मीरपुर में जहाज मंदिर की हुई प्राण प्रतिष्ठा, आज होगा द्वार उदघाटन

सिरोही(हरीश दवे)।

प्राचीन तीर्थ भूमि मीरपुर में आज जहाज मंदिर में मुनिसुव्रत स्वामी भगवान एवं अन्य देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा गुरूवार को प्रातः शुभूर्हत में गाजते बाजते हुई। आचार्य भगवंत अशोक सागरसूरीजी म. सा. एवं अन्य साधु-साध्वीयों की निश्रा में ओम पुण्याम-पुणयाम-प्रियमताम-प्रियमताम के मंत्रोचारण के साथ ध्वजा चठाई गई। इससे पहले विधि विधान के साथ दण्ड कलश की पूजा अर्चना की गई ओर आचार्य भगवंत ने परमात्मा की नुतन प्रतिमाओं पर वास्क्षेप किया। पार्श्वगच्छ के प्रमुख दादा गुरूदेव श्री पार्श्वचन्द्रसूरीजी का गुफायुक्त गुरू स्मृति मंदिर भी यहां बनाया गया हैं जिसकी भी आज धूमधाम के साथ प्रतिष्ठा हुई।यह जहाज मंदिर जिनालय श्री जैन श्वे. पार्श्वचन्द्रसूरीश्वर धाम ट्रस्ट, मीरपुर की देखरेख में बनाया ओर उसमें नागौर-कोलकाता के विजयराज चौधरी परिवार का उल्लेखनीय योगदान रहा। गाजते बाजते चौधरी परिवार जिनालय पहुंचा ओर शुभमूर्हत में ध्वजा फहराई तो भक्तगणों ने खुशी व्यक्त करते हुऐ जय जय श्री मुनिसुव्रत स्वामी का जयकारा किया ओर एक दुसरे के गाल पर कंकु लगाकर खुशी व्यक्त की। प्रतिष्ठा के बाद आचार्य भगवंत अशोकसागरसूरीजी एवं मीरपुर जहाज मंदिर की प्रेरिका एवं तीर्थ संस्थापिका साध्वी सुनंदिताश्रीजी म. सा. ने ट्रस्ट मंडल के अध्यक्ष विजयराज चौधरी व उनके परिवारजनों एवं ट्रस्टी पदमचंद चौधरी, प्रेमचंद छल्लाणी, मनोज कुमार चौधरी, निर्मला देवी, शिल्पा देवी, निर्मल चौधरी, लाभचंद समदडिया, जयचंद छल्लाणी, संजय चौधरी, अनिल बोहरा, दिनेश चौधरी व लवेश चौधरी पर वास्क्षेप डालकर उनको जिनशासन की प्रभावना के इस सुन्दर कार्य के लिए आर्शीवाद दिया।
भक्तों ने भी ट्रस्ट मंडल का स्वागत कर उन्हें शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर नुतन जिनालय में पूजा अर्चना एवं दर्शन की लम्बी कतार लगी हुई थी। प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर फलेचुदंडी रखी गई जिसमें भक्तो के अलावा मीरपुर एवं आसपास के ग्रामीणों ने भी प्रसादी का लाभ लिया। सिरोही जैन संघ, कृष्णगंज जैन संघ, वेलागंरी जैन संघ, नागौर जैन संघ, कोलकाता जैन संघ, के पी पेढी सिरोही एवं पावापुरी ट्रस्ट के सदस्यों ने भी प्रतिष्ठा महोत्सव में भाग लेकर शासन की शोभा बढाई। ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री विजयराज चौधरी एवं मंत्री प्रेमचंद छल्लाणी ने प्रतिष्ठा को सफल बनाने में मिले अपार सहयोग के लिए सभी श्री संघो एवं ग्रामीणो का आभार व धन्यवाद व्यक्त किया।


संपादक भावेश आर्य