारण में नियमानुसार कार्यवाही, आचार संहिता के दौरान बढाई गई ठेको की अवधि की पुष्टि, विभिन्न सरकारी विभागों/संस्थाओं को भूमि आवंटन, सरजावाव दरवाजे पर किसी भी प्रकार के होर्डिंग्स/बेनर न लगाने का प्रस्ताव व होर्डिंग्स/बेनर लगाने वाले पर 10000 रूपये का जुर्माना वसूलने पर विचार-विमर्श कर प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किये गये।
बैठक में सभापति महेन्द्र मेवाडा ने कार्यवाहक आयुक्त की हठधर्मिता पर दुःख जाहिर करते हुए कहा कि समाप्त हो रहे नगर परिषद बोर्ड के कार्यकाल में आयुक्त चाहते तो बैठक में हिस्सा ले सकते थे क्योंकि इस संबंध में राजस्थान सरकार डीएलबी का स्पष्ट आदेश है कि शहरी क्षेत्र की नगर परिषद, नगरपालिकाओ में आयुक्त अधिशाषी अधिकारी के रिक्त पद का अतिरिक्त कार्यभार सचिव, नगर विकास न्यास अथवा राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी उपखण्ड अधिकारी, सहायक कलेक्टर अथवा राजस्थान तहसील सेवा के तहसीलदार व नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारीयो को भी जिला कलेक्टर द्वारा अधिकृत किया जा सकता है। लेकिन आयुक्त ने बोर्ड बैठक में हिस्सा न लेकर क्षुद्र राजनीति का परिचय दिया है, जबकि वो 5 तारीख के बाद लगातार आज तक आयुक्त की कुर्सी पर बैठते है। जिसका हम कडे शब्दो में निंदा करते है।
बैठक के समापन के बाद उपसभापति जितेन्द्र सिंघी के नेतृत्व में पार्षद सुरेश सगरवंशी, अनिल चैहान, विशाल, भरत धवल, ईश्वरसिंह डाबी, सुंधाशु गौड, प्रकाश मेघवाल, राजेन्द्र राणा जिला कलेक्टर श्रीमती अल्पा चौधरी से मिले व आज नगर परिषद बोर्ड की मिटिंग को लेकर तमाम वस्तुस्थिति से अवगत करवाया जिस पर जिला कलेक्टर ने पार्षदो से कहा कि 18 तारीख को नगर परिषद बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और इससे पहले नगर परिषद बोर्ड की बैठक अवश्य करवायी जायेगी तथा उन्होने पार्षदो की मांग पर यह भी कहा कि आयुक्त पर रिक्त है तो उस कुर्सी पर नही बैठने की भी हिदायत दी जायेगी।



संपादक भावेश आर्य