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राजनीतिक सरंक्षण में फल फूल रहा बजरी कारोबार, 5 गाव के सरपंचों ने जिला कलेक्टर से नदियों को बचाने की लगाई गुहार,

 

सिरोही(हरीश दवे) ।

जिला मुख्यालय से महज 16 किलोमीटर दूर बहने वाली कृष्णावती नदी में बड़े पैमाने पर जमकर अवैज्ञानिक और अवैध तरीके से दिन रात बजरी खनन हो रहा है। जिसके कारण कृष्णावती नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। नदी से बजरी निकालने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए सभी कानूनों को ताकपर रखा जा रहा है। परन्तु जिला प्रशासन और सम्बंधितखनीज विभाग मामले पर मौन साधे बैठा हैं। शुक्रवार को नौ से अधिक गांव के सरपंचो के नैतृत्व में आए गा्रमवासियों ने जिला कलक्टर से मुलाकात कर बजरी के अवेध खनन को तत्काल रांेकने की गुहार की है कारवाही न होने की सूरत में जन आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है । बरलूट,भूतगांव,मंडवारिया,वराडा,मनोरा, के सरपंचो ने बताया कि पिछले कई दिनो से नदी में पोकलेण्ड मशीनों व जेसीबी की सहायता से बीस बीस चक्के वाली बडी गाडियों में दिन रात खनन किया जा रहा है जिले से बाहर की इन गाडियों में बजरी को लेजाने वालो केसाथ बाहर से आए कुछ असामाजिक तत्व के लोग फिल्मी स्टाईल में खुली जीपो में तेजी से गांव में घुमते है बजरी खनन रोकने का कहने पर डराया जाता है। उन्होने बताया कि अवेध रूप से खनन करने वालो ने नदी की प्राकृतिक धारा को किसी जगह रोका गया है और किसी जगह पर मोड़ा गया है। बड़ी बड़ी जेसीबी और भीमकाय मशीनें बेतरतीबी से नदी तल से बजरी खोदने में व्यस्त हैं। कई स्थानों पर नदी में विशालकाय गढ्डे बन गए हैं। तो अन्य जगह नदी को बड़े तालाब में बदल दिया गया है। एक तरह से नदी नाम की कोई चीज देखने को नहीं मिली। नदी के स्थान पर जलकुंड और मशीनों और ट्रकों का शोर-शराबा ही देखने और सुनने को मिल रहा है उन्होने ज्ञापन में बताया कि इनकी वजह से गांव में बनी सडके भी टूट गई है। गांववासियों का कहना है कि नियमों के अनुसार, खनन के दौरान नदी के सक्रिय प्रवाह क्षेत्र में किसी भी प्रकार बदलाव या हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए। साथ में नदी की बहती धारा को किसी भी तरह से परिवर्तित नहीं करना होता है। तीन मीटर से ज्यादा गहराई से या नदी भूजल स्तर से अधिक गहराई से रेत निकालने पर पाबन्दी है। रात के समय खनन प्रतिबंधित है। आश्चर्य है, इन नियमों से खनन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण समिति, प्रर्यावरण समिती, जिला प्रशासन सब अनभिज्ञ बने हुए हैं । उन्होने जिला कलक्टर से अविलम्ब कारवाही करने की मांग करतें हुए उनसे न्याय की गुहार की है ।

संपादक भावेश आर्य 

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